CG Yuktiyuktkaran: टीचर्स एसोसियेशन भी 21 शिक्षक संगठनों के साझा मंच के साथ, 20 मई को 21 संगठनों के दल में रहेगा शामिल, संजय शर्मा बोले...

CG Yuktiyuktkaran: छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसियेशन भी अब 21 शिक्षक संगठनों के साथ आ गया है। एसोसियेशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया है उनक संगठन भी युक्तियुक्तकरण का विरोध करने प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहेगा। उन्होंने युक्तियुक्तकरण में कई खामियां गिनाई हैं।

Update: 2025-05-19 15:10 GMT
CG Yuktiyuktkaran: टीचर्स एसोसियेशन भी 21 शिक्षक संगठनों के साझा मंच के साथ, 20 मई को 21 संगठनों के दल में रहेगा शामिल, संजय शर्मा बोले...
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CG Yuktiyuktkaran: रायपुर। संजय शर्मा का टीचर्स एसोसियेशन 21 संगठनों से अलग 19 मई को मंत्रालय में युक्तियुक्तकरण के खिलाफ अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगे, ऐसी खबरें कल सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। मगर संजय शर्मा ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनका संगठन भी 21 संगठनों में शामिल है और कल 20 मई को सब एक साथ ज्ञापन सौंपेंगे।

टीचर्स एसोसियेशन ने मीडिया को जारी बयान में का है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के आगे बढ़ते ही शिक्षा विभाग व शिक्षक संघ के बीच तकरार बढ़ता हुआ दिख रहा है, एक ओर शिक्षा विभाग की ओर से युक्तियुक्तकरण को संतुलित व गुणवत्ता पूर्ण बताया गया वही शिक्षक टीचर्स एसोसिएशन ने युक्तियुक्तकरण को शिक्षा गुणवत्ता से खिलवाड़ व शासकीय शाला को कमजोर करने का प्रयास बताते हुए शासन से कई सवाल करते हुए छात्र, पालक व शिक्षकों का पक्ष रखा है।

43849 शिक्षकों का पद समाप्त किया जा रहा

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि 2008 के सेटअप के अनुसार प्रायमरी स्कूलों में न्यूनतम एक प्रधान पाठक और दो शिक्षक 1$2 प्रावधानित है और मिडिल स्कूलों में एक प्रधान पाठक और 4 शिक्षक 1$4 प्रावधानित है, युक्तियुक्तकरण में एक एक पद कम करके इसे 1$1 और 1$3 कर दिया गया है, प्रदेश में 30700 प्राथमिक शाला संचालित है जहाँ 1 सहायक शिक्षक पद कम कर 30700 पद व 13149 पूर्व माध्यमिक शाला संचालित है जहाँ शिक्षक का 1 पद कम कर 13149 पद, कुल इससे 43849 पद एक झटके में समाप्त हो गए और यही शिक्षक अब अतिशेष बनाये जा रहे है।

स्कूल में अतिशेष हुए क्यो शिक्षक?

कागजी आंकड़े को लेकर लगातार विभाग हर बार शिक्षकों को पैमाना में कसने का प्रयास करता है किंतु स्थानांतरण व पदोन्नति के समय सारे नियम तोड़कर “जहाँ पाओ वहाँ पोस्टिंग करो“ की नीति अपनाते है, जिससे स्कूल में शिक्षक अतिशेष हो जाते है, अतिशेष की जिम्मेदारी आखिर किसकी है,?

2 शिक्षक 18 पीरियड कैसे पढ़ाएंगे

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहु, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेंद्र यदु, डॉक्टर कमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेंद्र पारीक ने कहा है कि जरा सोचकर देंखे शिक्षाविद व शिक्षा विभाग प्रायमरी स्कूलों में कम से कम 5 शिक्षक होना चाहिए, वह इसीलिए जरूरी है क्योंकि वहाँ 1 ली से 5 वी कक्षा के अध्ययन हेतु 18 पीरियड चाहिए, क्या 2 शिक्षक 18 पीरियड पढ़ाएंगे? क्या एक दिन में स्कूली समय मे 9 पीरियड होंगे,? शिक्षकों से यह जबरदस्ती क्यो,? इस प्रकार के युक्तियुक्तकरण से शिक्षा गुणवत्ता में खिलवाड़ होगा और शासकीय शाला कमजोर हो जाएंगे, क्या शासन चाहती है कि पढ़ाई न होने से छात्र शासकीय स्कूल छोड़कर निजी स्कूल में प्रवेश लें?

