Exclusive : …Raid के लिए आये इनकम टैक्स अफसरों की गाड़ी में जिस “आचार्य विक्रम भट्ट” का नाम….उनसे NPG ने की बात…. जानिये क्या कहा उन्होंने …… नाम और मोबाइल नंबर इस मकसद के लिए किये गये होंगे सार्वजनिक… पढ़िये ये खास रिपोर्ट

Update: 2020-02-27 09:26 GMT

रायपुर 27 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ में 60 से ज्यादा अलग-अलग ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी चल रही है। छापेमारी में 500 से ज्यादा अधिकारीव व कर्मचारी मौजूद हैं। सुबह करीब 7 बजे से ही अफसरों की टीमों का संबंधित ठिकानों पर पहुंचना शुरू हो गया, उसके बाद छापेमारी की कार्रवाई हुई। पिछले कई सालों से आईटी अफसर अपनी पहचान बदलकर और गाड़ियों पर अलग-अलग स्टीकर लगाकर छापे के लिए पहुंचते रहे हैं। उसी टेक्निक को राजधानी में भी इनकम टैक्स के अफसरों ने आजमाया।

खास बात ये रही कि लोगों को चकमा देने के लिए इस बार आईटी की टीम ने किसी शादी या बाराती गाड़ी की पहचान नहीं रखी, बल्कि उसे शैक्षणिक पर्यटन भ्रमण के स्टीकर का जिक्र किया। गाड़ी में जो स्टीकर लगा था, उसमें लिखा था-

“अखिल भारतीय बौद्धिक उत्थान संस्थान फरीदाबाद…शैक्षणिक पर्यटन भिलाई, सूत्रधार- आचार्य विक्रम भट्ट, 8448841618”

अब तक आईटी की टीम गाड़ियों में शादी या फिर दुल्हा-दुल्हन के नामों की स्टीकर लगाया करते थे, लेकिन इस बार ना सिर्फ शैक्षणिक भ्रमण का जिक्र था, बल्कि नाम और मोबाइल नंबर भी लिखा था- मिले मोबाइल नंबर पर NPG की टीम ने बात की….पढ़िये बातचीत क्या हुई… 10 रिंग जाने के बाद कॉल रिसिव हुआ…

NPG- हैलो….

दूसरी तरफ- जी हैलो….

NPG- सर क्या आप आचार्य विक्रम भट्ट बोल रहे हैं…

दूसरी तरफ- जी हां, बोल रहा हूं

NPG- सर आप कहां से बोल रहे हैं…

दूसरी तरफ- …..(कुछ देर के बाद) आप कौन बोल रहे हैं…

NPG- ####….मैं NPG न्यूज से बोल रहा हूं….सर आप बतायें, आप कहां से बोल रहे हैं..क्या कुछ छापे से संबंधित जानकारी मिल सकती है….आपका नंबर मुझे छापेमारी के लिए आयी गाड़ियों से चस्पा स्टीकर से मिला है…

दूसरी तरफ से- …जी..जी….बाद में ब्रीफिंग करूंगा….फोन कट …

हालांकि इस नंबर पर कॉल करने पर सामने से विक्रम भट्ट ने कॉल रिसीव करने के बाद जिस तरह से NPG से बातें की, उससे तो साफ है कि नाम और मोबाइल नंबर बिल्कुल सही दिया गया है, लेकिन क्यों दिया गया है, ये जानना अब बड़ा दिलचस्प हो गया है। ट्रू-कॉलर में भी ये नाम आचार्य विक्रम भट्ट के नाम से ही दर्ज आ रहा है। हालांकि नाम और मोबाइल नंबर दिया क्यों दिया गया, ये एक बड़ा सवाल बन गया है।

हालांकि छापे के बारे में एक पूर्व आईटी अधिकारी ने बताया कि आईटी टीम की मौजूदा जानकारी तो नहीं है, लेकिन कई बार ऐसी व्यवस्था करनी होती है, जिनमें कोड वर्ड या नाम होता है। अब आचार्य विक्रम भट्ट सही नाम है या सांकेतिक ये मालूम नहीं, लेकिन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कोड सिग्नल के तौर पर किया गया होगा, कि किन-किन गाड़ियों को किन-किन जगहों पर जाना है। ऐसी चीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। हो सकता है नाम और नंबर का इस्तेमाल भी रायपुर में इन्ही उद्देश्यों के लिए हुआ हो।

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