Karwa Chauth Vastu Tips: करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम; नहीं तो टूट सकता है व्रत, पति से हो जाएगा तलाक..जानिये क्या कहता है वास्तु शास्त्र

Karwa Chauth Vastu Tips: भारतीय हिन्दू परम्परा में करवा चौथ का पर्व बेहद धूम धाम से मनाया जाता है। महिलायें इस पर्व को अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से करती है। लेकिन कुछ कारणों से उनको कई बार इस व्रत का फल नहीं मिलता, तो चलिए आज हम जानते है कि ऐसे कौन से काम है। जो आपको नहीं करने चाहिए..

Update: 2025-10-07 11:05 GMT

Karwa Chauth Vastu Tips

Karwa Chauth 2025: भारतीय हिन्दू परम्परा में महिलाओं का सबसे ख़ास पर्व करवा चौथ जल्द ही आने वाला है। जिसे लेकर महिलाये काफी उत्सुक भी नजर आ रही है। इस व्रत को महिलाये पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से करती है। महिलाये इस व्रत के लिए सुबह से ही निर्जला व्रत करती है और रात में चाँद देखें के बाद ही यह व्रत खोला जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को विधिपूर्वक करने से पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस साल करवा चौथ का पर्व शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।

व्रत का सही तरीका

करवा चौथ की शुरुआत सुबह सरगी से होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सरगी दक्षिण-पूर्व दिशा में बैठकर लेनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा मिले। सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेना शुभ माना जाता है। पूजा के समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए और व्रत कथा सुनते समय उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए। इसके आलावा संध्या काल में चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे सही मानी जाती है। वहीं, जल में थोड़ा दूध मिलाकर अर्घ्य देना शुभ होता है। पूजा की थाली में कलश, जल, लाल सिंदूर, फूल, मिठाई और दीपक जरूर रखें।

ये वस्त्र करें धारण

इस दिन लाल या पीली चूड़ियां पहनना शुभ माना जाता है। पूजा स्थल को साफ और सुंदर रखें। मन शांत और श्रद्धा से भरा होना चाहिए। ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में और भी प्यार और सम्मान बढ़ता है।

करवा चौथ पर क्या करें

करवा चौथ का व्रत बहुत ही श्रद्धा और प्रेम से किया जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठती हैं और सबसे पहले स्नान करती हैं। फिर साफ मन और तन से सूर्य देव को जल चढ़ाकर अर्घ्य देती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं कि वे पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए उपवास रखेंगी।

दिनभर प्रभु का नाम लेते रहना चाहिए ताकि मन शांत और सकारात्मक बना रहे। शाम को पूजा के समय देसी घी का दीपक जलाकर करवा माता की पूजा की जाती है। पूजा की थाली में फल, मिठाई, सिंदूर, जल से भरा कलश और फूल जरूर रखें। पूजा के बाद फल और मिठाई का भोग लगाया जाता है। इसके बाद व्रत कथा का पाठ या श्रवण किया जाता है, जिसमें करवा चौथ की पौराणिक कहानी सुनाई जाती है। रात को चंद्रमा के दर्शन के बाद उसे अर्घ्य दिया जाता है और फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला जाता है।

करवा चौथ पर क्या न करें

करवा चौथ का व्रत बहुत ही पवित्र और भावनात्मक होता है, इसलिए इस दिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। सबसे पहले तो इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। कोशिश करें कि लाल, गुलाबी या पीले जैसे शुभ रंगों के कपड़े पहनें। व्रत के दौरान मन में किसी के लिए गलत सोच नहीं रखनी चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि, नकारात्मक सोच व्रत के फल को कम कर देती है। इसलिए पूरे दिन अच्छे विचारों के साथ प्रभु का ध्यान करें। घर और पूजा स्थल की सफाई बहुत जरूरी है। गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा आती है, इसलिए सुबह उठकर घर और मंदिर को अच्छे से साफ करें ताकि पूजा का माहौल पवित्र बना रहे। व्रत के समय कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए। यह निर्जला व्रत होता है, यानी बिना पानी के रखा जाता है। अगर गलती से कुछ खा लिया जाए तो व्रत टूट जाता है और उसका पूरा फल नहीं मिलता।

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