Yuktiyuktkaran: सारंगढ़ बिलाईगढ़ DE0 का कारनामा: इसलिए सीनियर टीचर्स पर मंडराया अतिशेष का खतरा...
Yuktiyuktkaran: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के स्पष्ट दिशा निर्देश और DPI की चेतावनी का असर सारंगढ़ बिलाईगढ़ के DEO पर होते दिखाई नहीं दे रहा है। पत्नी के मामले में विवादों से घिरे डीईओ ने एक और खेला कर दिया है। तीन वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सहायक शिक्षकों के नियमितिकरण प्रस्ताव को जानबुझकर रोके रखा। इसका असर ये हो रहा है कि सीनियर टीचर अतिशेष के दायरे में आ गए हैं। शिक्षक संगठन से इसकी शिकायत कलेक्टर से की है।

Yuktiyuktkaran: रायपुर। युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया को लेकर डीपीआई कड़े निर्देशों की प्रदेश के कुछ खटराल अधिकारी अब भी माखौल उड़ा रहे हैं। इसी में एक है सारंगढ़ बिलाईगढ़ के डीईओ। जिन्होंने गजब का खेल किया है। 30 मार्च को 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सहायक शिक्षक जिनका नियमितीकरण प्रस्ताव बिलाईगढ़ BEO के द्वारा डीईओ भेजा गया था, आजतलक नियमितीकरण आदेश जारी नहीं किया गया है। बीईओ द्वारा भेजी गई फाइल को डीईओ ने दबा दिया है। इसका खामियाजा स्कूल के सीनियर टीचरों को भुगतना पड़ रहा है। वरिष्ठ शिक्षक अतिशेष की सूची में आ गए हैं। बता दें कि डीईओ ने सोमवार को काउंसिलिंग के लिए आदेश जारी कर दिया है।
डीईओ की मनमानी कहें या फिर जानबुझकर किए जा रहे विवादित कार्यों के चलते स्कूल शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली पर बट्टा लग रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों की माखौल उड़ा रहे डीईओ के कामकाज को लेकर अब चर्चा होने लगी है। स्वामी आत्मानंद स्कूल के ऐसे शिक्षक जिन्होंने प्रतिनियुक्ति के लिए असहमति दी है उनको भी अतिशेष मानकर युक्तियुक्तकरण किया जाना है। डीईओ बिलाईगढ़ ने ऐसे शिक्षकों को भी सूची से बाहर कर दिया है। जेडी कार्यालय से जारी होने वाले आदेश को कलेक्टर को अंधेरे में रखकर खुद ही कर दिया और पत्नी को अतिशेष की सूची से बचाने के लिए पूरा खेल कर दिया है। प्रोबेशन पूरा होने के बाद भी शिक्षकों को जानबूझकर रेगुलर नहीं किया। इससे दुखी शिक्षकों ने डीपीआई से गुहार लगाई है। अतिशेष का खेला करने वाले इसी डीईओ ने सरकारी नियम-कायदों पर ताक पर रखते हुए अपनी निलंबित पत्नी को न केवल बहाल कर दिया बल्कि कलेक्टर को गुमराह करते हुए आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल में इसलिए पोस्टिंग करा दी ताकि वो अतिशेष का शिकार न हो पाएं। अब देखना है, स्कूल शिक्षा विभाग इस पर क्या कार्रवाई करता है।
डीपीआई ने चेतावनी दी थी कि गड़बड़ी से बाज आएं वरना कठोरतम और उच्चतम कार्रवाई की जाएगी। डीपीआई ने ये भी कहा था कि युक्तियुक्तकरण की शिकायतों को वे खुद देखेंगे। मगर इससे बाद भी अतिशेष का खेल रुक नहीं रहा।
जाहिर है, सारंगढ़ डीईओ एल पी पटेल ने शिक्षकों के गुस्से को भड़का दिया है। जिस प्रकार 2 महीने से नियमितीकरण के मामले को दबाकर जूनियर को संरक्षण और सीनियर शिक्षकों को अतिशेष की सूची में लाया गया है।
पत्नी को मनचाहे जगह पर पदस्थापना के लिए कलेक्टर को रखा अंधेरे में
सारंगढ़ के डीईओ लक्ष्मी प्रसाद पटेल ने पत्नी को मनचाहे जगह पर पदस्थापना के लिए कलेक्टर को भी अंधेरे में रख दिया है। निलंबन बहाली के बजाय पूर्व की स्कूल के बजाय स्वामी आत्मानंद स्कूल में पदस्थ कर दिया है। इसके लिए कलेक्टर को भी डीईओ ने अंधेरे में रखते हुए आदेश जारी करा लिया है। कलेक्टर की अनुशंसा के बाद डीईओ पटेल ने पत्नी की पदस्थापना के लिए कुछ इस तरह का आदेश जारी किया। डीईओ ने अपने आदेश में लिखा है कि पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला वि.ख. सारंगढ़ छात्र संख्या एवं पदस्थ शिक्षक संख्या का विवरण प्रस्तुत करने व कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात् उक्त आदेश को संशोधित करन हुए सुषमा पटेल शिक्षका को स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ (हिन्दी माध्यम) वि.ख. सरंगढ में पदस्थ किया जाता है। पत्नी को अतिशेष से बचाने के लिए डीईओ ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बीच इस तरह का फर्जीवाड़ा किया है। नियम के अनुसार अगर कोई शिक्षक आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति के लिए अपनी सहमति नहीं दी है या फिर दी है, दोनों ही परिस्थितियों में इसकी जानकारी देनी है। युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बीच आत्मानंद स्कूल में प्रतिनियुक्ति को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है।
