school Education News. Bilaspur High Court: हाई कोर्ट की सख्ती का दिखा असर, 625 प्ले स्कूल संचालकों को DEO ने थमाई नोटिस, हाई कोर्ट में PILपर चल रही है सुनवाई

school Education News. Bilasur High Court: हाई कोर्ट की सख्ती का असर अब दिखाई देने लगा है। बिलासपुर जिले के 625 प्ले स्कूल संचालकों को डीईओ ने नियमानुसार पंजीयन कराने के लिए नोटिस जारी किया है।

Update: 2025-12-15 05:01 GMT

Play School Sanchalako Ko Notice: बिलासपुर। हाई कोर्ट की सख्ती का असर अब दिखाई देने लगा है। बिलासपुर जिले के 625 प्ले स्कूल संचालकों को डीईओ ने नियमानुसार पंजीयन कराने के लिए नोटिस जारी किया है। जारी नोटिस में चेतावनी दी है कि आदेश का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की की जाएगी। बता दें कि प्रदेश के अलग अलग जिलों में बिना रजिस्ट्रेशन के प्ले स्कूल का संचालन किया जा रहा है। हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि प्ले स्कूल संचालक मनमाने फीस वसूल रहे हैं और इन पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

डीईओ विजय टांडे ने जिले के चारों ब्लॉक के बीईओ को अपने-अपने कार्यक्षेत्र के अंर्तगत संचालित निजी स्कूलों से संपर्क कर प्ले स्कूलों का पंजीयन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा पहले भी निजी स्कूल संचालकों को प्ले स्कूल के रजिस्ट्रेशन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सिर्फ 10 स्कूलों ने ही पंजीयन कराने आवेदन जमा किया था। जनहित याचिका में मांग की गई है, प्ले स्कूलों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाने चाहिए, जिनमें पंजीयन की सख्त शर्तें और फीस नियंत्रण शामिल हों।

ये है जरूरी शर्तें

3 साल से कम उम्र के बच्चे को प्ले स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाएगा। प्ले स्कूल की फीस सरकार तय करेगी या उसके अनुसार नियंत्रित होगी। फीस केवल महीने या तीन महीने के आधार पर ही ली जा सकती है। एक साथ पूरे सालभर की फीस लेने की मनाही है। यह भी शर्त है कि बच्चे के एडमिशन के समय प्ले स्कूल कोई अतिरिक्त पैसा (कैपिटेशन फीस) पालककन से नहीं ले सकता। बच्चे या उसके माता-पिता से कोई टेस्ट, इंटरव्यू या स्क्रीनिंग भी नहीं लीजा सकती।

कार्रवाई को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार ने यह तो तय किया है कि मापदंड और शर्तो को पूरा ना करने वाले प्ले स्कूल संचालकों के खिलाफ प्ले स्कूल नियम (2) या (3) का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। यब कार्रवाई कैसी होगी और किस तरह की जाएगी इसका जिक्र नही किया गया है।

समिति का करना होगा गठन

यह भी शर्त है कि स्कूल संचालकों को विद्यालय पालक शिक्षण समिति का गठन करना होगा। समिति का गठन स्कूल प्रारंभ होने के एक महीने के भीतर करना होगा। समिति एक साल के लिए मान्य होगी। इसमें 75 प्रतिशत पालक और 25 प्रतिशत शिक्षक होंगे। सदस्यों की संख्या 12 निर्धारित की गई है। समिति का अध्यक्ष कोई पालक ही होंगे। पालक में से 75% महिलाओं को रखना अनिवार्य किया गया है। यह भी शर्त है कि प्रत्येक कक्षा से पालक को रखना अनिवार्य किया गया है। समिति की हर तीन महीने में बैठक होगी।

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