राहुल के बीच 10 घंटे का फासला: बड़ा सा चट्टान ही अब सबसे बड़ी बाधा, हैवी मशीन में वाइब्रेशन ज्यादा, इसलिए दूसरी मशीन बुलाई; राहत ये की बच्चा एक्टिव है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के बिलासपुर में भी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।

Update: 2022-06-13 06:16 GMT

जांजगीर, 13 जून 2022। राहुल साहू तक पहुंचने में अब 10 घंटे का समय और लग सकता है। सुरंग के रास्ते में एक बड़ा चट्टान आने के कारण नई मुश्किल खड़ी हो गई है। SECL की हैवी मशीन में वाइब्रेशन ज्यादा था। इससे बोरवेल धसकने का खतरा था, इसलिए मैनुअल काम शुरू किया गया। अब जांजगीर से रॉक कटर नई मशीन मंगाई गई है, जो डोलोमाइट खदानों में माइनिंग के काम आती है। इससे पत्थर कटने की गति बढ़ गई है, लेकिन विषम परिस्थितियों को देखते हुए अफसरों का अनुमान है कि राहुल तक पहुंचने में शाम हो जाएगी। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि राहुल इतने घंटे बीत जाने पर भी बोरवेल के भीतर एक्टिव है। सुबह उसने केला खाया और जूस पी थी।

जांजगीर जिले के मालखरौदा थाना क्षेत्र अंतर्गत पिहरिद गांव का राहुल शुक्रवार को शाम करीबन चार बजे बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में गिर गया था। राहुल के पिता गांव में ही बर्तन दुकान चलाते हैं। दस वर्षीय राहुल अपने माता पिता की बड़ी संतान है। उससे छोटा 8 वर्ष का उसका भाई है। राहुल बोल व सुन नहीं सकता। उसकी मानसिक स्थिति भी कमजोर है, इसलिए वह स्कूल नहीं जाता है। घर पर ही रहता है। उसके पिता ने बोर हेतु गड्ढा खुदवाया था। पर पानी नहीं आया तो दूसरी जगह बोर करवा लिया, लेकिन पहली जगह के बोर को केसिंग करवा के बंद नहीं करवाया। बाड़ी के पास खेलते-खेलते राहुल उसी बोरवेल में गिर गया। बोर की गहराई 80 फिट है। राहुल 65 फीट पर फंसा हुआ है। जब राहुल नहीं मिला तब घर के लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल की रोने की आवाज सुनाई दी।

सूचना मिलते ही जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला व एसपी विजय अग्रवाल पिहरिद गांव पहुंच गए। एसपी विजय अग्रवाल सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के दस्तावेज सत्यापन व शारीरिक नाप जोख परीक्षा के बिलासपुर रेंज के चेयरमैन होने के कारण बिलासपुर में ही थे। सूचना मिलते ही उन्होंने जांजगीर के पिहरिद गांव का रुख कर लिया। आईजी रतनलाल डांगी भी चंद घंटों में ही गांव पहुंच गए थे। गांव में तुरन्त ही घटना स्थल की बैरिकेडिंग करवा कर व लाइट की व्यवस्था करवा के बोर के बाजू में मशीनों से खुदाई शुरू करवाई गई। इसके लिए जिला प्रशासन ने SECL से भी मशीनरी मंगवाई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पल पल की जानकारी ले रहे हैं और अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने राहुल के पिता व दादी से बात कर उन्हें ढांढस बंधाया व राहुल के सकुशल बाहर आने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गुजरात से रोबोटिक्स विशेषज्ञ को भी बुलवाया गया और बोर को गड्ढे में उतारा गया। पर सफलता नहीं मिली। इस दौरान बाजू में गड्ढा कर सुरंग बनाने क़ा काम भी जारी रखा गया। बीच में आंधी-तूफान आने के कारण थोड़ी देर के लिए राहत कार्य प्रभावित भी हुआ पर जल्द ही परिस्थितियों को अनुकूल कर लिया गया।

सुरंग की राह में चट्टान बना बाधा, कम्पन होने के चलते हाथों से बनाया जा रहा सुरंग

65 फीट खुदाई के बाद बोरवेल की ओर सुरंग बनाने की राह में एक बड़ा चट्टान बाधा बन कर आ खड़ा हुआ है। पहले SECL की कंप्रेशर मशीन से सुरंग बनाया जा रहा था पर अत्याधिक कंपन उत्पन्न हो रहा था। बच्चे को कोई नुकसान न हो इसको देखते हुए वहां उपस्थित कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल, एसडीआरएफ के डायरेक्टर मयंक श्रीवास्तव व एनडीआरएफ के अधिकारियों और एक्सपर्ट ने आपस में चर्चा कर मशीन से खुदाई रुकवा दी। इसके बाद मैनुअल पद्धति से हाथों से ड्रिलिंग मशीन चला कर ही टनल बनाने का काम शुरू करवाया। अभी सिर्फ 3 फीट ही टनल बन पाया है। इस लिहाज से लगभग दस घण्टे का वक्त अब भी राहुल तक पहुंचने में लगने की संभावना है। इस बीच कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला व अधिकारी बच्चे के गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। राहत की बात यह है कि राहुल सुरक्षित है और अपना मूवमेंट बनाये हुए हैं। थोडी देर पहले उसने केला भी खाया है।

एसडीआरएफ के डायरेक्टर मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि "मशीनों से चट्टानों को तोड़ने से वाइब्रेशन बहुत ज्यादा हो रहा है। ज्यादा बडी मशीन का उपयोग करने से आसपास कम्पन की संभावना बढ़ जाएगी। जो कि राहुल के लिए खतरनाक बन सकता है। इसलिए एक्सपर्ट से चर्चा कर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम हाथ से ही ड्रिल कर चट्टानों को तोड़ रही है।"

इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला को मौके पर स्वास्थ्य व्यवस्था बहाल रखने के साथ ही बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर को भी सिम्स व अपोलो अस्पताल में तैयारियां रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ के उन दो जवानों आंध्र प्रदेश के अनिल व महाराष्ट्र के कापसे एलबी के जज्बे को भी सलाम किया है, जिनके द्वारा बोरवेल के मुहाने पर बैठ कर कैमरा के तार पकड़ कर राहुल की हर गतिविधि का बाहर टेलीकास्ट कर रहे हैं। अब बस इंतजार और उम्मीद है कि राहुल सुरक्षित हम सबके बीच हो।

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