केंद्र के लिए 'अग्निपथ': अग्निपथ योजना लांच होने के बाद घिरी केंद्र सरकार, विपक्ष के साथ रक्षा विशेषज्ञों ने भी उठाए सवाल

सबसे बड़ा सवाल- 6 महीने की ट्रेनिंग में कैसे बनेंगे सैनिक, चार साल बार क्या होगा भविष्य?

Update: 2022-06-16 10:20 GMT

NPG डेस्क, 16 जून 2022। रक्षा मंत्रालय की अग्निपथ योजना केंद्र सरकार के लिए ही 'अग्निपथ' साबित हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ऐलान के बाद विपक्ष के साथ-साथ रक्षा विशेषज्ञ भी सवाल खड़े कर रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञों का सवाल यह है कि एक अच्छा सैनिक तैयार करने में 7-8 साल लग जाते हैं। 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद अग्निवीर कैसे अच्छे सैनिक बनेंगे। वहीं, विपक्ष का यह सवाल है कि जो युवा अग्निवीर बनेंगे, उनका चार साल बाद क्या भविष्य होगा? यह सवाल इसलिए क्योंकि पेंशन नहीं दी जाएगी।

भारतीय सेना में भर्ती की परंपरागत प्रणाली में बड़ा परिवर्तन करते हुए केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों की मौजूदगी में इसका ऐलान किया। इसके अंतर्गत देशभर में 46 हजार सैनिकों की भर्ती की जाएगा। 17 से 21 साल के युवा अग्निवीर बन सकेंगे। इस योजना में जिस शर्त ने लोगों को सबसे ज्यादा चौंकाया, वह सिर्फ चार साल के लिए संविदा नियुक्ति है। बेरोजगारों को नौकरी देने के लिहाज से 46 हजार नौकरियां मिलेंगी, लेकिन चार साल बाद सिर्फ 25 प्रतिशत ही रेग्युलर हो जाएंगे, जबकि 75 प्रतिशत को निकाल दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में सशस्त्र बलों की अभियानगत प्रभाव क्षमता घटने का अंदेशा है।

केंद्र सरकार की ओर से ऐसे तर्क दिए गए

अग्निवीर योजना को लेकर जब सवाल खड़े हुए, तब केंद्र सरकार की ओर से कुछ योजनाएं भी बताई गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि अग्निवीरों को चार साल बाद सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों और राज्य सरकारों ने अपने मंत्रालय, कॉर्पोरेशन आदि में भर्तियों के दौरान प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह ने पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।

विपक्ष के इन सवालों से मचा हड़कंप

अग्निवीर योजना लांच होने के बाद सोशल मीडिया पर अब भविष्य में शिक्षावीर, बैंकवीर, रेलवेवीर और स्वास्थ्य वीर की भर्तियां होंगी, जैसे जोक्स चल रहे हैं। बड़ी संख्या में बेरोजगार इस योजना पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि भारत को दो मोर्चों पर खतरा है। ऐसे में अग्निपथ जैसी योजना की जरूरत नहीं है, क्योंकि इससे सशस्त्र बलों की कार्यक्षमता कम होती है। भाजपा को सुरक्षा बलों की गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता करना बंद करना चाहिए। वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि अब भाजपा सरकार सेना भर्ती को अपनी प्रयोगशाला क्यों बना रही है? प्रियंका ने कहा कि अग्निवीर योजना की घोषणा करने से पहले कोई गंभीर सोच-विचार नहीं किया गया। सैनिकों की लंबी नौकरी सरकार को बोझ लग रही है? युवा कह रहे हैं कि ये 4 वर्षीय नियम छलावा है। हमारे पूर्व सैनिक भी इससे असहमत हैं।

अग्निपथ योजना के कुछ महत्वपूर्ण बिंदू

45 हजार युवाओं की हर साल भर्ती

भर्ती के लिए साढ़े 17 से 21 वर्ष आयु सीमा

मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर भर्ती

सेना में चार साल की सेवा का अवसर मिलेगा

6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी

हर महीने 30-40 हजार रुपए सैलरी दी जाएगी

तीनों सेनाओं के स्थाई सैनिकों की तरह अवार्ड-मेडल भी

इंश्योरेंस कवर और अन्य फायदे भी दिए जाएंगे

25 प्रतिशत को ही स्थाई काडर में भर्ती का अवसर

नौकरी से बाहर होने पर 12 लाख एकमुश्त मिलेंगे

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