CG Atmanand School: आत्मानंद स्कूलों में बिना प्रतिनियुक्ति के जमे हुए हैं सैकडों शिक्षक, न नोडल अधिकारियों का ध्यान, न DPI ने लिया संज्ञान...

CG Atmanand School: छत्तीसगढ़ के आत्मानंद स्कूलों में भर्राशाही मची है. आखिर कैसे आएगी इस प्रकार के कार्यप्रणाली से आत्मानंद स्कूलों में गुणवत्ता....

Update: 2025-04-29 12:43 GMT
CG Atmanand School: आत्मानंद स्कूलों में बिना प्रतिनियुक्ति के जमे हुए हैं सैकडों शिक्षक, न नोडल अधिकारियों का ध्यान, न DPI ने लिया संज्ञान...
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CG Atmanand School: रायपुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश में स्वामी आत्मानंद के नाम पर अंग्रेजी और हिंदी मध्यम स्कूल तो खोल दिए गए और उनका ढिंढोरा भी खूब पीटा गया. लेकिन अंदरखाने की बात यह है कि स्वामी आत्मानंद के स्कूल भ्रष्टाचार के ठिकाने बना चुके हैं. जहां महंगी दर पर फर्नीचर से लेकर डिजिटल बोर्ड तक की खरीदी की गई है तो वही गुणवत्ताहीन सामग्रियों का भी ढेर लगा हुआ है.

यही वजह है कि अधिकांश स्कूलों में ढेर सारे फर्नीचर टूट कर कबाड़ में फेंका चुके हैं और पुराने फर्नीचर तो कहां गायब हुए हैं यह किसी को पता नहीं है.

असहमति दिए हुए शिक्षक भी जमे हुए हैं स्कूलों में

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी और हिंदी माध्यम दोनों स्कूलों में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर रखा गया है और इसके लिए शिक्षकों से सहमति ली गई लेकिन सभी स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे भी शिक्षक हैं, जिन्होंने असहमति दी है और जिनकी पदस्थापना दूसरे स्कूलों में की जानी थी. लेकिन न तो जिले में बैठे नोडल अधिकारियों ने ध्यान दिया, न जिले के कलेक्टरों ने और न ही लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने.

आलम यह है कि बड़ी संख्या में शिक्षक दो तीन सालों से आत्मानंद स्कूलों में जमे हुए हैं, जिनकी स्कूलों के प्रति कोई जिम्मेदारी ही नहीं है। नियमानुसार तो ऐसे शिक्षकों को स्वामी आत्मानंद स्कूलों से अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना था लेकिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी का रोना रोने वाले विभाग के पास इस ओर देखने की फुर्सत ही नहीं है.

सभी जिलों में ऐसे शिक्षकों की लंबी सूची तैयार पड़ी है जिन्हें महज 15 दिनों के अंदर दूसरे स्कूलों में पदस्थ किया जा सकता है लेकिन विभाग है कि आंख मूंदे बैठा है. ऐसे में स्वामी आत्मानंद स्कूलों में गुणवत्ता की कल्पना करना भी बेमानी है. अब देखना होगा की नए डीपीई ऋतुराज रघुवंशी इस पर कोई फैसला लेते हैं?

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