CG Education News: ऐसे स्‍कूलों में क्‍लास लगाने पर लगी रोक: शिक्षा सचिव ने कलेक्‍टरों ने 3 दिन में मांगी रिपोर्ट...

CG Education News: छत्‍तीसगढ़ के स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धर्थ कोमल ने कलेक्‍टरों को फिर एक पत्र लिखा है। इसमें सचिव ने सभी कलेक्‍टरों से जिला में स्‍कूलों की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है।

Update: 2024-07-06 13:23 GMT

CG Education News: रायपुर। प्रदेश के नवनिहालों के भविष्‍य को लेकर विष्‍णुदेव साय सरकार गंभीर है। जर्जर सरकारी स्‍कूलों में क्‍लास लगाने पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परेदशी ने कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर जिला में स्थिति स्‍कूलों के हालात पर रिपोर्ट तलब की है।

कलेक्‍टरों को भेजे पत्र में स्‍कूल शिक्षा सचिव ने लिखा है कि 26 जून, 2024 से नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है और शालाओं में अध्यापन कार्य प्रारंभ हो चुका है। विभिन्न जिलों में शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। शालाओं को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए आपको और जिला शिक्षा अधिकारियों को समय-समय पर निर्देश दिए गए हैं कि अपने जिले के शाला भवनों का निरीक्षण कर लेवें तथा जो शाला भवन जर्जर है, उनमें अध्यापन कार्य नहीं कराया जाए।

जो शाला भवन मरम्मत के लायक है उन्हें जिला स्तर पर उपलब्ध डीएमएफ / सीएसआर या अन्य किसी निधि से नियमानुसार मरम्मत करा लेवें, ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक दुर्घटना से बचाव हो सके। इसके बावजूद भी विभिन्न माध्यमों से यह बात संज्ञान में आ रही है कि कुछ शालाएं अभी भी जर्जर भवनों में संचालित की जा रही है, जो किसी भी स्तर से उचित नहीं है।

कृपया अपने जिले की समस्त शाला भवनों का 03 दिवस के भीतर निरीक्षण करके आवश्यकतानुसार मरम्मत / सुधार कार्य कराया जाना सुनिश्चित करें। इसके पूर्व भी आपके निर्देशन में स्कूल जतन योजना अंतर्गत प्रदेश के मरम्मत योग्य / जर्जर शाला भवनों का चिन्हांकन किया जाकर शाला भवनों में मरम्मत / अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसके लिए आपको राशि जारी की गई है। जारी की गई राशि का समुचित उपयोग नियमानुसार किया जाना सुनिश्चित करें।

स्‍कूल शिक्षा सचिव ने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि जो शाला भवन जर्जर हों उनमें किसी भी स्थिति में कक्षाएं संचालित नहीं की जाए। जर्जर भवनों वाली शालाओं के संचालन हेतु सामुदायिक भवन, अन्य शासकीय भवन, अन्य शाला भवन या अन्य सुरक्षित विकल्प का उपयोग किया जाए। शालेय बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथकिता है, अतः शाला भवनों के मरम्मत कार्य प्राथमिकता पर कराया जाना सुनिश्चित करें।


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