maa mahagauri mandir : शिवजी को पाने तप से कृष्ण वर्ण हुई माँ भगवती, शिवजी ने गंगाजल से दिया गौर वर्ण और कहलाई महागौरी

maa mahagauri mandir : माता गौरी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तप की. तपस्या के चलते कृष्ण वर्ण हो गई, भगवान शिव ने गंगाजल से मां को गौर वर्ण दिया, फिर मां पार्वती को देवी महागौरी का नाम मिला और काशी में विराजमान हो गई।

Update: 2025-09-30 06:27 GMT

maa mahagauri mandir, :   नवरात्र के आठवें दिन मां दुर्गा के 'महागौरी' रूप की पूजा की जाती है। आज देश भर में माँ दुर्गा में महागौरी रूप की पूजा होती है. ऐसे में अगर आपके मन में सवाल उठता है की क्या भारत में मां महागौरी की प्रसिद्ध मंदिर है तो जवाब है हां. इस आर्टिकल  में हम आपको भारत में मौजूद पवित्र महागौरी जी के मंदिर में बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर में आप आसानी से दर्शन के लिए भी पहुंच सकते हैं। आइए जानते हैं।


पौराणिक कथा के अनुसार जब माता गौरी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तप कर रही थीं। वो तपस्या के चलते कृष्ण वर्ण हो गई, लेकिन बाद में भगवान शिव ने गंगाजल से मां को गौर वर्ण कर दिया। इसके बाद मां पार्वती को देवी महागौरी का नाम मिला और काशी में विराजमान हो गई।


 मां महागौरी जी का मंदिर कहा हैं  ?


पूरे विश्व में धार्मिक राजधानी के नाम से फेमस काशी यानी वाराणसी बाबा बोले की नगरी के नाम से जाना जाता है। इस पावन शहर में भगवान शिव के अनेकों रूप की उपासना की जाती है। इसे पवित्र नगरी में महादेव का वास हो और मां महागौरी का न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। जी हां, जिस पवित्र महागौरी मंदिर के बारे में जिक्र कर रहे हैं वो मंदिर काशी यानी वाराणसी में ही मौजूद है। कई लोगों का मानना है कि जो भक्त नवरात्र के दिनों में मां के ऊपर लाल रंग की चुनरी और फूल अर्पण करता है वो सभी दुखों से मुक्त हो जाता है। इसलिए चैत्र नवरात्रि में भी यहां देश भर से करोड़ों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।


महागौरी मंदिर की पौराणिक कथा


काशी में स्थित महागौरी मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि जब माता गौरी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तप कर रही थीं। वो तपस्या के चलते कृष्ण वर्ण हो गई, लेकिन बाद में भगवान शिव ने गंगाजल से मां को गौर वर्ण कर दिया। इसके बाद मां पार्वती को देवी महागौरी का नाम मिला और काशी में विराजमान हो गई। 




 



महागौरी मंदिर दर्शन का समय


महागौरी मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए सुबह 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक खुला रहता है। हालांकि, दिन में 12 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक मंदिर का दरवाजा बंद रहता है। वहीं चैत्र नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर का दरवाजा भक्तों के लिए दिन भर खुला रहता है। ऐसे में नवरात्रि में आप किसी भी समय दर्शन के लिए जा सकते हैं। 

महागौरी मंदिर कैसे पहुंचें ?


महागौरी मंदिर पहुंचना किसी भी भक्त के लिए बेहद ही आसान है। यहां आप देश के किसी भी कोने से आसानी से पहुंच सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी एयरपोर्ट से यह मंदिर लगभग 30 किमी की दूरी पर है।

अगर आप ट्रेन के माध्यम से महागौरी मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो देश के किसी भी हिस्से से ट्रेन पकड़कर वाराणसी रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं। वाराणसी रेलवे स्टेशन या मंदिर लगभग 10 किमी की दूरी पर मौजूद है। देश के किसी भी स्थान से आप सड़क मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं।


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