कामर्स 6 कालखंड में 1 व्याख्याता कैसे

कामर्स में 3 विषय के आधार पर कक्षा 11 वी व 12 वी में कुल 6 कालखड़ हेतु 1 व्याख्याता की व्यवस्था कैसे उचित कहा जा सकता है,? क्या एक व्याख्याता कुछ 6 पीरियड निरन्तर अध्यापन कर सकता है,?

क्या योग्य शिक्षकों की भर्ती नही होगी -

उन्होंने कहा है कि 31 जनवरी 2025 में शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया है कि सहायक शिक्षक के 33178 पद, शिक्षक के 5442 पद व व्याख्याता के 4623 पद, कुल 43243 पद रिक्त है, स्वाभाविक यह पद सेटअप के अनुसार ही रिक्त है, फिर शासन सेटअप का पालन क्यो नही कर रही है, क्या रिक्त पदों में योग्य प्रशिक्षित बेरोजगारों के भर्ती के खिलाफ है? इससे डीएड, बीएड, टेट योग्यताधारी शिक्षक नौकरी से वंचित हो जायेंगे।

शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय शाला क्यो है

गत डेढ़ वर्ष पहले प्राथमिक शाला में 3 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई, प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में पदोन्नति भी की गई, फिर भी 212 प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन क्यो है,? 6872 प्राथमिक शाला एकल शिक्षकीय क्यो है,? क्यो 48 पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहीन है और क्यो 255 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय है, जबकि शिक्षा विभाग ने शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय शाला में पहले पोस्टिंग का आदेश दिया था, इसके लिए शिक्षा विभाग जिम्मेदारी तय करे।

ड्राप आउट का कारण अलग

एक ही परिसर व आश्रित शाला से छात्रो को शत प्रतिशत प्रवेश लेने हेतु शिक्षा विभाग काआदेश है जिसके तहत सम्बन्धित छात्रों को निरन्तर प्रवेशित माना जाता है, उन्हें पुनः प्रवेश लेने की आवश्यकता नही है, बच्चो के ड्रॉपआउट होने के कारण में उनके पालक का अन्यत्र जाना, शिक्षा को प्राथमिकता नही दे पाना और स्किल शिक्षा के पर्याप्त अवसर न मिलना प्रमुख है।

शिक्षक संगठन है विरोध में

2008 के सेटअप से छात्र, पालक व शिक्षक के बीच शिक्षा गुणवत्ता का अनुकूलन होगा अतः सेटअप का पालन विभाग को करना ही होगा क्योंकि सेटअप विभाग के साथ साथ शाला का आधारभूत रीढ़ होता है, इससे हटकर की जा रही युक्तियुक्तकरण का प्रदेश भर के शिक्षक व शिक्षक संगठन विरोध करते है, इसके लिए शिक्षकों का एक साझा मंच 14 मई की बैठक में बनाया गया है, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन उसमे सहभागी है, एसोसिएशन की ओर से प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, योगेश सिंह ठाकुर व जितेंद्र मिश्रा भी बैठक में शामिल थे, शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे, सभी ने मिलकर एक स्वर में यह तय किया था कि युक्तियुक्तकरण रद्द करने, सोना साहू के तर्ज पर प्रदेश के सभी पात्र शिक्षकों को एरियर्स सहित क्रमोन्नति वेतनमान देने के लिए जनरल आर्डर जारी करने, पूर्व सेवा (प्रथम सेवा) गणना कर पेंशन सहित समस्त लाभ देने एवं प्राचार्य व व्याख्याता पदोन्नति में बीएड की अनिवार्यता समाप्त कर डीएड/बीएड प्रशिक्षित दोनों को शामिल करने की मांगों में सभी की सहमति है। अब इसके लिए 20 मई 2025 को मंत्रालय महानदी भवन परिसर में एकत्रित होकर विभाग में विरोध करेंगे।

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