Bharat ki pahli digital janganana 2027: देश की पहली संपूर्ण डिजिटल जनगणना, शौचालय से लेकर जाति तक इस बार सब कुछ पूछा जाएगा, जानिए जनगणना 2027 का प्लान
Bharat ki pahli digital janganana 2027: किसी भी देश की कुल जनसंख्या को पता करने का सही तरीका जनगणना ही होता है। भारत एक ऐसा देश है जहां जनगणना का इतिहास बहुत पुराना है। हर दस साल में होने वाली यह प्रक्रिया देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक गतिविधि मानी जाती है। अब भारत 2027 में जनगणना करने की तैयारी कर चुका है। 2027 में होने वाली जनगणना को 12 दिसंबर 2025 को मंजूरी दे दी गई है और इसके लिए लगभग 11,718 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ऐसे में भारत के हर नागरिक को जानना चाहिए कि इस बार की जनगणना कैसी होगी और क्या क्या नियम में बदलाव है?
Bharat ki pahli digital janganana 2027: किसी भी देश की कुल जनसंख्या को पता करने का सही तरीका जनगणना ही होता है। भारत एक ऐसा देश है जहां जनगणना का इतिहास बहुत पुराना है। हर दस साल में होने वाली यह प्रक्रिया देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक गतिविधि मानी जाती है। अब भारत 2027 में जनगणना करने की तैयारी कर चुका है। 2027 में होने वाली जनगणना को 12 दिसंबर 2025 को मंजूरी दे दी गई है और इसके लिए लगभग 11,718 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ऐसे में भारत के हर नागरिक को जानना चाहिए कि इस बार की जनगणना कैसी होगी और क्या क्या नियम में बदलाव है?
जनगणना 2027 क्यों जरूरी है?(Why is Census 2027 important?)
भारत में जनसंख्या की गिनती करना कोई मामूली काम नहीं है। भारत लगभग 1.5 अरब जनसंख्या के साथ विश्व का सबसे बड़ा देश बन गया है, ऐसे में इस बड़े जनसंख्या की आधिकारिक गिनती के लिए काफी बड़ा प्रशासनिक ढांचा तैयार करना पड़ता है। इस बार होने वाली जनगणना देश की 16वीं राष्ट्रीय जनगणना होगी, परंतु यह आजादी के बाद की 8वीं जनगणना है, जिसे 2021 में महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था। इस बार की जनगणना पूरी तरह से डिजिटल जनगणना होने वाली है। देश के विकास और सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करने के लिए जनगणना की बहुत ज्यादा जरूरत होती है।
जनगणना 2027: दो चरणों में होगी पूरी प्रक्रिया
पहला चरण: यह चरण अप्रैल 2026 से शुरू होकर सितंबर 2026 तक चलेगा। इस दौरान 30 लाख जनगणना कर्मचारी घर-घर जाकर मकानों की सूची, घर में कितने सदस्य, पानी और बिजली की व्यवस्था, मोबाइल, इंटरनेट और फोन की उपलब्धता, शौचालय , घर के छत और दीवार की सामग्री इन सभी चीजों की जानकारी जुटाएंगे। इस चरण में हर घर को जियो-टैग भी किया जाएगा और जीपीएस (GPS) के मदद से कोई भी घर के छूटने की संभावना नहीं रहेगी। जनगणना मोबाइल ऐप के माध्यम से पूरी जानकारी और जाति आधारित डेटा भी कलेक्ट किया जाएगा। 16 भाषाओं का सपोर्ट इस ऐप में मिलने वाला है।
दूसरा चरण: यह चरण फरवरी 2027 में शुरू होगा।
इस चरण में जनसंख्या की वास्तविक गिनती की जाएगी। गणना कर्मचारी हर घर जाकर हर व्यक्ति की जानकारी जैसे नाम, उम्र, लिंग, शिक्षा, वैवाहिक स्थिति आदि यह सब इस चरण में रिकॉर्ड होगी। 1931 के बाद यह पहली बार जाति आधारित जनगणना होगी। अब तक केवल ST और SC से जुड़े लोगों की ही गिनती होती थी पर अब इसमें अन्य जातियों को भी शामिल किया गया है। जनसंख्या की गिनती पूरी तरह 1 मार्च 2027 तक पूर्ण कर ली जाएगी साथ ही कठिन और बर्फीले इलाकों में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 में ही पूरे करने का लक्ष्य है।
जनगणना 2027 में रियल टाइम ट्रैकिंग की सुविधा
सरकार ने जनगणना की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए एक पोर्टल का निर्माण किया है जिसे सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम यानी CMMS कहा जा रहा है। यह एक सेंट्रल कमांड सेंटर की तरह काम करेगा जहां से पूरे देश की जनगणना प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी।
डिजिटल नक्शों के लिए भी है वेब एप्लीकेशंस
जनगणना 2027 को लेकर सरकार किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरतना चाहती। जिसको लेकर सरकार ने एक वेब बेस्ड मैपिंग एप्लीकेशन HLB (हाउस लिस्टिंग ब्लॉक) तैयार किया है। इसके जरिए अधिकारी डिजिटल नक्शों पर देखकर काम का विभाजन कर सकेंगे और फील्ड वर्क को सही तरीके से संचालित कर पाएंगे।
Self-Enumeration: स्वयं गणना का नया विकल्प
देश की पहली डिजिटल जनगणना में यह सुविधा दी जा रही है कि नागरिक बिना किसी गणना कर्मचारी के घर आए ही खुद अपनी जानकारी भरकर स्वयं की गणना कर सकते हैं, इसे सेल्फ एन्यूमरेशन कहा जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी एक गणना कर्मचारी घर आकर उस जानकारी को वेरीफाई जरूर करेगा।