Ashadha Gupt Navratri 2024 : 500 वर्ष बाद "त्रियोग" में प्रारम्भ हो रही है "गुप्त नवरात्रि", 10 दिन की होगी नवरात्रि
Ashadha Gupt Navratri 2024 : शनिवार 6 तारीख को छत्र योग, त्रिपुष्कर योग और श्रीवत्स योग है| इस तरह त्रियोग में गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है जो की सभी के लिए कल्याणकारी है|इस आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है अत: नवरात्रि 10 दिनों की है|
Ashadha Gupt Navratri 2024 : नवरात्रि का पावन त्योहार आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, साल भर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। जिसमें से दो चैत्र व शारदीय और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार आषाढ़ मास में पड़ने वाले नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
शनिवार 6 तारीख को छत्र योग, त्रिपुष्कर योग और श्रीवत्स योग है| इस तरह त्रियोग में गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है जो की सभी के लिए कल्याणकारी है| इस आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि में तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है अत: नवरात्रि 10 दिनों की है|
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुम्रावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस साल गुप्त नवरात्रि बेहद शुभ संयोग में शुरू हो रहे हैं। गुप्त नवरात्रि के पहले दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति इस दिन का महत्व बढ़ा रही हैं।
कलश स्थापना मुहूर्त :
प्रात: 8.29 से 10.39 तक सिंह लग्न में|
अभिजित मुहूर्त: प्रात: 11.36 से 12.24 बजे तक |
दोपहर 3.01 से 5.16 तक वृश्चिक लग्न में |
गुप्त नवरात्रि में दश महाविद्याओं की आराधना की जाती है| प्रतिदिन इनके मन्त्रों का जाप कर के घी शक्कर या दूध का भोग लगाएं तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं|
- दस महाविद्याएं इस प्रकार है - काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला।
शक्ति स्वरुपिणी दश महाविध्याओं का विवरण इस प्रकार मिलता है :
1.काली: काल सर्प, मांगलिक,मृत्यु भय जैसी बाधाओं से मुक्ति के लिये आदिशक्ति माँ काली की आराधना का शास्त्रों में वर्णन मिलता है। मंत्र: क्रीं ह्रीं ह्रूं दक्षिणे कालिके स्वाहा।
2.तारा: बौद्धिक योग्यता में वृद्धि और उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिये आदि शक्ति की आराधना श्रेष्ठ है। मंत्र: ऊँ ह्रीं स्त्रीं हुं फट।
3.त्रिपुर सुन्दरी: व्यक्तित्व विकास,स्वस्थ और सुन्दर शरीर की आकांक्षा से माँ त्रिपुर सुन्दरी की आराधना की जाती है। मंत्र: ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदर्यै नमः।
4.भुवनेश्वरी: भूमि,वाहन एवं समस्त ऐश्वर्यों की प्राप्ति के लिये माँ भुवनेश्वरी की आराधना करना लाभदायक है। मंत्र: ऊँ ह्रीं भुबनेश्वर्यै ह्रीं नमः।
5. छिंन्मस्ता: केरियर में सफलता, पदोन्नति रोजगार की प्राप्ति के लिये माँ छिन्नमस्ता को प्रसन्न करना लाभदायक है। मंत्र: ऊँ श्रीं ह्रीं ऐं वज्र वैरोचनियै ह्रीं फट स्वाहा:।
6.त्रिपुर भैरवी: सुन्दर और श्रेष्ठ पेशंट पत्नि की प्राप्ति और शीघ्र विवाह के लिये त्रिपुर भैरवी की साधना उत्तम है। मंत्र: ऊँ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:।
7.धूमावती: अज्ञात भय,बाहरी बाधा इत्यादि से मुक्ति के लिये इन नौ दिनों में माँ धूमावति की आराधना सहायक सिद्ध होती है। मंत्र: ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:।
8.वगुलामुखी: प्रतियोगिता परीक्षा में और न्यायिक विवादों में सफलता हेतु माँ वगुलामुखी की आराधना श्रेष्ठ है। मंत्र: ऊँ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ऊँ नम:
9. मातंगी: संतान प्राप्ति हेतु और प्राकृतिक उपद्रवों से मुक्ति के लिये आदि शक्ति मातंगी की आराधना लाभदायक है। मंत्र: ऊँ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:।
10. कमला: धन धान्य की प्राप्ति ,समृद्धि,ऋण मुक्ति और प्रगति की आकांक्षा रखने वालों को माँ कमला की उपासना करनी चाहिये। मंत्र: हसौ: जगत प्रसुत्यै स्वाहा:।