Chhattisgarh Teacher Posting Scam: शिक्षक पोस्टिंग घोटाला में फेडरेशन ने संचालक को लेटर लिखकर मांगी मोहलत

Chhattisgarh Teacher Posting Scam:

Update: 2023-09-08 12:00 GMT

Chhattisgarh Teacher Posting Scam: रायपुर। शिक्षक पोस्टिंग घोटला में बड़ी कार्यवाही करते हुए सरकार ने 2723 शिक्षकों का तबादला आदेश निरस्‍त कर दिया है। इस संबंध में 4 सितंबर को आदेश जारी करते हुए सरकार ने सभी शिक्षकों को 10 दिन के भीतर पुराने स्‍थान पर ज्‍वाइनिंग देने का निर्देश जारी कर दिया है। जिन लोगों का तबादला निरस्‍त किया गया है उनके लिए यह दोहरा झटका है। बहुत से लोग नए स्‍थान पर न केवल ज्‍वाइनिंग दे चुके थे, बल्कि परिवार को भी शिफ्ट कर लिया था। ऐसे में 10 दिन के भीतर पुराने स्‍थान पर लौटने के आदेश ने चिंता बढ़ा दी है।

इस मामले में छत्‍तीसगढ़ सहायक शिक्षक-समग्र शिक्षक फेडरेशन ने लोक शिक्षण संचालक को पत्र लिखकर आदेश का पालन करने के लिए थोड़ा वक्‍त देने का आग्रह किया है।

पढ़ें फेडरेशन का पत्र


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रायपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने बस्तर के प्रभारी ज्वाइंट डायरेक्टर एचआर सोम को सस्पेंशन से राहत देने से इंकार कर दिया है। सोम को सस्पेंशन पर पुनर्विचार करने सचिव ने मंत्री को नोटशीट भेजी थी। मंत्री ने इस पर चर्चा लिख नोटशीट लौटा दी है। चर्चा का मतलब यह होता है कि मंत्री ने इसे खारिज नहीं किया है मगर इसके लिए वे तैयार भी नहीं हैं। वे सचिव से बात करेंगे कि क्यों दागी ज्वाइंट डायरेक्टर को सस्पेंड न करने की सिफारिश की जा रही है। जबकि, पहले सोम को सस्पेंड करने की नोटशीट विभाग ने ही चलाई थी। मंत्री रविंद्र चौबे ने सोम को सस्पेंड करने लिखा था। मगर विभाग ने अभी तक मंत्री के नोट पर कोई एक्शन नहीं लिया है। उधर, स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने आज एनपीजी न्यूज से कहा कि शिक्षक ट्रांसफर घोटाले में किसी को नहीं बख्शा जाएगा। ऐसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी कि आने वाले समय में इस तरह के भ्रष्टाचार करने से पहले लोग दस बार सोचें। बस्तर के जेडी एचआर सोम के मामले पर बोले...कोई मरौव्वत बरतने का सवाल ही नहीं उठता। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

यह भी पढ़ें- शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में शिक्षक नेता भी संलिप्त! एक ने दलाल बनकर अकेले 132 पोस्टिंग संशोधन कराई, संशोधन निरस्त होने के और FIR के भय से सहमे शिक्षक नेता

रायपुर। खेत को बचाने के लिए किसान बाड़ लगाता है मगर बाड़ ही खेत खा जाए तो बेचारा किसान क्या करेगा। यही हाल इन दिनों प्रदेश में सहायक शिक्षक से शिक्षक प्रमोट हुए शिक्षकों का है। जिन नेताओं पर शिक्षकों ने भरोसा किया, वे ही उनके साथ दगाबाजी कर दिए। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग संशोधन में शिक्षक नेताओं ने भी बहती गंगा में जमकर डूबकी लगाई। कमिश्नर की जांच में इस बात की जानकारी सामने आई है कि शिक्षक नेताओं ने भी बड़ी संख्या में ट्रांसफर संशोधन कराए। एक शिक्षक नेता ने जेडी आफिस के बाबू के साथ मिलकर अकेले 132 ट्रांसफर आदेश संशोधित करा लिए। महिलाओं और दिव्यांगों को दूसरे जिलों में भेज दिया गया। और डेढ़ से दो लाख रुपए लेकर शहर और शहर के आसपास के स्कूलों में पोस्टिंग दे दी गई। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें

यह भी पढ़ें- 2723 शिक्षकों की पोस्टिंग हुई शून्य, सरकार ने किया एकतरफा कार्यमुक्त, निलंबित 4 ज्वाइंट डायरेक्टरों समेत 10 को थमाया चार्जशीट

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में धनबल का दबदबा है। धन के बल पर कोई भी खेल किया जा सकता है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि विभाग की एक जांच रिपोर्ट में यह कहा गया है। विभाग की जांच में यह बात सबित हुई है कि सहायक शिक्षक से शिक्षक संवर्ग में पदोन्‍नति और उसके बाद पदस्‍थापना में खुलकर धन का खेल चला है। इस देखते हुए विभाग ने 2723 तबादला संशोधन आदेश को तत्‍काल प्रभाव से निरस्‍त कर दिया है। इसके साथ ही धनबल और सिफारिश के दम पर तबादला आदेश में संशोधन कराने वाले सभी 2723 लोगों को तत्‍काल अपने पुराने पदस्‍थाना स्‍थान पर ज्‍वाइन करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। इस मामले में निलंबित किए गए चारों ज्वाइंट डायरेक्टरों समेत 10 को चार्जशीट दिया गया है। इस खबर को विस्‍तार से पढ़ने के लिए यहां क्‍लीक करें



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