Jhumka History Hindi: 2000 साल पुराना झुमका! चोल साम्राज्य से लेकर बॉलीवुड तक का शानदार सफर, जानिए सब कुछ

Jhumka History in Hindi: झुमके केवल एक फैशन एक्सेसरी नहीं बल्कि भारतीय परंपरा, इतिहास और कला की एक अमूल्य धरोहर हैं। महिलाएं इन झुमकों को बड़े चाव से पहनती हैं, लेकिन शायद ही किसी को यह पता हो कि इनका इतिहास हजारों साल पुराना है।

Update: 2025-07-17 18:00 GMT

Jhumka History in Hindi: झुमके केवल एक फैशन एक्सेसरी नहीं बल्कि भारतीय परंपरा, इतिहास और कला की एक अमूल्य धरोहर हैं। महिलाएं इन झुमकों को बड़े चाव से पहनती हैं, लेकिन शायद ही किसी को यह पता हो कि इनका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह सिर्फ एक गहना नहीं, बल्कि संस्कृति, भक्ति और क्लासिकल डांस का प्रतीक रहा है। आज हम आपको बताएंगे झुमकों की उत्पत्ति, उनके इतिहास और उनसे जुड़ी रोचक बातें।

झुमके की शुरुआत कहां से हुई? | Origin of Jhumka and its ancient roots

झुमके की शुरुआत केवल फैशन के उद्देश्य से नहीं हुई थी। इनका जन्म प्राचीन काल में, लगभग 300 ईसा पूर्व के दौरान, दक्षिण भारत के चोल साम्राज्य में हुआ था। उस समय झुमकों का प्रयोग मंदिरों में देवी-देवताओं की मूर्तियों को सजाने के लिए किया जाता था। बेल के आकार वाले ये झुमके भगवान को सम्मान और श्रद्धा अर्पित करने के एक माध्यम के रूप में उपयोग होते थे। इस अद्वितीय डिजाइन ने धीरे-धीरे आम लोगों का ध्यान खींचा और यही से झुमकों का जन-सामान्य में चलन शुरू हुआ।

क्लासिकल डांस और झुमका का गहरा रिश्ता | Classical Dancers and Jhumka Connection

प्राचीन समय में झुमके केवल क्लासिकल डांसर्स द्वारा पहने जाते थे। भरतनाट्यम और कथक जैसी पारंपरिक नृत्य शैलियों में झुमके पहनना एक परंपरा बन गया था। जब नर्तकियां मंच पर प्रस्तुति देती थीं, तब झुमकों की हलचल उनके चेहरे के भावों को और भी अधिक प्रभावशाली बना देती थी। पारंपरिक वेशभूषा के साथ झुमके एक आकर्षक समन्वय बनाते थे, जिससे इनकी खूबसूरती और उपयोगिता दोनों में इज़ाफा हुआ।

शाही महिलाओं की पसंद थे झुमके | Royal Women and Their Love for Jhumkas

झुमकों का चलन जब राजमहलों तक पहुंचा, तब मुगल काल की शाही महिलाओं ने इसे और भी सुंदर रूप में अपनाया। उन्होंने झुमकों में अपनी पसंद के अनुसार नए डिज़ाइन जोड़े—जैसे ‘कानफूल’, ‘झुमकी विद चेन’, आदि। शाही पोशाकों के साथ इन झुमकों का मेल अत्यंत भव्य दिखता था। इन झुमकों को बनाने में सोना, चांदी और अन्य कीमती धातुओं का प्रयोग होता था, जो इन्हें और भी राजसी बनाता था।

हर राज्य का झुमका होता है अनोखा | Regional Jhumka Designs across India

भारत के हर राज्य में झुमकों के डिज़ाइन अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, दक्षिण भारत के झुमकों में मंदिरों की आकृति और मूर्तिकला की झलक देखने को मिलती है। वहीं राजस्थान में मीनाकारी और कुंदन के झुमके बेहद लोकप्रिय हैं। उत्तर भारत में पारंपरिक झुमके बेल के आकार में ही बनाए जाते हैं, पर उनके पैटर्न और कारीगरी में विविधता दिखाई देती है। हर डिजाइन भारतीय सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।

‘झुमका गिरा रे’ से बढ़ी लोकप्रियता | Bollywood Song Jhumka Gira Re Made It Iconic

1966 में आई फिल्म ‘मेरा साया’ का गाना ‘झुमका गिरा रे, बरेली के बाज़ार में’ आज भी लोगों की जुबान पर है। इस गाने ने झुमके को आम जनमानस में प्रसिद्ध कर दिया। फिर जब 2023 में ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में इस गाने का रीमेक आया, तब एक बार फिर झुमका देशभर में ट्रेंड करने लगा। बॉलीवुड ने झुमके की पहचान को नई ऊंचाई दी।

हर लुक को बनाता है खास | Jhumka Completes Every Look Elegantly

झुमका एक ऐसा ज्वेलरी पीस है जो किसी भी पहनावे को खास बना सकता है। चाहे आप सिंपल कॉटन कुर्ता पहन रही हों या रिच सिल्क साड़ी, झुमके हर आउटफिट में ग्लैमर जोड़ देते हैं। हेवी झुमके लाइट ड्रेस को रॉयल बना देते हैं, जबकि सिंपल गोल्ड झुमके आपको क्लासी लुक देते हैं। इसलिए यह गहना हर महिला के कलेक्शन में ज़रूर होता है।

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