2X video speed: क्या आप भी 2X स्पीड पर वीडियो लेक्चर देखते हैं, तो यह रिपोर्ट पढ़ना आपके लिए बहुत जरूरी है! जानिए फायदे और नुकसान

2X video speed: आज के डिजिटल समय में हमारे पास देखने और सुनने का काफी ज्यादा कंटेंट भरा पड़ा है। चाहे स्टूडेंट हो या फिर कोई जॉब प्रोफेशनल सभी के पास समय का अभाव रहता है और कम समय में ही आपको अपना पूरा कार्य करना होता है इसी चीज को लेकर वर्तमान में एक नया तरीका सामने आया है जिसे लोग स्पीड वॉचिंग कहते हैं।

Update: 2025-12-19 11:54 GMT

2X video speed: आज के डिजिटल समय में हमारे पास देखने और सुनने का काफी ज्यादा कंटेंट भरा पड़ा है। चाहे स्टूडेंट हो या फिर कोई जॉब प्रोफेशनल सभी के पास समय का अभाव रहता है और कम समय में ही आपको अपना पूरा कार्य करना होता है इसी चीज को लेकर वर्तमान में एक नया तरीका सामने आया है जिसे लोग स्पीड वॉचिंग कहते हैं।

यह कोई नई तकनीक नहीं है, बस YouTube या वीडियो की सेटिंग में जाकर प्लेबैक स्पीड को 1.5x या 2x पर सेट कर देना होता है। इस प्रकार से वीडियो देखना या ऑडियो सुनना आपको सामान्य लग रहा होगा लेकिन इसके पीछे का विज्ञान कुछ अलग ही है। वे स्टूडेंट जो समय बचाने के चक्कर में वीडियो लेक्चर को तेज गति से देखते हैं, उन्हें यह बातें जरूर जाननी चाहिए।

कैसे शुरू हुआ यह ट्रेंड?

यह ट्रेंड यूट्यूब या नेटफ्लिक्स पर जानबूझकर नहीं चलाया गया है बल्कि यह एक दुर्घटनावश शुरू हुआ था। जब लोगों ने अपने फोन में वीडियो प्लेयर्स को तेज गति से ऑन करके सुनने का प्रयास किया तो उन्हें यह महसूस हुआ कि वे तेज गति में भी सब कुछ समझ पा रहे हैं। धीरे-धीरे यह आदत फैलती गई और आज यह एक आम बात बन चुकी है। एक शोध में पाया गया कि लगभग 90 प्रतिशत छात्र अपने ऑनलाइन लेक्चर की प्लेबैक स्पीड बदलकर ही देखते हैं।

हमारा दिमाग कैसे प्रोसेस करता है कोई जानकारी?

इस पूरे मामले को समझने के लिए सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि हमारा दिमाग जानकारी को कैसे संभालता है। जब भी हम कोई नई बात सुनते हैं तो हमारा मस्तिष्क उसे तीन चरणों में प्रोसेस करता है।

1. एनकोडिंग– जानकारी दिमाग में प्रवेश करती है।

2. स्टोरेज– इसमें वह जानकारी स्टोर जाती है।

3. रिट्रीवल– इसमें जरूरत पड़ने पर उस जानकारी को दोबारा याद किया जाता है।

आम तौर पर लोग लगभग 150 शब्द प्रति मिनट की गति से बोलते हैं और हमारा दिमाग इस गति को आराम से समझ लेता है। तेज गति से लेक्चर देखने का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ उसे खत्म करें और समझे नहीं। इस पर हुए शोध से पता चला है कि दोगुनी गति पर देखने से याददाश्त पर कोई खास बुरा असर नहीं पड़ता। लेकिन यदि गति ढाई गुना या तीन गुना कर दी जाए तो यह काफी प्रभावित कर सकता है।

इसके कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव

1. तेज गति से किसी चीज को देखने में उम्र भी काफी महत्व रखता है। वे युवा जिनकी उम्र 18 से 30 साल के बीच है वे दोगुनी गति पर भी अच्छे से सीख पाते हैं।

2. जब वीडियो धीमी गति पर चलती है तो दिमाग के भटकने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन जब गति तेज होती है तो दिमाग को लगातार सतर्क रहना पड़ता है जिससे ध्यान कम भटकता है, तो यह बात इसकी काफी अच्छी है।

3. तेज गति पर वीडियो देखने का एक बड़ा खतरा भी है जिसे इल्यूजन ऑफ लर्निंग कहते हैं। जब आप तेज गति पर लेक्चर देखते हैं तो आपको लगता है कि आपने बहुत कुछ सीख लिया है जबकि वह जानकारी आपके स्थायी बुद्धि में नहीं बैठी होती है।

4. जब भी हम सामान्य गति पर लेक्चर देखते हैं तो हम उसका 60% तुरंत भूल जाते हैं, अब सोचिए 2x पर देखने में क्या होता होगा। इसलिए तेज गति पर वीडियो देखते समय अपने नोट्स जरूर बनाएं और बार बार याद करें।

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