पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा माफ, लाहौर हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले को बताया असंवैधानिक

Update: 2020-01-13 15:27 GMT

नईदिल्ली 13 जनवरी 2019। लाहौर हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा माफ कर दी है। पाकिस्तान की एक अदालत से पूर्व सैनिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने मुशर्रफ की मौत की सजा को ख्रारिज करते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत को अंवैधानिक करार दिया। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी। देशद्रोह का यह मामला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सरकार ने 2013 में दर्ज कराया था। छह साल चली सुनवाई के बाद फैसला आया था।

लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस सैयद मजहर अली अकबर नकवी, जस्टिस मुहम्मद अमीर भट्टी और जस्टिस चौधरी मसूद जहांगीर की तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ ने सर्वसम्मति से मुशर्रफ के खिलाफ मामले की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत को असंवैधानिक घोषित कर दिया। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने देशद्रोह के मामले में पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी। देशद्रोह का यह मामला पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सरकार ने 2013 में दर्ज कराया था। छह साल चली सुनवाई के बाद फैसला आया था।

मुशर्रफ ने अपने खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के गठन को चुनौती दी थी। मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विशेष अदालत के फैसले को अवैध, क्षेत्राधिकार से बाहर और असंवैधानिक करार देते हुए उसे खारिज करने की मांग की थी। साथ ही हाईकोर्ट का फैसला आने तक विशेष अदालत के निर्णय को निलंबित रखने की मांग भी की।

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