फिर फंसे 6 स्कूल: बच्चों से ज्यादा फीस लेने, कॉपी-किताब और स्कूल ड्रेस के लिए दुकान तय करने पर 6 स्कूल प्रबंधन को नोटिस

डीईओ के 5 और बीईओ स्तर की 4 टीमों ने 16 स्कूलों में जांच की

Update: 2022-04-09 18:11 GMT

रायपुर, 09 अप्रैल 2022। स्कूल शिक्षा विभाग की टीमों ने शनिवार को भी स्कूलों की जांच की। इस दौरान बच्चों से ज्यादा फीस लेने, स्कूल ड्रेस और कॉपी-किताब के लिए दुकान तय करने के मामले में 6 स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।

आज की जांच में नवकार पब्लिक स्कूल नवापारा अभनपुर में फीस समिति द्वारा 8 प्रतिशत शुल्क वृद्धि का अनुमोदन किया गया परन्तु शाला प्रबंधन द्वारा 8 प्रतिशत से अधिक लेना पाया गया। इस संबंध में संबधित शाला प्रबंधक/अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है। केपीएस गोबरा नवापारा अभनपुर द्वारा निरीक्षण टीम को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जा सका। उन्हें तत्काल नोटिस देते हुए समस्त दस्तावेज के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही, संबंधित शासकीय विद्यालय के नोडल अधिकारी को भी नोटिस जारी किया जा रहा है। अशासकीय विद्यालय कांगेर वैली एकेडमी रायपुर के प्राचार्य द्वारा निरीक्षण अधिकारियों को फीस निर्धारण समिति से अनुमोदन एवं समिति गठन संबंधी कोई भी दस्तावेज उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे। स्कूल ड्रेस व काॅपी-किताब खरीदने के लिए स्कूल द्वारा दुकानें निर्धारित की गई है। उन्हें तत्काल नोटिस देते हुए समस्त दस्तावेज के साथ कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी तरह अशासकीय विद्यालय रेडिएंट वे स्कूल रायपुर के निरीक्षण में विद्यालय द्वारा विभागीय मान्यता संबंधी कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। विद्यालय परिसर में विद्यालय प्रबंधन द्वारा ही पाठय पुस्तकों और कॉपियों का विक्रय किया जा रहा था। स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ तिल्दा को विभागीय मान्यता कक्षा नर्सरी से आठवीं तक प्राप्त है, लेकिन विद्यालय द्वारा आरटीई के अन्तर्गत नर्सरी कक्षा के स्थान पर केजी-1 में प्रवेश दिया जाना पाया गया। कृष्णा पब्लिक स्कूल डूण्डा रायपुर में मान्यता संबंधी और अन्य दस्तावेज का रखरखाव सही तरीके से नहीं है, जिसके लिए शाला प्रबंधन/अध्यक्ष को नोटिस दिया गया है। पुरे दस्तावेज के साथ जिला कार्यालय रायपुर में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए। भामाशाह स्कूल छत्तीसगढ़ नगर में अध्यापन कक्ष और प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी पाई गई। फीस वृद्धि नहीं की गई किन्तु फीस समिति की बैठक और अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया। शासन द्वारा स्कूल को उपलब्ध कराई गई पाठ्य पुस्तकों का वितरण बच्चों को नहीं किया गया है। इनसे भी जवाब मांगा गया है।

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