प्राइवेट स्कूलों की फीस :….क्या निजी स्कूलों पर मनमानी के खिलाफ कसेगा शिकंजा…..DPI ने सभी कलेक्टरों को लिखा पत्र….तीन बिंदुओं पर रिपोर्ट की तलब…पिछले कई दिनों फीस के मुद्दे पर सरकार तक पहुंच रही थी शिकायत

Update: 2020-09-26 02:30 GMT

रायपुर 26 सितंबर 2020। कोरोना संकट में भी मनमाने पर उतारू निजी स्कूलों की कुंडली राज्य सरकार तैयार कर रही है। डीपीआई जितेंद्र शुक्ला ने सभी जिलों से उन स्कूलों की लिस्ट तलब की है, जिन्होंने फीस जमा नहीं करने वाले बच्चों को या ता टीसी दे दी या फिर उन्हें आनलाइन क्लास से बाहर कर दिया। वहीं फीस के नाम पर अलग-अलग मदों से मांगे जा रहे फीस की भी जानकारी मांगी है।

दरअसल पिछले कई दिनों से इस बात की जानकारी राज्य सरकार तक पहुंच रही है, जिसमें कोर्ट के निर्देश के बावजूद निजी स्कूल संचालक मनमाने तरीके से फीस की वसूली कर रहे थे और नहीं देने पर या तो स्कूल से निकाल दिया जा रहा था या फिर उन्हें जबरिया टीसी दे दिया जा रहा था।

दरअसल निजी स्कूल संचालकों को लेकर डीपीआई जितेंद्र शुक्ला की तरफ से कई दफा निर्देश जारी किया गया है। 31 जुलाई को भी डीपीआई ने एक निर्देश जारी कर कहा था कि कोर्ट की गाइडलाईन के मुताबिक ही स्कूल संचालक फीस की वसूली करेंगे, बावजूद प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी खत्म नहीं हुई। लिहाजा तीन बिंदुओं पर शिक्षा संचालनालय ने जानकारी कलेक्टर से मांगी गयी है।

  1. 2019-20 में निजी शालाओं द्वारा लॉकडाउन से पूर्व किन-किन मदों में कितनी फीस छात्रों से ली जा रही थी।
  2. हाईकोर्ट की तरफ से पारित 09.07.2020 के उपरांत निजी शालाओं द्वारा किन-किन मदों में कितना शुल्क लिया जा रहा है।
  3. उन छात्रों की सूची जिन्हें निजी शालाओं के द्वारा फीस जमा नहीं करने पर आनलाइन क्लास से वंचित किया जा रहा है अथवा टीसी दिया गया है।

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