Adipurush Allahabad High Court: आदिपुरुष को लेकर हाईकोर्ट की जबरदस्त फटकार, फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की याचिका पर कोर्ट ने कहा- 'क्यों हिंदुओं की...
Adipurush Allahabad High Court: मुंबई I आदिपुरुष की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रिलीज के बाद भी फिल्म पर जारी विवाद थम नहीं रहा बल्कि और बढ़ता जा रहा है। फिल्म के डायलॉग्स को लेकर कड़ी आपत्ति जताई गई थी। लेकिन अब ये मामला कोर्ट जा पहुंचा है। इलाहबाद हाई कोर्ट ने राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को आपत्तिजनक डायलॉग्स और फिल्म मेकर को विवादित सीन्स के नोटिस भेजा है।
सेंसर बोर्ड को भी लगाई फटकार:- तुलसीदार द्वारा रचित महाकाव्य 'रामायण' की कथा पर आधारित 'आदिपुरुष' अपने डायलॉग, बोलचाल की भाषा और कुछ किरदारों को लेकर आलोचना का शिकार हो रही है। सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर ट्रोलिंग और रिएक्शन आने के बाद 'आदिपुरुष' निर्माताओं ने फिल्म के संवादों में बदलाव किया है लेकिन अब भी दर्शकों में आक्रोश कम नहीं हुआ। इस बीच, इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच ने इस मामले पर सुनवाई में सेंसर बोर्ड को फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने कहा, "जो अच्छे लोग हैं उन्हें दबा देना चाहिए? क्या ऐसा है? यह अच्छा है कि यह एक ऐसे धर्म के बारे में, जिसके मानने वालों ने कोई सार्वजनिक समस्या पैदा नहीं की। हमें आभारी होना चाहिए। क्योंकि हमने समाचारों में देखा कि कुछ लोगों ने सिनेमा हॉल में जाकर केवल हॉल बंद करने के लिए दबाव डाला, वे कुछ और भी कर सकते थे।'' इसके आगे न्यायधीश ने कहा कि 'आदिपुरुष' को सर्टिफिकेट देने से पहले सर्टिफिकेशन को कुछ सोचना चाहिए था।
क्या हिंदुओं का टॉलरेंस टेस्ट लिया जा रहा:- इसके आगे पीठ ने कहा, "अगर हम इस मुद्दे पर भी अपनी आंखें बंद कर लें, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस धर्म के लोग बहुत सहिष्णु हैं, तो क्या इसकी परीक्षा ली जाएगी?, यहां पीआईएल याचिकाओं में मुद्दा यह है कि जिस कथा पर फिल्म बनाई गई है, उसमें कुछ ग्रंथ हैं जो पूरे धर्म के लिए अनुकरणीय हैं और पूजा के योग्य हैं।"
आदिपुरुष टीम को जारी नोटिस:- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा कि आदिपुरुष फिल्म में मां सीता, हनुमान और बाकि पौराणिक पात्रों का चित्रण आपत्तिजनक है। इसी वजह से फिल्म निर्माता, संवाद लेखक को नोटिस जारी किया गया है। वहीं सीबीएफसी से यह बताने को कहा गया है कि रिलीज की अनुमति देने से पहले क्या कदम उठाए गए थे?