Chhattisgarh News: पत्नी को शिक्षक पति ने दिया 20 लाख का मुआवजा, महिला आयोग ने बचाई चार जिंदगियां...जानिए
Chhattisgarh News: बीते दिनो बिलासपुर में राज्य महिला आयोग ने सुनवाई की थी। इसमें एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें पत्नी ने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग के समक्ष जब मामला आया तब दोनों ने नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करते हुए विवाह रचा लिया था। आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यह तो अब दो नहीं चार जिंदगियों का सवाल है। आयोग ने बीच का रास्ता निकालते हुए पत्नी को बतौर क्षतिपूर्ति 20 लाख रुपये देने का निर्देश पति को दिया था। 110 लाख रुपये नकद व 10 लाख रुपये चेक देने कहा था। यह राशि रायपुर स्थित राज्य महिला आयोग के कार्यालय में देने का निर्देश दिया था। आयोग के निर्देश पर पति ने यह राशि जमा करा दी है।
Chhattisgarh News: रायपुर। बीते दिनो बिलासपुर में राज्य महिला आयोग ने सुनवाई की थी। इसमें एक ऐसा मामला सामने आया था जिसमें पत्नी ने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आयोग के समक्ष जब मामला आया तब दोनों ने नए सिरे से जिंदगी की शुरुआत करते हुए विवाह रचा लिया था। आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों ने सुनवाई के दौरान कहा था कि यह तो अब दो नहीं चार जिंदगियों का सवाल है। आयोग ने बीच का रास्ता निकालते हुए पत्नी को बतौर क्षतिपूर्ति 20 लाख रुपये देने का निर्देश पति को दिया था। 10 लाख रुपये नकद व 10 लाख रुपये चेक देने कहा था। यह राशि रायपुर स्थित राज्य महिला आयोग के कार्यालय में देने का निर्देश दिया था। आयोग के निर्देश पर पति ने यह राशि जमा करा दी है।
महिला द्वारा आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि एक शासकीय शिक्षक ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और बाद में शादी से इंकार कर उसे बर्बाद करने की धमकी दी. इस मामले में आयोग ने केवल तीन सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनकर सुलहनामा करवाया और अनावेदक को महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा. इसमें 10 लाख रुपये नगद और 10 लाख रुपये का चेक शामिल था. यह राशि महिला आयोग द्वारा किसी भी प्रताड़ित महिला को दिलवाई गई अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति राशि है. दोनों पक्षों ने सुलह का इकरारनामा प्रस्तुत किया, जिसमें यह भी कहा गया कि भविष्य में आवेदिका को परेशान नहीं करेंगे।
एक अन्य मामले में महिला आयोग के पास एक आवेदिका ने शिकायत की थी कि उसके भतीजे और एक बैंक मैनेजर ने झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन निकाल लिया था.। राज्य महिला आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महज दो सुनवाई में मामला लगभग सुलझा लिया. आयोग ने तत्कालीन बैंक मैनेजर और आवेदिका के भतीजे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बैंक के मुख्य अधिकारी को निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है. यह भी सामने आया कि यह आरोपी गिरोह कई वर्षों से इस प्रकार के ठगी के मामलों में लिप्त थे। राज्य महिला आयोग से आवेदिका ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलानेऔर उसकी 15 एकड़ जमीन जो बैंक में बंधक रखी गई है, उसे वापस दिलाने की मांग की थी। आयोग ने इस मामले में बैंक अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया कि जल्द से जल्द आवेदिका की जमीन को बंधनमुक्त किया जाए.
0 नौकरी लगाने के नाम पर वसूले पैसे, आयोग ने रूपये के साथ आरोपी को किया तलब
एक मामले में अनावेदकगण ने आवेदिका को नौकरी लगवाने के नाम पर 2.10 लाख रूपये लिया था और अब तक कई बार थाना में सुलहनामा कर पैसा देने का आश्वासन करते है और पैसा वापस नहीं कर रहे है। एक अनावेदक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है और शासकीय सेवा में होते हुए भी यदि लोगों को धोखा देकर पैसा वसूल रहे है तो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है। यह समझाइश मिलने पर अनावेदक ने आवेदिका के बकाया के एक लाख रूपये एकमुश्त वापस करने के लिए समय की मांग की। आयोग ने इसके लिए 13 दिसंबर 2024 की तिथि तय की गई। रायपुर में अनावेदकगण एक लाख रूपये लेकर उपस्थित होंगे और आवेदिका को देंगे। यदि वह 13 दिसंबर 2024 की सुनवाई में अनुपस्थित रहते है तब ऐसी दशा में उसकी सेवा समाप्ति के लिए अनुशंसा की जायेगी।