CG Holidays News: फाइव डे वीक खत्म करने का फेडरेशन ने किया विरोध, कमल वर्मा बोले, ये सही नहीं, सरकार कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर न समझें

CG Holidays News: राज्य सरकार ने फाइव डे वीक के आदेश को निरस्त कर दिया है। सरकार के इस निर्णय का कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने विरोध किया है। साथ ही मांग की है कि कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार डालने की बजाय नियमित भर्ती कर रिक्त पदों की पूर्ती की जाए।

Update: 2025-05-22 15:33 GMT
CG Holidays News: फाइव डे वीक खत्म करने का फेडरेशन ने किया विरोध, कमल वर्मा बोले, ये सही नहीं, सरकार कर्मचारियों को बंधुआ मजदूर न समझें
  • whatsapp icon

CG Holidays News: रायपुर। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने पांच दिवसीय कार्य प्रणाली खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सप्ताह में पाँच कार्य दिवसों की कार्य संस्कृति को समाप्त कर पुनः छह दिवसीय कार्य प्रणाली लागू करने की संभावनाएँ व्यक्त की गई हैं।

फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि सप्ताह में पाँच कार्य दिवस की व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अत्यंत विचार-विमर्श कर, कर्मचारियों एवं आम जनता दोनों के हित में लागू की गई थी। इस निर्णय से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को न केवल अपने घरेलू कार्यों, बल्कि पारिवारिक सदस्यों के इलाज जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को भी सुगमता से निभाने का अवसर प्राप्त हुआ है। शनिवार और रविवार को वे अपने स्वास्थ्य एवं व्यक्तिगत कार्यों के लिए समय निकाल पाते हैं।

वर्मा ने यह भी कहा कि यह कहना पूर्णतः अनुचित है कि पाँच दिवसीय कार्य प्रणाली से कार्य प्रभावित हो रहा है। वास्तविकता यह है कि अधिकारी-कर्मचारी देर रात तक कार्य करते हैं तथा विधानसभाओं के सत्रों और वर्षांत में अवकाश के दिनों में भी आठ-आठ घंटे से अधिक कार्य करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राज्य के विभिन्न कैडरों में केवल 60% पद ही भरे हुए हैं, और यही 60% कार्मिक समस्त शासकीय योजनाओं का 100% कार्यभार वहन कर रहे हैं।

नवा रायपुर सहित अन्य कार्यालयों में कार्यरत शासकीय सेवक प्रातः 10:00 बजे कार्यालय पहुंचते हैं, और उन्हें नियमानुसार सायं 5:30 बजे तक कार्यालय छोड़ देना चाहिए, किंतु इसके उपरांत भी मंत्रालय, संचालनालय एवं अन्य कार्यालयों में देर रात तक कार्य करते हुए अधिकारी-कर्मचारियों को देखा जा सकता है।

फेडरेशन ने यह भी स्मरण कराया कि पूर्व में माह के दो शनिवार को अवकाश की व्यवस्था पहले से ही प्रचलित थी। वर्तमान में भारत सरकार एवं अधिकांश राज्यों में पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू है, ऐसे में छत्तीसगढ़ राज्य में इस व्यवस्था को केवल 'प्रोपेगंडा' के आधार पर समाप्त करना एक अत्यंत संवेदनहीन एवं कर्मचारी विरोधी कदम होगा।

फेडरेशन ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से यह मांग की है कि शासकीय सेवकों पर बंधुआ मजदूरों की भांति अतिरिक्त कार्यभार डालने की बजाय नियमित भर्ती कर रिक्त पदों की पूर्ति की जाए, जिससे कार्यों का निष्पादन अधिक प्रभावी रूप से हो सके।

श्री वर्मा ने 5-दिवसीय कार्य सप्ताह का समर्थन करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार आम जनता के हित में eOffice के माध्यम से सुशासन स्थापित करने हेतु सतत प्रयासरत है। यह प्रणाली मंत्रालय एवं संचालनालय स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा चुकी है।

eOffice के माध्यम से प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी शनिवार एवं रविवार को घर से ही शासकीय कार्यों का संपादन कर रहे हैं। इस प्रणाली के प्रभाव से व्यापारियों एवं आम नागरिकों को सप्ताहभर कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, जिससे उन्हें भी शासन की सुगमता एवं पारदर्शिता का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

इसके अतिरिक्त, शासकीय सेवक भी सप्ताहांत में अपने परिवार को पर्याप्त समय दे पा रहे हैं, जिससे कार्य-जीवन संतुलन बेहतर हो रहा है। यह उल्लेखनीय है कि देश की अनेक प्रतिष्ठित निजी कंपनियाँ भी वर्क फ्रॉम होम मॉडल को सफलतापूर्वक अपना रही हैं।

श्री वर्मा ने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि शासकीय सेवक एवं उनके परिवार भी इसी समाज का हिस्सा हैं और उन्हें भी वही सुविधाएँ एवं संतुलन मिलना चाहिए जिसकी अपेक्षा आम नागरिक करते हैं।

Tags:    

Similar News