Bengal Teacher Recruitment Scam: 24 हजार शिक्षकों की गई नौकरी, हाईकोर्ट ने रद्द की शिक्षक भर्ती, अब लौटानी होगी सैलरी

Bengal Teacher Recruitment Scam: कोर्ट ने सेवा आयोग द्वारा गठित स्कूल शिक्षकों के लिए 2016 की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही रद्द कर दी है। इस भर्ती में पैनल पर करीब 5 से 15 लाख रूपए घूस लेने का आरोप है। साथ ही कोर्ट ने इन शिक्षकों को मिले वेतन को लौटाने का भी आदेश दिया है।

Update: 2024-04-22 07:48 GMT

Bengal Teacher Recruitment Scam कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग में सेवा दे रहे 24 हजार शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। कोर्ट ने बंगाल सेवा आयोग द्वारा गठित स्कूल शिक्षकों के लिए 2016 की पूरी भर्ती प्रक्रिया ही रद्द कर दी है। इस भर्ती में पैनल पर करीब 5 से 15 लाख रूपए घूस लेने का आरोप है। साथ ही कोर्ट ने इन शिक्षकों को मिले वेतन को लौटाने का भी आदेश दिया है। इसकी वसूली का काम जिला अधिकारियों को सौंपा है। हाईकोर्ट के जस्टिस देवांशु बसाक की बेंच ने चर्चित मामले पर यह फैसला सुनाया हैं।

जानिए पूरा मामला

मालूम हो कि ये मामला 2014 का है। उस समय पश्चिम बंगाल सर्विस कमिशन ने सरकरी भर्ती निकाली थी। जिसकी प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई। भर्ती के दौरान सर्विस कमिशन पर कई गंभीर आरोप लगे थे। आरोप में कहा गया था कि जब भर्ती को लेकर परिणाम आए तो जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में सबसे उपर रखा गया था। साथ ही जो मेरिट में नहीं थे उनसे पैसे लेकर उन्हें नौकरी दी गई। इतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी थी कि जिसमें कहा गया था कि कमिशन ने ऐसे लोगो को भी नौकरी दी, जिन्होंने टीईटी परीक्षा पास तक नहीं की थी। जबकि राज्य में शिक्षक नौकरी के लिए टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य है। इन शिकायतों के बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। ईडी ने भी मामले में जांच शुरू की।

यह मामला मीडिया में काफी चर्चाओं में रहा। और इस मामले में टीएससी के कई विधायक और नेताओं समेत शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया था। मामला इतना बढ़ा कि शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्ची को भी गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान मंत्री के सहयोगी के पास भारी मात्रा में करोड़ों की नगदी बरामद की गई थी।

21 करोड नगदी, 60 लाख विदेशी करेंसी जब्त 

ईडी ने 2022 में पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान षिक्षामंत्री की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की प्राॅपर्टी के दस्तावेज मिले थे। ईडी ने अर्पिता के फलैट में छापामार कर करीब 21 करोड नगदी, 60 लाख विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज को खंगाला था। जिसके बाद ईडी ने शिक्षा मंत्री और उसकी सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया था। मालूम हो कि अर्पिता एक माॅडल और ऐक्ट्रेस है। अर्पिता ने ओडिशा और बंगला फिल्मों में काम भी की है। 

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