Bilaspur News: CG जेडी का दुःसाहसः करोड़ों के गबन में बीआरसी को निलंबित कर 24 घंटे में कर दिया बहाल, हाई कोर्ट के आदेश का किया गलत व्याख्या

Bilaspur News: कलेक्टर सक्ती की अनुशंसा पर संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर ने सविता त्रिवेदी विकास खंड स्त्रोत समन्वयक, (मूल पद प्रधान पाठक) विकासखंड मालखरौदा को निलंबित कर दिया था। सविता त्रिवेदी पर करोड़ों रुपये की गड़बड़ी का गंभीर आरोप कलेक्टर सक्ती ने लगाया है। जांच पड़ताल में इस बात की पुष्टि होने की जानकारी भी दी है। जेडी बिलासपुर ने अपने आदेश को महज तीन दिनों के भीतर ही पलट दिया है। इस यूटर्न के बीच जेडी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सुनवाई और दिए गए निर्देश का गलत व्याख्या करते हुए निलंबन से शिक्षिका को बहाल कर दिया है। दरअसल शिक्षिका का रिटायरमेंट कुछ ही दिनों शेष है। शिक्षा जगत में इस बात की चर्चा तेज हो रही है कि हाई कोर्ट के निर्देश की गलत व्याख्या या जानबुझकर पलटे गए गए आदेश के पीछे की मंशा क्या है। जबकि, हाई कोर्ट ने कोई स्टे नहीं दिया है। सिर्फ याचिकाकर्ता को बिना कोई अंतरिम राहत दिए शासन को जवाब पेश करने का चार सप्ताह का समय दिया है।

Update: 2024-12-27 13:58 GMT

Bilaspur News: बिलासपुर। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर आरपी आदित्य ने शुक्रवार को आदेश जारी कि है। जिसमें उन्होंने 24 दिसंबर को जारी अपने ही आदेश को पलट दिया है। या यूं कहें कि तीन दिन पहले एक शिक्षिका को निलंबित करने आदेश जारी किया था। तीन दिन बाद उसे निरस्त कर दिया है। निलंबन आदेश में शिक्षिका पर करोड़ों रुपये का घपले करने का आरोप है। यह कार्रवाई सक्ती कलेक्टर के पत्र के आधार पर किया था। जेडी ने अपने आदेश को पलटते हुए हाई कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है। जबिक हाई कोर्ट के जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई के बाद जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।

जेडी ने हाई कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या जानबूझकर की या फिर अनजाने में। इसे लेकर चर्चा छिड़ गई है। वैसे भी स्कूल शिक्षा विभाग में लीगल सेल कार्य करता है। जब हाई कोर्ट का निर्देश आया तब जेडी ने लीगल सेल से सलाह मशविरा या परामर्श क्यों नहीं लिया, यह भी बड़ा सवाल है।

दरअसल 24 दिसम्बर को बिलासपुर जेडी आर पी आदित्य ने एक आदेश जारी कर जिला सक्ति की महिला प्रधान पाठक सविता त्रिवेदी को निलंबित कर दिया था। जारी निलंबन आदेश में जेडी ने लिखा है कि महिला प्रधान पाठक त्रिवेदी पर करोड़ों के गबन का आरोप है। सक्ती के कलेक्टर ने करोड़ों के गबन के आरोप में प्रधान पाठक सविता त्रिवेदी के खिलाफ कार्रवाई करने 12 दिसम्बर को जेडी को पत्र लिखा था । इसके बाद जेडी ने 24 दिसंबर को पत्र जारी कर महिला प्रधान पाठक सविता त्रिवेदी को निलंबित कर दिया था । आदेश जारी करने के तीन दिन बाद यानी शुक्रवार27 दिसंबर को जेडी ने एक नया आदेश जारी किया है। जिसके अनुसार महिला शिक्षिका ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और बिलासपुर हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को सुनवाई में इस मामले में महिला शिक्षिका को अंतिम राहत दी है । हाई कोर्ट के आदेश को आधार बनाते हुए जेडी ने अपने 24 तारीख के आदेश को निरस्त कर दिया है ।

यह तो अवमानना का बनता है मामला

जेडी ने निलंबन आदेश को रद्द करते हुए लिखा है कि महिला शिक्षिका को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिल गई है। 16 दिसंबर को महिला शिक्षिका को हाई कोर्ट से राहत मिलने की बात कही जा रही है। जेडी ने 24 दिसंबर को निलंबन आदेश किस आधार पर जारी कर दिया। हाई कोर्ट के आदेश के आठ दिन बाद कार्रवाई को लेकर सवाल उठ खड़ा हुआ है। विधि विशेषज्ञों का कहना है कि जेडी ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए निलंबन समाप्त किया है तो यह तो न्यायालयीन आदेश की अवहेलना का मामला बनता है।

 हाई कोर्ट ने शासन को जवाब पेश करने दिया है समय

याचिकाकर्ता शिक्षिका ने जेडी की कार्रवाई से पहले हाई कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग की थी। राज्य शासन ने जवाब पेश करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की थी। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने राज्य शासन को जवाब पेश करने के लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है।

 कलेक्टर सक्ती ने कार्रवाई के लिए लिखा था पत्र

कलेक्टर सक्ती के पत्र 12.12.2024 को जेडी को पत्र लिखकर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। जेडी ने कलेक्टर के पत्र का हवाला देते हुए अपने निलंबन आदेश में लिखा है कि सविता त्रिवेदी विकास खंड स्त्रोत समन्वयक, (मूल पद प्रधान पाठक) विकासखंड मालखरौदा के विरूद्ध करोड़ो रूपये का गबन/आर्थिक अनियमितता किये जाने संबंधी शिकायत में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की अनुशंसा कलेक्टर सक्ती द्वारा 12.12.2024 के माध्यम से संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय नवा रायपुर में प्रस्तुत की गई। सविता त्रिवेदी का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 के विपरीत गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता हैं।

छग सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1965 के नियम-20 तथा 21 के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत् शासकीय सेवक को निलंबित करने तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की शक्ति के तहत् एवं कलेक्टर सक्ती से प्राप्त अनुशंसा के आधार पर सविता त्रिवेदी, विकास खंड स्त्रोत समन्वयक, (मूल पद प्रधान पाठक) विकासखंड मालखरौदा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता हैं तथा इनका मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सक्ती नियत किया जाता हैं। निलंबन अवधि में सविता त्रिवेदी को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

 कार्रवाई के बाद जेडी ने इनको दी थी जानकारी

. संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, स्कूल शिक्षा विभाग छग

. कलेक्टर जिला सक्ती / जांजगीर-चांपा

. जिला शिक्षा अधिकारी सक्ती

. जिला मिशन समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, जिला जांजगीर-चांपा

. विकास खंड शिक्षा अधिकारी मालखरौदा जिला सक्ती

. प्रधान पाठक शास.पू.मा.शाला पिहरीद वि.खं. मालखरौदा जिला सक्ती

. सविता त्रिवेदी विकास खंड स्त्रोत समन्वयक, विकासखंड मालखरौदा जिला सक्ती



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