CG BJP में बवाल: जयंती पटेल को जिलाध्यक्ष बनाने से एक धड़ा नाराज, जानिए क्या है 5000 का किस्सा
प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी के बाद भाजपा ने आठ जिलों के अध्यक्ष बदल दिए हैं। इससे नाराजगी उभरने लगी है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारिणी के बाद 8 जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं। इससे पार्टी में उत्साह के बजाय असंतोष नजर आने लगा है। खासकर रायपुर शहर अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी को हटाकर जयंती पटेल को नया अध्यक्ष बनाने पर एक बड़ा वर्ग नाराज हो गया है। रायपुर ही नहीं बल्कि कई जिलों में ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं। वहीं, जिन जिलों में जिलाध्यक्ष नहीं बदले गए हैं, वहां भी असंतोष की खबरें हैं। सोशल मीडिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से अलग अलग वॉट्सएप ग्रुप में संगठन के निर्णय पर सवाल किए जा रहे हैं। राजधानी रायपुर में 5000 रुपए का भी किस्सा सामने आया है।
5000 रुपए का किस्सा बताने से पहले यह जानते हैं कि कार्यकर्ताओं की किस तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। पुराने कार्यकर्ता शिवजलम दुबे ने लिखा है कि रायपुर शहर में योग्य व्यक्ति का टोटा है। एक व्यापारी के बाद दूसरे व्यापारी को अध्यक्ष बना दिया गया है। दरअसल, रायपुर को व्यापारिक केंद्र मानते हुए पार्टी ने श्रीचंद सुंदरानी को जिलाध्यक्ष बनाया था। सुंदरानी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रहे हैं। हालांकि, इस बार वे अपने पैनल को नहीं जिता पाए। जिलाध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल भी कार्यकर्ताओं के लिए निराशाजनक रहा। जयंती पटेल आरएसएस बैकग्राउंड के हैं, लेकिन व्यापारिक पृष्ठभूमि के हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं का तर्क है कि ऐसे व्यक्ति को जिलाध्यक्ष बनाना था, हो संगठन को पूरा समय दे सके।
क्यों निष्क्रिय हो जाते हैं जयंती
कार्यकर्ताओं में इस बात की जोरों पर चर्चा है कि कोई दायित्व नहीं मिलने पर जयंती संगठन के कामकाज में निष्क्रिय हो जाते हैं। वे अपना समय व्यापार में देते हैं। वे निर्दलीय पार्षद थे। इसके बाद भाजपा में शामिल हुए। बाद में जब उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो संगठन से दूर हो गए। इसके बाद उन्हें युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष बनाया गया। राजीव अग्रवाल की टीम में जिला महामंत्री रहे, लेकिन श्रीचंद सुंदरानी की टीम में उन्हें जगह नहीं मिली तो फिर पार्टी की गतिविधियों से दूर हो गए। इसे लेकर आरएसएस से जुड़े पदाधिकारियों का अच्छा फीडबैक नहीं था।
अब बात 5000 रुपए की
कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का जब निर्माण होना था, तब सभी कार्यकर्ताओं को सहयोग राशि देने का आग्रह किया। सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग दिया, लेकिन जयंती ने मना कर दिया। एक पदाधिकारी के मुताबिक जयंती बड़े व्यापारी हैं, लेकिन जब उनसे सहयोग राशि की मांग की गई तो यह कह दिया कि वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं। पार्टी को समय देते हैं, इसलिए 5000 रुपए नहीं देंगे।
एक गुट ने संजय का नाम कटवाया
भाजपा में इस बात की चर्चा है कि जिलाध्यक्ष के लिए संजय श्रीवास्तव का नाम तय था। ऐन मौके पर राजधानी के एक कद्दावर नेता ने संजय का नाम कटवाकर जयंती का नाम जोड़वा दिया। इससे पहले भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान संजय को इस गुट के कारण मौका नहीं मिल पाया था।