Phone Par Hello Bolne Ki Shuruat Kab Hui: फोन उठाते ही सबसे पहले ’हेलो’ ही क्यों बोला जाता है! जानिए फोन पर हेलो बोलने की रोचक कहानी

Phone Par Hello Bolne Ki Shuruat Kab Hui: क्या आपको पता है कि जब हम फोन उठाते हैं तो हमारे मुंह से सीधा ’हेलो’ क्यों निकलता है? बचपन में जब भी माता-पिता फोन में किसी से बात करवाते थे तो सबसे पहले हेलो बोलना ही सिखाते थे। दुनिया में अधिकतर लोगों को इसके पीछे की कहानी नहीं पता होती उन्हें पूछने पर वे बताते है कि– बाकी लोगो की तरह हम भी बोल देते है! लेकिन इसके पीछे का इतिहास काफी रोचक है जिसे आपको जरूर जानना चाहिए।

Update: 2025-12-28 05:51 GMT

Phone Par Hello Bolne Ki Shuruat Kab Hui: क्या आपको पता है कि जब हम फोन उठाते हैं तो हमारे मुंह से सीधा ’हेलो’ क्यों निकलता है? बचपन में जब भी माता-पिता फोन में किसी से बात करवाते थे तो सबसे पहले हेलो बोलना ही सिखाते थे। दुनिया में अधिकतर लोगों को इसके पीछे की कहानी नहीं पता होती उन्हें पूछने पर वे बताते है कि– बाकी लोगो की तरह हम भी बोल देते है! लेकिन इसके पीछे का इतिहास काफी रोचक है जिसे आपको जरूर जानना चाहिए।

फोन का आविष्कार और हेलो की शुरुआत

इस हेलो शब्द के राज को जानने से पहले हमें फोन के आविष्कार को जानना होगा। फोन का आविष्कार सबसे पहले अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (Alexander Graham Bell) ने किया था और उन्हें फोन का पेटेंट 7 मार्च 1876 को मिला था। हेलो बोलने की शुरूआत को ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड से जोड़ा जाता है। एक ऐसी कहानी चलन में थी की ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मार्गरेट हेलो था और बेल बात करते समय अपनी गर्लफ्रेड को हेलो कह कर संबोधित करते थे और तभी से हेलो की शुरुआत मानी जाती है। लेकिन इस कहनी में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है, क्योंकि हमने जब ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड/पत्नी का नाम सर्च किया तो पता चला कि उनका नाम मैबेल गार्डिनर हब्बर्ड था। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि हेलो शब्द उनकी गर्लफ्रेंड से तो नहीं आया है।

यह बात जानकर आपको और हैरानी होगी कि एलेग्जेंडर ग्राहम बेल जिन्होंने फोन का आविष्कार किया है उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी हेलो शब्द का इस्तेमाल ही नहीं किया। यह दावा अमेरिका के टेलीग्राफ एंड टेलीफोन कंपनी के द्वारा किया जाता है। इन कंपनियों के दस्तावेजों से यह पता चलता है कि बेल फोन पर बात करते समय ’अहोय’ शब्द का उपयोग करते थे, जिसका मतलब एक दूसरे को बुलाना था। पर अब सवाल उठता है कि यह हेलो का ट्रेंड आया कहां से। इसको जानने के लिए आपको एक और कहनी जाननी पड़ेगी...

थॉमस एडिसन ने बदला इतिहास

फोन पर हेलो बोलने के ट्रेंड की शुरुआत थॉमस एडिसन (Thomas Alva Edison) ने की थी। ग्राहम बेल और थॉमस एडिसन दोनों एक ही सदी के सबसे महान वैज्ञानिक थे। एक ने फोन का आविष्कार किया और दूसरे ने विद्युत बल्ब का। जब दुनिया में फोन की शुरुआत हुई तो ग्राहम बेल ने सबसे पहले फोन ऑगस्टस वॉटसन को किया और कहा कि ”मिस्टर वॉटसन, यहाँ आइए, मैं आपसे मिलना चाहता हूँ"।ऑगस्टस वॉटसन इनके काफी करीबी सहयोगी थे। यह इतिहास की काफी प्रचलित घटना है। फिर धीरे-धीरे लोगों के पास फोन पहुंचते गए और वे फोन उठाते समय लंबे–लंबे शब्दों का इस्तेमाल करते थे जैसे– ’क्या आप वहां हैं’ या ’क्या आप मेरी बात सुन रहे हैं’ etc.

1877 में जब थॉमस एडिसन ने पहली बार फोन का इस्तेमाल किया तो ऐसे लंबे शब्दों से उन्हें काफी दिक्कत थी और फिर एक बार किसी से फोन में बात करने के लिए उन्होंने गलती से हेलो शब्द बोल दिया जो कि उन्हें काफी पसंद आया था। फिर उन्होंने पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कंपनी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि टेलीफोन पर बातचीत की शुरुआत हेलो शब्द से ही करनी चाहिए क्योंकि यह छोटा और समझने में आसान शब्द है। लोगों को भी यह शब्द काफी छोटा और पसंद आने लगा जिस वजह से आज तक यह ट्रेंड बना हुआ है। जब हम हेलो शब्द का असली मतलब पता करने की कोशिश करते हैं तो पता चलता है कि यह शब्द जर्मन भाषा के होला से बना है। इसका मतलब होता है ”क्या तुम सुन रहे हो” या ”कैसे हो”। तो इस तरह से हेलो शब्द आज हर फोन उठाने वाले व्यक्ति की जुबान पर होती है।

ग्राहम बेल की जीवनी और उनके द्वारा फोन के आविष्कार की कहानी भी काफी रोचक है। अगर आपको इस पर एक बेस्ट स्टोरी चाहिए तो कमेंट करके जरूर बताएं और NPG.NEWS से जुड़े रहे। धन्यवाद!

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