Bastar Dussehra 2025: बस्तर दशहरा की 600 साल पुरानी अनोखी रस्म! 9 दिन 4 फ़ीट गड्ढे में बैठ करेंगे निर्जला उपवास, जानिए इस अनूठी परम्परा के बारे में...
Jogi Bithai Rasm Puri: जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में विश्व का सबसे लंबा दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक दशहरा पर्व की अनूठी परंपरा जोगी बिठाई रस्म भी पूरे विधि-विधान और श्रद्धा से संपन्न हो गई है। तो चलिए जानते हैं क्या होती है जोगी बिठाई रस्म और कैसे निभाई जाती है।
Bastar Dussehra 2025
Jogi Bithai Rasm Puri: जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में विश्व का सबसे लंबा दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक दशहरा पर्व की अनूठी परंपरा जोगी बिठाई रस्म भी पूरे विधि-विधान और श्रद्धा से संपन्न हो गई है। तो चलिए जानते हैं क्या होती है जोगी बिठाई रस्म और कैसे निभाई जाती है।
75 दिन का होता है दशहरा पर्व
बता दें कि बस्तर में विश्व का सबसे लंबा और ऐतिहासिक दशहरा पर्व मनाया जाता है। यह दशहरा पर्व 75 दिन का होता है, जिसकी शुरुआत सावन भाद्रपद की हरेली अमावस्या से होती है और अश्विन मास की तुतिया या उसके बाद देवी की विदाई के बाद इसका समापन होता है। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतिक ही नहीं बल्की सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक एकता का भी गहरा संदेश देता है। इस ऐतिहासिक दशहरा पर्व में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं।
क्या है जोगी बिठाई रस्म
बता दें कि जोगी बिठाई रस्म पिछले 600 साल से हल्बा जाति के पुरुष की ओर से निभाई जा रही है। बस्तर दशहरा पर्व को बिना किसी विघ्न के सफलतापूर्वक मनाया जाए, इसके लिए जोगी सिरहासार भवन में 4 फीट के कुंड में योगासन की मुद्रा में बैठकर तपस्या करता है। साथ ही 9 दिन का निर्जलाव्रत भी रखता है।
कैसे निभाई जाती है जोगी बिठाई रस्म
जोगी बिठाई रस्म की यह रस्म जगदलपुर के सिरहासार भवन में निभाई जाती है। जोगी के रूप में बैठने वाले व्यक्ति को कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरना होता है। जो भी व्यक्ति जोगी के रूप में बैठना चाहता है उसे सबसे पहले अपने पितरों का श्राद्ध करना होता है। इसके बाद उसे अच्छे वस्त्र पहनाकर मावली माता मंदिर ले जाया जाता है, जहां उससे तलवार की पूर्जा अर्चना कराई जाती है। जोगी उस तलवार को लेकर सिरहासार भवन पहुंचता है और एक कुंड में नौ दिन के लिए योगासन की मुद्रा में बैठ जाता है। इन नौ दिनों तक वह निर्जलाव्रत रखकर बस्तर दशहरा को बिना किसी बाधा के सपन्न कराने के लिए तपस्या करता है।
जोगी परिवार के रघुनाथ नाग ने निभाई जोगी बिठाई रस्म
इस साल बड़े आमाबाल के जोगी परिवार के रघुनाथ नाग ने जोगी बिठाई रस्म निभाई। जोगी बिठाई रस्म को जगदलपुर के सिरहासार भवन में निभाई गई। अब रघुनाथ नाग जोगी के रूप में योगासन की मुद्रा में नौ दिन तक 4 फीट के कुंड में बैठकर बस्तर दशहरा को बिना किसी बाधा के सपन्न कराने के लिए तपस्या कर रहा है।