Christmas 2025 : क्रिसमस ईव पर 7 मछलियों की दावत : सांता और केक के बीच क्या है यह रहस्यमयी परंपरा? जानें इसका धार्मिक कनेक्शन

Christmas 2025 : जब हम क्रिसमस की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले बर्फ, चमकता हुआ क्रिसमस ट्री, लाल कपड़ों में सांता क्लॉज और मीठे केक का ख्याल आता है।

Update: 2025-12-18 08:59 GMT

Christmas 2025 : क्रिसमस ईव पर 7 मछलियों की दावत : सांता और केक के बीच क्या है यह रहस्यमयी परंपरा? जानें इसका धार्मिक कनेक्शन

Christmas 2025 : क्रिसमस 2025 : जब हम क्रिसमस की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले बर्फ, चमकता हुआ क्रिसमस ट्री, लाल कपड़ों में सांता क्लॉज और मीठे केक का ख्याल आता है। लेकिन दुनिया के एक बड़े हिस्से, खासकर इतालवी-अमेरिकी (Italian-American) परिवारों में क्रिसमस की पूर्व संध्या यानी 24 दिसंबर की रात को एक बेहद अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा का नाम है 'फीस्ट ऑफ द सेवन फिशेज' (Feast of the Seven Fishes)। इस दावत में मांस या चिकन नहीं, बल्कि सात अलग-अलग तरह की मछलियों और समुद्री व्यंजनों का लुत्फ उठाया जाता है। सुनने में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन इस मछली भोज के पीछे सदियों पुराना इतिहास और गहरी धार्मिक मान्यताएं छिपी हुई हैं।

Christmas 2025 : क्यों शुरू हुई मछली खाने की परंपरा?

इस परंपरा की शुरुआत इटली के कैथोलिक परिवारों से हुई थी। दरअसल, पुराने समय में रोमन कैथोलिक धर्म में यह नियम था कि क्रिसमस जैसे बड़े और पवित्र त्योहारों से पहले शरीर और मन की शुद्धि के लिए उपवास या परहेज किया जाए। इस परहेज के दौरान मीट (लाल मांस) और डेयरी उत्पादों (दूध-मक्खन) का सेवन वर्जित होता था। चूंकि 24 दिसंबर की रात को लोग ईसा मसीह के जन्म का इंतजार करते थे, इसलिए उस रात को पवित्र रखने के लिए मांस की जगह मछली को मुख्य भोजन के रूप में चुना गया। इटली के तटीय इलाकों में मछली आसानी से उपलब्ध थी, इसलिए यह धीरे-धीरे एक भव्य दावत में बदल गई।

अंक 7 का रहस्य : सिर्फ सात मछलियां ही क्यों?

अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि दावत में पांच या दस मछलियां क्यों नहीं, सिर्फ 'सात' ही क्यों? हालांकि कई आधुनिक परिवार अब अपनी पसंद के हिसाब से पकवानों की संख्या बढ़ा या घटा देते हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से '7' अंक के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक कारण बताए जाते हैं।

ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबिल में सात अंक को पूर्णता और दिव्यता का प्रतीक माना गया है। पूरी बाइबिल में सात अंक का जिक्र 700 से भी ज्यादा बार आया है। इसके पीछे कुछ प्रमुख तर्क ये हैं:

सृष्टि की रचना: बाइबिल के अनुसार, ईश्वर ने इस सुंदर दुनिया को बनाने में 6 दिन का समय लिया था और सातवें दिन उन्होंने विश्राम किया था। इसलिए सातवां दिन पवित्रता और पूर्णता का प्रतीक है।

सात पवित्र संस्कार: रोमन कैथोलिक चर्च में सात मुख्य संस्कार (Sacraments) होते हैं, जो एक ईसाई के जन्म से लेकर मृत्यु तक के सफर को दर्शाते हैं।

रोम का कनेक्शन: कैथोलिक धर्म का केंद्र रोम शहर सात पहाड़ियों पर बसा है। इसलिए इटली के लोगों के लिए सात अंक उनकी संस्कृति और पहचान का हिस्सा है।

सात घातक पाप: कुछ लोग इसे सात घातक पापों (Seven Deadly Sins) पर विजय पाने और स्वयं को शुद्ध करने के प्रतीक के रूप में भी देखते हैं।

दावत की मेज पर क्या-क्या होता है?

इस खास डिनर में मछलियों को अलग-अलग तरीकों से पकाया जाता है। इसमें तली हुई मछली, फिश सूप, पास्ता के साथ सीफूड, झींगे (Prawns), केकड़े और कई अन्य समुद्री जीव शामिल होते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर रात के खाने का आनंद लेते हैं। यह भोज सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं होता, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि परिवार के लोग अपने मतभेदों को भुलाकर एक साथ आए हैं।

आधुनिक समय में परंपरा का बदलता स्वरूप

आज के दौर में फीस्ट ऑफ द सेवन फिशेज सिर्फ एक धार्मिक रिवाज नहीं रह गया है। यह अब एक कल्चरल सेलिब्रेशन बन चुका है। जो लोग इटली से जाकर अमेरिका या अन्य देशों में बस गए, उन्होंने अपनी इस विरासत को आज भी जिंदा रखा है। आज के समय में यह परंपरा परिवार को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। लोग महीनों पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं कि इस बार कौन सी सात मछलियां बनेंगी। भले ही आज लोग मांस खाने पर लगे धार्मिक प्रतिबंधों को उतनी सख्ती से नहीं मानते, लेकिन इस परंपरा का स्वाद और इसकी यादें उन्हें अपनी जड़ों से जोड़े रखती हैं।

क्रिसमस का त्योहार हमें दया, प्रेम और एकता का संदेश देता है। सात मछलियों की दावत भी इसी एकता का एक हिस्सा है। यह हमें सिखाती है कि त्योहार सिर्फ चमक-धमक का नाम नहीं है, बल्कि यह अपनी संस्कृति को सम्मान देने और परिवार के साथ बिताए गए उन चंद घंटों का नाम है, जो हमें साल भर के लिए खुशी दे जाते हैं। तो इस बार जब आप क्रिसमस मनाएं, तो इस सात मछलियों वाली कहानी को याद जरूर करें।

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