Diwali 2024: कब है दीवाली? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को? असमंजस कायम, आज इंदौर में और जल्द काशी में भी बैठक...

Diwali 2024: कब है दीवाली? 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को? असमंजस कायम, आज इंदौर में और जल्द काशी में भी बैठक...

Update: 2024-09-30 11:22 GMT

Diwali 2024: हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दीवाली इस साल किस दिन मनाया जाए, इस बात को लेकर इस बार बड़ा असमंजस हो गया है। दरअसल इस बार कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन है। ऐसे में भक्तगण जानना चाहते हैं की दिवाली की पूजा आखिर किस दिन की जाएगी? आपको बता दें कि पंचांग के अनुसार 31 तारीख को 3 बजकर 22 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ होगी जो 1 नवंबर को शाम को 5 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी। देश भर के पंडितों के बीच भी दीवाली की तिथि को लेकर फिलहाल मंथन चल रहा है। पता चला है कि एकराय कायम करने के लिए पंडितों की एक बैठक आज इंदौर में और उसके बाद एक बैठक काशी में होगी। जहां तक शहर के पंडितों की राय है तो उनके अनुसार दीवाली 31 अक्टूबर को रात्रि काल में मनाए जाना उचित है।

कब शुरू हुई दीवाली मनाने की परंपरा

दीवाली यानि दीपोत्सव, जिसे मनाने की शुरुआत तब हुई जब प्रभु श्री राम 14 साल का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे। उनके आगमन की खुशी में पूरा अयोध्या दीपों से जगमगा उठा। हर घर में उत्साह था, हर घर का कोना-कोना दमक रहा था। लोग अपने सबसे सुंदर वस्त्रों में सजे हुए थे और मंगलकामनाएं कर रहे थे। तब से लेकर आज तक कार्तिक मास की अमावस्या को गौधूली बेला में दीवाली मनाने का चलन है। लोग महिना भर पहले से घर की साफ -सफाई, रंग-रोगन करवाते हैं और दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। प्रभु श्री राम और माता सीता का स्मरण करते हैं। वे मां लक्ष्मी से अपने घर आगमन की प्रार्थना करते हैं। ताकि घर धन-धान्य से भरा रहे।परिवार में सब सुखी और निरोगी रहें। मूलतः दीपोत्सव हमारे यहां पांच दिन का होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के साथ।

इस साल क्यों है कंफ्यूज़न

साल 2024 में कार्तिक अमावस्या दो दिन 31 अक्टूबर व 1 नवंबर दो दिन पड़ रही है। इसलिए इस पर मंथन चल रहा है कि दीवाली किस दिन मनाना उचित है। हालांकि यदि दीवाली 1 नवंबर को मनाई जाती है तो इस बार दीपोत्सव छह दिन का हो जाएगा। हालांकि फिलहाल पंडितों की एक राय आनी बाकी है। लेकिन शहर के पंडित राजा मिश्रा काशी पंचाग के आधार पर बताते हैं कि दीवाली पूजन 31 अक्टूबर को प्रदोष काल में करना उचित है।

1 नवंबर को दीवाली मनाने में क्या है अड़चन

दरअसल एक नवंबर को शाम पांच 5 बजकर 23 मिनट के बाद अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी और प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। ऐसे में कार्तिक अमावस्या तिथि बीत जाएगी जो कि दीवाली पूजन की मूल तिथि है। इसलिए 31 अक्टूबर को दीवाली मनाना उचित माना जा रहा है।

जानें कब से शुरू होगा दीपोत्सव

जैसा कि आप जानते हैं कि दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस इस साल 29 अक्‍टूबर को मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी 30 अक्‍टूबर को और लक्ष्मी पूजन 31 अक्‍टूबर को होने की प्रबल संभावना है। गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को होगी। वही भाई दूज 3 नवंबर को मनाई जाएगी।

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