27 September 2025 ka Panchang : आज शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन, पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा, राहुकाल प्रात: 8.54 से 10.24 तक
Panchang of 27 September 2025 : आज आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है. पंचमी तिथि को मां स्कंदमाता की पूजा.
27 September 2025 ka Panchang : दैनिक पंचांग के अनुसार आज 27 सितंबर, शनिवार का दिन है. आज आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है.
पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। देवी को यह नाम उनके पुत्र भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण प्राप्त हुआ।
शास्त्रों में इनके पूजन से साधक को न केवल सांसारिक सुख-समृद्धि बल्कि दिव्य ज्ञान और आरोग्य की भी प्राप्ति होती है।
27 सितम्बर 2025 का पंचांग ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार
तिथि संवत : आश्विन मास शुक्ल पक्ष पंचमी शनिवार दोपहर 12.04 तक रहेगी |
विक्रम संवत 2082, शाके 1947 हिजरी 1447 सूर्य दक्षिणायन शरद ऋतु|
सूर्योदय कालींन नक्षत्र : सूर्योदय के समय अनुराधा नक्षत्र रात्री 1.07 बजे तक तत्पश्चात ज्येष्ठा|प्रीति योग|कौलव करण
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार(प्रात: 5.30) : सूर्य : कन्या चन्द्र: सिंह मंगल: तुला बुध: कन्या गुरु: मिथुन शुक्र: सिंह शनि: मीन | राहू: कुम्भ केतु : सिंह राशि मे स्थित हैं|
राहुकाल : प्रात; 8.54 से 10.24
आज का सूर्यास्त : 5.51 कल का सूर्योदय 5.58
दिशाशूल : पूर्व | आवश्यक हो तो काली तिल से बनी वस्तु खा कर निकले
शुभाशुभ ज्ञानम् : शारदीय नवरात्रि मां स्कंदमाता की आराधना का दिन | स्कन्द षष्टि , रवियोग होने से पूजन का लाभ मिलेगा|
आज का शुभ चौघडिया :
शुभ: प्रात: 7.24 से 8.54
चर:: प्रात: 11.55 से 1.25
लाभ:: दोपहर 1.25 से 2.54
अमृत: दोपहर 2.54 से 4.24
लाभ:: सायंकाल 5.54 से 7.24
शुभ: रात्री 8.55 से 10.25
अमृत: रात्री 10.25से 11.55
आज जन्मे बच्चो के नाम और राशी :
प्रात: 11.38 तक अनुराधा चरण 2 राशी वृश्चिक पाया रजत नामाक्षर नी
सायंकाल 6.23 तक अनुराधा चरण 3 राशी वृश्चिक पाया रजत नामाक्षर नु
रात्री 1.07 तक अनुराधा चरण 4 राशी वृश्चिक पाया रजत नामाक्षर ने
आराधना ऊँ वन्दे कालीं कराभ्यां परिधमसी युतं तामसीं शीर्षकं च महाकालिका काली देव्यै नमो नम:
खरीददारी का शुभ समय : सायंकाल 6.05 से 7.35 बजे तक|
आज विशेष : अज प्रीति योग होने से सामंजस्य और यश प्राप्ति का योग है | महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती जी का पूजन करें और शिवजी को धतूरा अर्पित करें|