Gangajal Vastu Tips: गंगाजल को घर में रखने से पहले ज़रूर जान लें ये 5 वास्तु नियम, वरना हो सकता है भारी नुकसान!
Gangajal Vastu Tips, Gangajal Ke Niyam Vastu Tips: गंगा नदी को हिंदू धर्म में कलियुग का सबसे बड़ा तीर्थ माना गया है। मान्यता है कि गंगाजल को घर में रखने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि कई तरह की बाधाएं भी दूर होती हैं।
Gangajal Vastu Tips, Gangajal Ke Niyam Vastu Tips: गंगा नदी को हिंदू धर्म में कलियुग का सबसे बड़ा तीर्थ माना गया है। मान्यता है कि गंगाजल को घर में रखने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि कई तरह की बाधाएं भी दूर होती हैं। लेकिन इसके लिए कुछ खास वास्तु नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। अगर आप भी अपने घर में गंगाजल रखते हैं तो इन नियमों को ज़रूर जान लें।
गंगाजल क्यों होता है खास
गंगा को पवित्रता की प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि गंगा स्नान से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी तरह, अगर आप गंगाजल को घर में सही ढंग से रखते हैं तो आपके घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
किस दिशा में रखें गंगाजल
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, गंगाजल को घर के उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अलावा आप इसे अपने घर के मंदिर में भी रख सकते हैं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
गंगाजल रखने का तरीका
गंगाजल को हमेशा किसी ढके हुए पात्र में ही रखना चाहिए। ध्यान रखें कि इसे कभी भी खुले बर्तन में न रखें, वरना इसकी पवित्रता भंग हो सकती है। साथ ही, वह जगह साफ-सुथरी और रोशनी वाली होनी चाहिए जहां आप गंगाजल रख रहे हैं।
किस बर्तन में रखें गंगाजल
गंगाजल को रखने के लिए तांबे, पीतल, चांदी या मिट्टी के पात्र का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रखना वास्तु के हिसाब से उचित नहीं है। इसलिए जब भी गंगाजल लाएं, उसे किसी शुद्ध धातु के बर्तन में ही रखें।
इन बातों का रखें खास ध्यान
गंगाजल को कभी भी गंदे, अंधेरे या शौचालय के पास न रखें। ऐसा करने से शुभता में कमी आ सकती है। इसे हमेशा स्वच्छ हाथों से ही छुएं। बिना स्नान किए गंगाजल का इस्तेमाल न करें और झूठे हाथों से भी इसे न छुएं।
गंगाजल छिड़कने के लाभ
हफ्ते में कम से कम एक बार, विशेषकर पूर्णिमा या अमावस्या को घर में गंगाजल का छिड़काव जरूर करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बनी रहती है। इससे घर में कलह-कलेश भी कम होता है और शांति बनी रहती है।