Jyeshtha Month Starts : ज्येष्ठ माह आज से शुरू, इस माह का प्रत्येक मंगलवार "बड़ा मंगल", घर के ज्‍येष्‍ठ पुत्र- पुत्री का नहीं होता विवाह... आइये जानें इस माह क्या करें क्या न करें

इसे जेठ का महीना भी कहा जाता है और गर्मी से बचाव के लिए इस दौरान पानी का दान करना शुभ माना गया है. ज्येष्ठ माह में पूजा-पाठ के साथ ही यदि कुछ विशेष कार्य भी किए जाएं तो सूर्य देव, पवन देव और हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.

Update: 2024-05-24 06:56 GMT

Jyeshtha Month Starts : आज यानि 24 मई से हिंदी कैलेंडर का तीसरा महीना शुरू हो गया है जिसे ज्येष्ठ माह  (Jyeshtha Month स्टार्टस)   कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व माना गया है. हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह साल के सबसे बड़े महीनों में से एक है और इस दौरान लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है.

इसे जेठ का महीना भी कहा जाता है और गर्मी से बचाव के लिए इस दौरान पानी का दान करना शुभ माना गया है. ज्येष्ठ माह में पूजा-पाठ के साथ ही यदि कुछ विशेष कार्य भी किए जाएं तो सूर्य देव, पवन देव और हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.

इस महीने में हनुमानजी की पूजा के साथ ही विष्‍णु पूजन का खास महत्‍व होता है। इस महीने में पड़ने वाले व्रत त्‍योहारों का महत्‍व भी बहुत खास होता है। ज्‍येष्‍ठ मास में किया जाने वाला दान भी आपको परम पुण्‍य की प्राप्ति करवाता है। ज्‍येष्‍ठ मास में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा का व्रत सबसे खास माना जाता है। 

वहीँ माना जाता है की ज्‍येष्‍ठ के महीने में घर के ज्‍येष्‍ठ पुत्र और पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसको करने से वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता।


ज्येष्ठ माह में करने चाहिए ये काम



  • शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह भगवान सूर्य देव, पवन देव और हनुमान जी का पूजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. कहते हैं कि इस दौरान यदि इनका विधि-विधान से पूजन किया जाए तो शुभ फल की प्राप्ति होती है.
  • इसके अलावा ज्येष्ठ माह में रोजाना सुबह उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से लंबी आयु का वरदान मिलता है और रोगों से भी मुक्ति मिलती है.
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही है तो उसे ज्येष्ठ माह में आने वाले शनि जयंती के दिन शनि देव का पूजन करना चाहिए. इससे शनि दोष का प्रभाव कम होता है.
  • ज्येष्ठ माह में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व माना गया है क्योंकि इस माह हनुमान जी पहली बार अपने प्रभु भगवान श्री राम से मिले थे. इस माह आने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है.
  • ज्येष्ठ माह में भीषण गर्मी पड़ती है और ऐसे में चिलचिलाती धूप से बचने का सुझाव दिया गया है. ऐसे में यदि जरूरतमंद लोगों को छाता और पानी दान किया जाए तो पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
  • इसके अलावा ज्येष्ठ माह में मिट्टी का घड़ा, जूते, खीरा और सत्तू दान करना शुभ होता है. क्योंकि इस माह गर्मी की वजह से शरीर में जल का स्तर कम होने लगता है, इसलिए अधिक से अधिक पानी पीना चा​हिए.
  • ज्येष्ठ माह में राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही पशु-पक्षियों के लिए भी जगह-जगह जल रखना चाहिए.

ज्‍येष्‍ठ मास में क्‍या न करें

  • ज्‍येष्‍ठ के महीने में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं। धार्मिक कारणों से इसे अशुद्ध माना जाता है और वैज्ञानिक पहलू यह है कि इस महीने में बैंगन में कीड़े पड़ जाते हैं।
  • ज्‍येष्‍ठ के महीने में घर के ज्‍येष्‍ठ पुत्र और पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसको करने से वैवाहिक जीवन सुखद नहीं होता।
  • ज्येष्ठ मास में मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें।
  • ज्येष्ठ मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए।


ज्‍येष्‍ठ में पड़ने वाले प्रमुख व्रत त्‍योहार




  • 26 मई 2024, संकष्टी चतुर्थी
  • 28 मई 2024, पहला बड़ा मंगल
  • 2 जून 2024, अपरा एकादशी
  • 4 जून 2024, मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, दूसरा बड़ा मंगल
  • 11 जून 2024, तीसरा बड़ा मंगल
  • 16 जून 2024, गंगा दशहरा
  • 18 जून 2024, निर्जला एकादशी, चौथा ब
  • 22 जून 2024, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
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