Ganesh Visarjan 2025: जानिये कैसे करें गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और विशेष जानकारी

Ganesh Visarjan 2025: हिन्दू परम्परा और संस्कृति के ख़ास पर्व गणेश चतुर्थी को हर साल की तरह इस वर्ष भी बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसका ख़ास असर महाराष्ट्र के मुंबई में देखने को मिलता है..

Update: 2025-08-30 10:59 GMT
फाइल  फोटो 

Ganesh Visarjan 2025: हिन्दू परम्परा और संस्कृति के ख़ास पर्व गणेश चतुर्थी को हर साल की तरह इस वर्ष भी बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इसका ख़ास असर महाराष्ट्र के मुंबई में देखने को मिलता है, जहाँ प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाल बाग़ चा राजा की प्रतिमा स्थापित की गई है। जिसपर करोड़ों रुपयों का चढ़ावा भी चढ़ाया जा रहा है।

आपको बता दें कि, केवल दस दिनों तक मनाया जाने वाला यह पर्व काफी ख़ास होता है। इन दस दिनों के दौरान गणेश जी को कई विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते है, और बड़े ही धूमधाम से अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की अंतिम विदाई की जाती है।

इसमें कई विशेष बातों का भी ध्यान रखा जाता है, भक्त 1.5 दिन, तीसरे दिन, पांचवें दिन और सातवें दिन भी गणपति का विसर्जन करते हैं। आपको बता दें कि, इस वर्ष 31 अगस्त 2025 (रविवार) के दिन बाप्पा के विसर्जन का शुभ मुहूर्त बन रहा है। आइए जानते हैं, 2025 के गणेश विसर्जन की पूरी तिथियां और शुभ मुहूर्त...

अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- सुबह 07:34 बजे से दोपहर 12:21 बजे तक
  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- दोपहर 01:57 बजे से दोपहर 03:32 बजे तक
  • सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- शाम 06:44 बजे से रात 10:57 बजे तक
  • रात्रि मुहूर्त (लाभ)- 1 सितंबर 2025 को रात 01:46 बजे से सुबह 03:10 बजे तक
  • उषाकाल मुहूर्त (शुभ)- 1 सितंबर 2025 को सुबह 04:35 बजे से सुबह 05:59 बजे तक

घर पर गणपति विसर्जन करने की विधि

  • सबसे पहले विसर्जन से पहले भगवान गणेश को विधिवत स्नान कराएं।
  • इसके बाद उन्हें फूल, दूर्वा, प्रसाद, मोदक का भोग अर्पित करें।
  • फिर गणपति बप्पा की आरती करें और उनसे क्षमा याचना करें कि यदि पूजा-पाठ करते समय कोई चूक या गलती हो गई हो तो माफ कर दें।
  • इसके बाद आप गणेश जी का जल से भरे एक स्वच्छ पात्र, बाल्टी या टब में स्थापित करें।
  • ध्यान रखें कि, यह पात्र घर के मंदिर या किसी पवित्र स्थान पर रखा होना चाहिए।
  • इसके बाद आप मंत्रों का जाप करते हुए धीरे-धीरे गणपति की मूर्ति को जल में विसर्जित करें।
  • इस दौरान “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” का जयघोष करें. ध्यान रखें कि मूर्ति को पूरी तरह पानी में घुलने दें।

विसर्जन के बाद क्या करना चाहिए?

एक बार जब भगवान गणपति की मूर्ति पूरी तरह से पानी में घुल जाए, तो उस पानी को घर के गमलों, बगीचे या किसी स्वच्छ स्थान पर डाल दें। इससे मिट्टी की मूर्ति पौधों के लिए खाद का कार्य करेगी और यह प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाएगी। अंत में भगवान गणेश को फिर से प्रणाम करें और अगले वर्ष फिर से आने के लिए आमंत्रण दें।


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