Kabirdham News: सूदखोरी में फंसे शिक्षक, महिला ने 4 लाख कर्ज देकर वसूल लिए 40 लाख...FIR दर्ज

Kabirdham News: छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में सूदखोरी का मामला सामने आया है। शिक्षक को 4 लाख कर्ज देकर सूदखोर महिला ने 40 लाख वसूल लिये। पीड़ित शिक्षक की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ अपराध दर्ज कर इसकी जाँच शुरू कर दी है।

Update: 2025-06-10 09:20 GMT
Kabirdham News: सूदखोरी में फंसे शिक्षक, महिला ने 4 लाख कर्ज देकर वसूल लिए 40 लाख...FIR दर्ज
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Kabirdham News: कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में शिक्षक को सूदखोरी के जाल में फंसाने का मामला सामने आया है। सूदखोर महिला ने चार लाख कर्ज देकर ब्लैंक चेक में साइन कराकर पीड़ित शिक्षक से 40 लाख की वसूली की। इतना ही नहीं रूपये नहीं देने पर महिला ने पीड़ित शिक्षक को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित भी किया।

दरअसल 9 जून को थाना पिपरिया में शासकीय शिक्षक राधेलाल डहरिया, निवासी वार्ड क्रमांक 12 द्वारा लिखित आवेदन दिया गया, जिसमें उन्होंने ग्राम झलमला की निवासी शकुन उर्फ सतनाम खुराना उर्फ सतनाम खुराना पति सतबीर उर्फ लक्की खुराना द्वारा वर्षों से सूदखोरी कर मानसिक, आर्थिक व सामाजिक रूप से प्रताड़ित करने की गंभीर शिकायत दर्ज कराई।

पीड़ित के अनुसार उसके द्वारा वर्ष 2018 में घरेलू आवश्यकता हेतु शकुन खुराना से 4,00,000 उधार लिया था, जिस पर आरोपी महिला द्वारा 10% मासिक ब्याज वसूला गया। वर्षों तक पीड़ित ने ज़मीन बेचकर, बैंक से लोन लेकर लगभग ₹40,00,000 से अधिक की राशि चुका दी, फिर भी आरोपी महिला द्वारा धमकी, अश्लील गाली-गलौज, परिवार को अपमानित करना, तथा झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।

3 जून 2025 को आरोपी महिला अपने पति के साथ पीड़ित के घर पहुंचकर चार हस्ताक्षरित कोरे चेक को जबरदस्ती साथ ले गई। यही नहीं, पीड़ित के स्कूल में भी पहुँचकर बार-बार फोन के माध्यम से ब्लैकमेल किया गया।

शिकायत आवेदन के आधार पर थाना पिपरिया में मामले की गंभीरता को देखते हुए अपराध क्रमांक 175/2025 अंतर्गत धारा 294, 351(2), 308(2) भारतीय न्याय संहिता (BNS) एवं छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

कबीरधाम पुलिस आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में अवैध सूदखोरों से उधार न लें। यदि धन की आवश्यकता हो, तो अधिकृत बैंक या सहकारी संस्थाओं से ऋण लेना ही उचित विकल्प है। नागरिकों को सतर्क किया जाता है कि कभी भी किसी को भी हस्ताक्षरित कोरा (ब्लैंक) चेक न दें, चाहे वह व्यक्ति कितना भी परिचित या करीबी क्यों न हो। अक्सर ऐसे चेकों का दुरुपयोग कर लोगों को झूठे मामलों में फंसाया जाता है और उनका मानसिक, सामाजिक एवं आर्थिक शोषण किया जाता है। यदि कोई भी व्यक्ति सूदखोरी, धमकी या किसी प्रकार के आर्थिक ब्लैकमेल का शिकार हो रहा है, तो बिना किसी संकोच के तत्काल निकटतम थाना या जिला कंट्रोल रूम में शिकायत दर्ज करें।


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