CG Teacher Online Attendence: पौने दो लाख शिक्षकों में खलबली: पढ़िये ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर शिक्षक नेता क्या कह रहे हैं

Teacher News, Online Attendence: शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने "विद्या समीक्षा केन्द्र" मोबाइल एप तैयार किया है। पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में छत्तीसगढ़ के सात जिलों में लागू किया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग ने अब इसे शेष 27 जिलों में लागू करने का निर्देश जारी कर दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने प्रदेशभर के संभागीय संयुक्त संचालकों व जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर शिक्षकों व स्कूली छात्रों केऑनलाइन अटेंड का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का साफ कहना है कि मोबाइल शिक्षकों का स्वयं का है, जिसमें उपस्थिति आपत्तिजनक एवं निजता का हनन है। इसमे किसी भी प्रकार से डेटा बाहर जाने या गलत उपयोग की जिम्मेदारी विभाग को लेना होगा। शासन द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति लेना ही है तो मशीन उपलब्ध कराए तथा मशीन से उपस्थिति लिया जाए, नेटवर्क के लिए स्कूल में व्यवस्था आवश्यक है।

Update: 2025-12-19 15:55 GMT

Teacher News, Online Attendence: रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश के बाद शिक्षकों में खलबली मच गई है। शिक्षक संगठनों से जुड़े पदाधिकारी अब मुखर हो रहे हैं। शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का साफ कहना है कि शिक्षकों के पास अपने निजी कामकाज के लिए मोबाइल है। स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश पर पहले से ही कई एप डाउनलोड कर रखे हैं। साइबर फ्रॉड का खतरा तो बना ही रहता है,यह सीधेतौर पर निजता का उल्लंघन भी है। स्कूल शिक्षा विभाग के ताजा निर्देश के बाद शिक्षक और इससे जुड़े संगठन के पदाधिकारी मुखर होने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजिद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, शैलेन्द्र यदु, कोमल वैष्णव, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र परिक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विद्या समीक्षा केंद्र मोबाइल एप से शिक्षकों की उपस्थिति लिए जाने का आदेश जारी किया गया है, मोबाइल एप से उपस्थिति व्यवहारिक नहीं है। मोबाइल शिक्षकों का स्वयं का है, जिसमें उपस्थिति आपत्तिजनक एवं निजता का हनन है। इसमे किसी भी प्रकार से डेटा बाहर जाने या गलत उपयोग की जिम्मेदारी विभाग को लेना होगा, शासन द्वारा बायोमेट्रिक उपस्थिति लेना ही है तो मशीन उपलब्ध करावे तथा मशीन से उपस्थिति लिया जाए, नेटवर्क के लिए स्कूल में व्यवस्था आवश्यक है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि मोबाइल एप से उपस्थिति का आशय यह है कि शासन को अधिकारियों व निरीक्षण व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। एक बार विद्यार्थी उपस्थिति मोबाइल में होगा फिर एक बार रजिस्टर में। कक्षा की दर्ज संख्या ज्यादा हो तब यह काम दो बार करना पड़ेगा। ना तो यह व्यवहारिक रूप से और ना ही तकनीकी रूप से संभव है। स्कूल शिक्षा विभाग का यह निर्णय अव्यहारिक है।

0 विभाग में हो रहे प्रयोग से शिक्षा का गुणवत्ता पर पड़ रहा असर

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पांडेय का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के पास कोई अच्छी पहल होती है तो शिक्षकों ने हमेशा उसका स्वागत किया है। लेकिन शिक्षा विभाग में जिस तरह के प्रयोग हो रहे हैं, उससे शिक्षा की गुणवत्ता लगातार कहीं न कहीं प्रभावित हो रही है। वर्तमान में शिक्षकों एवं बच्चों के लिए ऑनलाइन अटेंडेंस ऐप लांच कर इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है, लेकिन इसके दूसरे पहलू पर विभाग ने ध्यान ही नहीं दिया है । क्या समस्त शिक्षकों के पास एंड्रॉयड फोन उपलब्ध है, और क्या समस्त जगह पर नेटवर्क उपलब्ध होते हैं। छत्तीसगढ़ के अनेक विद्यालय सुदूर क्षेत्रों में है जहां शिक्षकों को ऑनलाइन अटेंडेंस सबमिट करने में नेटवर्क की दिक्कतें आएगी। दूसरी ओर यदि शिक्षक अपना मोबाइल घर में भूल जाते हैं या उनके मोबाइल में बैटरी बैकअप नहीं है ऐसी स्थिति में उनकी उपस्थिति कैसे सुनिश्चित की जाएगी?

