Ground me khiladi Chewing Gum kyo chabate hai: खेल के मैदान पर खिलाड़ी क्यों चबाते है च्युइंग गम? कारण जान हो जाएंगे हैरान!

Ground me khiladi Chewing Gum kyo chabate hai: जब भी हम क्रिकेट, फुटबॉल या कोई अन्य खेल देखते हैं, तो अक्सर हमारी नजर इस बात पर जाती है कि खिलाड़ी मैच के दौरान लगातार च्युइंग गम (Chewing Gum) चबाते रहते हैं। जानिए कारण...

Update: 2025-11-30 08:28 GMT

Ground me khiladi Chewing Gum kyo chabate hai: जब भी हम क्रिकेट, फुटबॉल या कोई अन्य खेल देखते हैं, तो अक्सर हमारी नजर इस बात पर जाती है कि खिलाड़ी मैच के दौरान लगातार च्युइंग गम (Chewing Gum) चबाते रहते हैं। रोनाल्डो, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी और अन्य बड़े खिलाड़ियों को अक्सर मैदान पर गम चबाते हुए देखा जा सकता है। पहली नजर में यह एक साधारण आदत या स्टाइल लग सकता है, लेकिन असलियत में इसके पीछे गहरा वैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है जो खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमताओं को प्रभावित करता है। आइए समझते है इसके पीछे का कारण!

खिलाड़ी च्युइंग गम क्यों चबाते है?

खेल के मैदान में खिलाड़ियों को हर एक समय में महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते है। ऐसे में खिलाड़ियों के ऊपर बहुत ज्यादा दबाव रहता है। यहीं पर च्युइंग गम एक अहम भूमिका निभाती है। जब कोई व्यक्ति लगातार च्युइंग गम चबाता है, तो यह क्रिया उसके मस्तिष्क को एक विशेष संकेत भेजती है।

हमारा दिमाग चबाने की इस दोहराई जाने वाली क्रिया को भोजन करने से जोड़ता है। जब हम किसी खतरे में होते हैं या किसी टेंशन में, तो खाना नहीं खाते, इसलिए चबाने की क्रिया दिमाग को यह संदेश देती है कि सब कुछ ठीक है और शरीर सुरक्षित है। यह पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करती है जो शरीर में शांति और आराम की भावना के लिए जिम्मेदार होता है।

लगातार च्युइंग चबाते रहने से शरीर में कॉर्टिसोल नामक तनाव हार्मोन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। कॉर्टिसोल वह हार्मोन है जो तनाव, चिंता और दबाव की स्थितियों में बढ़ जाता है। जब इसका स्तर कम होता है, तो खिलाड़ी अधिक शांत महसूस करते हैं और यही कारण है कि खेल के तनाव भरे पलो में भी वे बेहतर निर्णय ले पाते हैं।

लगातार च्युइंग चबाने के हेल्थ बेनिफिट

1. मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बना रहता है

च्युइंग गम चबाने का एक और महत्वपूर्ण लाभ है, वह है मस्तिष्क में रक्त प्रवाह का बना रहना। वैज्ञानिक अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि जब कोई व्यक्ति च्युइंग गम चबाता है, तो उसके मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सामान्य स्थिति की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जो कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता पर गहरा प्रभाव डालता है।

2. खेल के प्रदर्शन में बढ़ोत्तरी

लगातार च्युइंग गम चबाना मांसपेशियों की सक्रियता और शरीर की मुद्रा स्थिति में सुधार करता है। विशेष रूप से रग्बी, जूडो और क्लाइम्बिंग जैसे खेलों में इसके प्रभाव देखे गए हैं। लंबे समय से चलने वाले गेम्स में अक्सर खिलाड़ियों को मानसिक थकान होने लगती है जिससे उनके खेल प्रदर्शन में कमी नजर आती है। गम से इस समस्या का भी कुछ हद तक निदान किया जा सकता है।

3. खिलाड़ियों के हार्मोनल बैलेंस में उपयोगी

च्युइंग गम चबाने से शरीर के कई महत्वपूर्ण हार्मोन में बदलाव होते हैं। यह क्रिया स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल में कमी और डोपामाइन नामक हार्मोन के स्राव को भी बढ़ाता है। डोपामाइन को अक्सर खुशी और प्लेजर का हार्मोन कहा जाता है। यह व्यक्ति को तुरंत बेहतर महसूस कराता है और आंतरिक मनोबल को बनाए रखता है।

च्युइंग गम चबाते वक्त बरतें ये सावधानियां

  • लगातार चबाने की गति से टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट यानी TMJ में दर्द हो सकता है। यह वह जोड़ है जो जबड़े को खोपड़ी से जोड़ता है।
  • गम चबाते समय हवा निगलना भी एक समस्या है। यह पेट में सूजन और गैस का कारण बन सकता है।
  • शुगर युक्त गम का बार-बार उपयोग दांतों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • बच्चों को च्युइंग गम की पहुंच से दूर रखें। कई बार वे गम को निगल जाते है, जिससे पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।

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