डीईओ द्वारा जारी उक्त आदेश के कारण शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में विषय विज्ञान के शिक्षक का पद रिक्त हो गया है जो कि आपत्तिजनक है। इससे यह स्पष्ट है कि डीईओ के द्वारा अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते हुए तथा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए मनमाने ढंग से अपनी पत्नि को सेजेस सारंगढ़ में पदांकित किया गया है।
आत्मानंद स्कूलों में इस तरह होती है नियुक्ति
प्रदेश के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) विद्यालय में प्राचार्य एवं शिक्षकों की नियुक्ति केवल प्रतिनियुक्ति के माध्यम से राज्य शासन के द्वारा किया ताता है। इसके विपरीत जाकर डीईओ पटेल के द्वारा अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते हुए अपनी पत्नि सुषमा पटेल को उक्त संस्था में पदांकित किया गया है।
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (हिन्दी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय हेतु केवल 02 शिक्षक के पद स्वीकृत हैं जिसपर 02 शिक्षक राज्य शासन द्वारा पूर्व से ही प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत् हैं। उक्त संस्था में शिक्षक की व्यवस्था प्राचार्य सेजेस सारंगढ़ द्वारा सुनिश्चित किया जाना है किन्तु डीईओ के द्वारा अनावश्यक रूप से अपने व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से पत्नी सुषमा पटेल को शासन के नियमों के विपरीत जाकर पदांकित किया गया है।
डीईओ ने कलेक्टर को यह तर्क दिया कि छात्र संख्या के आधार पर शिक्षक संख्या केवल 02 होने के कारण सुषमा पटेल को पदांकित किया जाना उचित प्रतीत होता है। जबकि अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम का संचालन उक्त संस्था में पदस्थ शिक्षकों के प्राचार्य द्वारा निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत किया जा रहा है।
पटेल के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट (अंग्रेजी माध्यम) पूर्व माध्यमिक विद्यालय सारंगढ़ की शिक्षिका मोनिका राठौर (संविदा) को 28 मार्च 2025 के आदेश के द्वारा छात्रवृत्ति संबंधी कार्यों हेतु अपने कार्यालय में कार्य करने हेतु आदेशित किया गया है। उक्त आदेश के परिपालन में राठौर उक्त तिथि से अपने विद्यालय में उपस्थिति नहीं दे रही है। जिसका आशय यह है कि उक्त संस्था में शिक्षक व्यवस्था पर्याप्त है एवं कक्षाएं सुचारू रूप से संपन्न हो रही हैं।
उक्त विद्यालय से डीईओ कार्यालय की दूरी लगभग 200 मीटर है। आवागमन की दृष्टि से तथा अपनी पत्नि सुषमा पटेल को निकट के विद्यालय में पहुंचाने हेतु अपनी सुविधा अनुसार उनका पदांकन उक्त संस्था में किया गया है।
जिले अंतर्गत ऐसे कई माध्यमिक शाला हैं जिनमें कार्यरत् शिक्षकों का निकट भविष्य में सेवानिवृत्त तिथि निर्धारित है जिसके उपरांत ऐसे शालाओं में शिक्षक की व्यवस्था किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
निलंबन के बाद बहाली और ऐसे चला पदस्थापना का खेल
सुषमा पटेल को निलंबन उपरांत सर्वप्रथम शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला सारंगढ़ (शहरी क्षेत्र अंतर्गत) में बहाल किया गया जहां पूर्व से ही 07 शिक्षक कार्यरत् होने के कारण आपके द्वारा पुनः मूल शाला शास. पूर्व माध्यमिक शाला कुटेला में पदांकित किया गया है जिसके विरूद्ध जाकर डीईओ के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम पूर्व माध्यमिक शाला में पदांकित किया गया है।
0 एक गड़बड़ी ऐसी भी
किसी भी शिक्षक को जो निलंबित है उसे ग्रीष्म अवकाश के ठीक पहले बहाल करने की आवश्यकता ही नहीं है, यदि उसकी बहाली करनी भी है तो फिर शैक्षणिक सत्र 16 जून के बाद होनी चाहिए । जिस प्रकार बिलासपुर और रायगढ़ में जिला शिक्षा अधिकारियों ने बहाली का खेल खेला है वह साफ बताता है कि जानबूझकर गड़बड़ी की गई है । शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश में घर बैठकर पूरा वेतन प्राप्त करें इसकी व्यवस्था बनाई गई है ।
सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कलेक्टर रायगढ़ से की शिकायत
0 सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पांडेय ने कलेक्टर रायगढ़ से डीईओ द्वारा की जा रही गड़बड़ी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। कलेक्टर संजय कन्नौजे ने इस पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।