पहले डाटा लीक और सर्वर इश्यू को करें दुरूस्त

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने निजी मोबाइल में एप डाउनलोड करने को निजता का हनन बताया हैं। उन्होंने सरकार से मांग की हैं कि पहले नेटवर्क और सर्वर इश्यू से जूझते स्कूलों में सर्वर को दुरूस्त किया जाए। वीरेंद्र दुबे ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की दिक्कत होती हैं, ऐसे में ई अटेंडेंस कैसे होगा? 

शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने ऐसे ही एक अनावश्यक प्रयोग पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग, शिक्षकों के निजी मोबाइल पर VSK एप डाउनलोड करने हेतु बाध्य करना, शिक्षकों की निजता का हनन है। किसी भी एप को डाउनलोड करने पर मोबाइल धारक को डाटा, कैमरा सम्बन्धी अनुमति देनी होती है, इससे उसके व्यक्तिगत संसाधन के दुरुपयोग होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। AI और डीप फेक के जमाने मे निजी मोबाइल में दबावपूर्वक VSK एप डाउनलोड करना उसके पारिवारिक और निजी असुरक्षा को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री, निजता के इस मामले को संज्ञान में ले और ई अटेंडेंस के इस पायलेट प्रोजेक्ट को तत्काल निरस्त करें।

0 मोबाइल नंबर बैंक खातों से है लिंक, फ्राॅड हुआ तो कौन करेगा भरपाई

पहले से ही शिक्षकों के निजी मोबाइल में विभाग ने अनेकों ऐप डाउनलोड करवा रखा है, और इससे पहले भी शिक्षकों की व्यक्तिगत जानकारी इसी तरह के मोबाइल एप के माध्यम से सार्वजनिक होने की शिकायतें आई है। यह कहीं ना कहीं शिक्षकों की निजता का हनन भी है। शिक्षकों का मोबाइल नंबर बैंक खातों से लिंक होते हैं ऐसे में इस तरह के एप के चलते यदि शिक्षकों को किसी प्रकार के वित्तीय फ्रॉड का सामना करना पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?

आदेश निकालकर दबाव पूर्वक शिक्षकों के निजी मोबाइल में इस तरह के एप को डाउनलोड कराना शिक्षकों के साथ अन्याय है। शिक्षकों का मोबाइल उनके निजी मोबाइल है, और उसे मोबाइल के संचालन के लिए विभाग के द्वारा शिक्षकों को किसी भी प्रकार का ना तो भत्ता मिलता है और ना ही किसी प्रकार के नुकसान होने पर कोई मुआवजा। विभाग से आग्रह है कि यदि आप ऑनलाइन अटेंडेंस की शुरुआत करना चाहते हैं तो प्रत्येक विद्यालय में ऑनलाइन अटेंडेंस वाले डिवाइस लगाए जाएं।

0 ये है शासन का आदेश

स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव आरपी वर्मा ने प्रदेशभर के संभागीय संयुक्त संचालकों व जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में लिखा है कि शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति के लिए "विद्या समीक्षा केन्द्र" मोबाइल एप तैयार किया गया है। उक्त एप प्ले स्टोर में (लिंक https://play.google.com/store/apps/details?id=com.vsk teacher attendance) उपलब्ध उपलब्ध है।

विभाग द्वारा वर्तमान में इसे 7 जिलों में लागू किया है। इन जिलों में शिक्षक अपनी नियमित उपस्थिति एप में दर्ज कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अब इसे राज्य के शेष 26 जिलों के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों हेतु लागू किया जाए।

निर्देशानुसार अपने संभाग, जिलों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति "विद्या समीक्षा केन्द्र" एप में इंद्राज करने की कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए। इस संबंध में अवगत होना चाहेंगे कि भारत सरकार के निर्देशानुसार शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की प्रत्येक दिवस की उपस्थिति की जानकारी शिक्षा मंत्रालय के अधीन "राष्ट्रीय विद्या समीक्षा केन्द्र" को प्रेषित की जाती है तथा नियमित समीक्षा की जाती है।


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