Burj khalifa ki sabse tej lift: सिर्फ 120 सेकंड में 124वीं मंज़िल पहुंचाती है यहां की लिफ्ट, जानिए दुनिया की सुपर-फास्ट लिफ्ट और हाई-राइज तकनीक के बारे में..
Burj khalifa ki sabse tez lift: अजूबों का शहर कहलाने वाला दुबई शहर किसी सपने की दुनिया से कम नहीं लगता। यहां स्थित विश्व की सबसे बड़ी बिल्डिंग बुर्ज खलीफा के तो क्या ही कहने! इस बिल्डिंग में इंजीनियरिंग का एक खास नमूना पेश किया गया है। इसे प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एड्रियन स्मिथ ने डिजाइन किया था। 828 मीटर की भव्य ऊंचाई के साथ यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक दुबई आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी विशाल इमारत में लोग ऊपर तक कैसे पहुंचते हैं? आइए जानते है बुर्ज खलीफा की अत्याधुनिक लिफ्ट प्रणाली के बारे में।
Burj khalifa ki sabse tez lift: अजूबों का शहर कहलाने वाला दुबई शहर किसी सपने की दुनिया से कम नहीं लगता। यहां स्थित विश्व की सबसे बड़ी बिल्डिंग बुर्ज खलीफा के तो क्या ही कहने! इस बिल्डिंग में इंजीनियरिंग का एक खास नमूना पेश किया गया है। इसे प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एड्रियन स्मिथ ने डिजाइन किया था। 828 मीटर की भव्य ऊंचाई के साथ यह दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, जिसे देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक दुबई आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इतनी विशाल इमारत में लोग ऊपर तक कैसे पहुंचते हैं? आइए जानते है बुर्ज खलीफा की अत्याधुनिक लिफ्ट प्रणाली के बारे में।
एक लिफ्ट की हैरान करने वाली गति
बुर्ज खलीफा की लिफ्ट की सबसे चौंकाने वाली बात इसकी गति है। यह लिफ्ट सिर्फ 120 सेकंड यानी मात्र दो मिनट में आपको ग्राउंड फ्लोर से 124वीं मंजिल तक पहुंचा देती है। यह 124वीं मंजिल जमीन से लगभग 452 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस लिफ्ट की गति 36 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ऊपर की ओर बढ़ती है। यह गति सुनने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन जब आप इस लिफ्ट में सवार होते हैं तो आपको एहसास होता है कि यह कितनी तेज है परंतु दुनिया के सबसे तेज लिफ्ट में पहले स्थान पर चीन के शंघाई टावर के लिफ्ट को माना जाता है, जिसकी लिफ्ट 73.8 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती है।
57 लिफ्ट और 8 एस्केलेटर का विशाल नेटवर्क
बुर्ज खलीफा जैसी विशाल इमारत के लिए सिर्फ एक या दो लिफ्ट काफी नहीं होतीं, इसलिए इस इमारत में कुल 57 लिफ्ट और 8 एस्केलेटर लगाए गए हैं। ये सभी लिफ्टें एक साथ मिलकर हर दिन हजारों लोगों को इमारत के विभिन्न हिस्सों तक ले जाती हैं। हर लिफ्ट की क्षमता 12 से 14 लोगों की है।एक दिलचस्प तथ्य यह है कि 2015 में यहां के दो डबल-डेक लिफ्टों ने कुल मिलाकर 384,400 किलोमीटर की दूरी तय की थी, जो पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के बराबर है। यह आंकड़ा बताता है कि ये लिफ्टें कितनी मेहनत करती हैं और कितनी भरोसेमंद हैं। बुर्ज खलीफा का उद्घाटन 4 जनवरी 2010 को हुआ था और तब से लेकर अब तक ये लिफ्टें बिना किसी बड़ी समस्या के लगातार काम कर रही हैं
किसने बनाया बुर्ज खलीफा का लिफ्ट
बुर्ज खलीफा की लिफ्ट को डिजाइन और स्थापित करने का काम ओटिस कंपनी ने किया है, जो दुनिया की सबसे प्रसिद्ध लिफ्ट निर्माता कंपनियों में से एक है। ओटिस ने इस परियोजना के लिए उन्नत और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है। यह कंपनी 160 से अधिक वर्षों से लिफ्ट बनाने के क्षेत्र में काम कर रही है। 2024 से अगले 10 वर्षों तक सभी लिफ्टों की सर्विसिंग की जिम्मेदारी भी ओटिस कंपनी को दी गई है।
लिफ्ट में उपयोग की गई खास तकनीक
- इतनी ऊंचाई तक जाने के लिए लिफ्ट के केबलों का चुनाव एक बड़ी चुनौती थी। इसलिए इसमें कार्बन फाइबर से बने केबलों का इस्तेमाल किया गया है।
- लिफ्ट का डिजाइन एयरोडायनेमिक तरीके से किया गया है, जिससे इसका यह डिजाइन हवा के दबाव को आसानी से झेल लेता है और लिफ्ट को slow होने नहीं देता।
- लिफ्ट शाफ्ट के अंदर विशेष गाइड रेल्स लगाई गई हैं जो लिफ्ट को स्थिर रखती हैं। ये इसलिए है क्योंकि लिफ्ट बिल्कुल सीधी चले और किसी तरह का झटका न लगे।
- जब आप तेजी से ऊपर जाते हैं तो हवा का दबाव कम हो जाता है और इससे कानों में तकलीफ हो सकती है। इस समस्या को हल करने के लिए लिफ्ट के अंदर एक प्रेशर कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। जैसे-जैसे लिफ्ट ऊपर जाती है, यह सिस्टम लिफ्ट के अंदर हवा का दबाव कम करता जाता है।
- बुर्ज खलीफा की लिफ्ट प्रणाली में एक और दिलचस्प तकनीक है रिजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम(Regenerative breaking system)। जब लिफ्ट ऊपर से नीचे आती है तो गुरुत्वाकर्षण के कारण वह गतिज ऊर्जा उत्पन्न करती है। नॉर्मल लिफ्ट सिस्टम में यह ऊर्जा गर्मी के रूप में बर्बाद हो जाती है, लेकिन रिजेनरेटिव ब्रेकिंग में इस ऊर्जा को संग्रहित कर लिया जाता है और बिजली में बदल दिया जाता है।
- लिफ्ट के सटीक नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक माइक्रोप्रोसेसर आधारित प्रणाली लगाई गई है। यह सिस्टम हर पल लिफ्ट की स्थिति, गति और दिशा आदि पर नजर रखता है। यह सिस्टम इतना एडवांस्ड है कि यह माइक्रोसेकंड में निर्णय ले सकता है और लिफ्ट को नियंत्रित कर सकता है।
- इस सिस्टम में कई सुरक्षा उपकरण भी शामिल हैं। अगर किसी तरह की तकनीकी खराबी होती है तो सिस्टम तुरंत इसे पहचान लेता है और लिफ्ट को सुरक्षित रूप से रोक देता है। इसी कारण ही बुर्ज खलीफा की लिफ्टें पिछले 15 वर्षों से बिना किसी बड़ी दुर्घटना के चल रही हैं।