डॉक्टर का अपहरणः कोरोना की कमाई में हिस्सेदारी को लेकर डॉक्टरों ने किया अस्पताल संचालक का सिनेमाई अंदाज में अपहरण, पुलिस के प्रेशर में 24 घण्टे में दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़ा, संचालक से पुलिस कर रही पूछताछ

Update: 2021-09-21 03:03 GMT

बिलासपुर, 21 सितंबर 2021। बिलासपुर के राजकिशोर नगर स्थित स्काई हॉस्पिटल के संचालक प्रदीप अग्रवाल का उनके ही हॉस्पिटल में पूर्व में काम करने वाले दो डॉक्टरों और एक नर्सिंग स्टाफ ने अपने दो साथियों के साथ मिल कर कल किडनैप कर लिया। अस्पताल संचालक को अपहरण के बाद यूपी ले जाया गया पर पुलिस के दबाव के बाद 24 घण्टे में ही दिल्ली एयरपोर्ट पर छोड़ कर फरार हो गए हैं।
अस्पताल संचालक के भाई ने उन्हें रायपुर की टिकिट करवा के दी, जिससे वो सुबह 8,20 को रायपुर पहुँचे। वहां से उन्हें बिलासपुर पुलिस अपने साथ ले आयी हैं और घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है।
मामले में मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर के राजकिशोर नगर में भवन किराए पर ले कर प्रदीप अग्रवाल अस्पताल का संचालन करते हैं। उन्होंने अपने यहां कोरोना के समय दिल्ली स्थित एक एजेंसी के माध्यम से मुरादाबाद निवासी डॉक्टर शैलेन्द्र मसीह डॉक्टर मोहम्मद आरिफ को रखा था। कोरोना के समय हास्पिटल में मरीजो द्वारा हॉस्पिटल में बिल के रूप में लम्बे-चौड़े रकम को देख कर डॉक्टरों ने तनख्वाह के अलावा बिल में से कमीशन की मांग की। उनका कहना था कि उनकी मेहनत से ही हास्पिटल को इतनी कमाई हुई हैं, लिहाजा उन्हें भी कमाई में हिस्सा मिलना चाहिए। पर अस्पताल संचालक ने देने से मना कर दिया उसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया इसके बाद डॉक्टरों ने सीएमओ को शिकायत करते हुए बताया था कि अस्पताल संचालक उन दवाओं का भी बिल बनवाते हैं जो मरीज को लगी ही नही हैं।

19 की शाम मोपका के सैलून से किया अपहरणः-

लेन देन का विवाद नही सुलझने पर डॉक्टरों ने अस्पताल में ही काम करने वाले एक नर्सिंग स्टाफ और अपने दो अन्य
साथियों फिरोज और आलम के माध्यम से अपहरण करने की योजना बनाई। उसके बाद 19 तारीख रविवार की शाम जब प्रदीप अग्रवाल मोपका स्थित सैलून से नीचे उतर रहे थे, तब डॉक्टर शैलेन्द्र डॉक्टर मोहम्मद अस्पताल के ही एक नर्सिंग स्टाफ व फिरोज और आलम ने मिल कर सैलून की सीढ़ियों से ही उन्हें जबरदस्ती उठा लिया और इर्टिंगा गाड़ी में भर लिया। उनकी गाड़ी को एक आरोपी चलाते चलाते उनके स्काई हॉस्पिटल तक पहुँचा जहो पर उनकी कार को हास्पिटल के बाहर ही छोड़ दिया। उसके बाद अन्य साथियों के साथ उसी गाड़ी में जिसमे डॉक्टर थे, रतनपुर फिर पेंड्रा होते हुए उन्हें यूपी के मुरादाबाद ले जाया गया, जहां के दोनों डॉक्टर मूल निवासी हैं।
रात घर वापसी न होने पर घर वालो ने देर रात सरकंडा पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर अपनी खोजबीन शुरू कर दी।

अस्पताल संचालक से करवाया स्टाफ को फोन मंगाया चेक बुकः-

आरोपी इतने शातिर थे कि उन्होंने फोन का इस्तेमाल कर संचालक के घर वालो से सम्पर्क नही किया बल्कि आरोपियो ने दबाव डाल कर संचालक प्रदीप अग्रवाल से फोन करवा कर कहवाया कि वो एक आदमी भेज रहे हैं जिसके हाथो उनकी ब्लेंक चेक बुक भेज देना।
नर्स से जैसे ही शुरू हुई पूछताछ घबरा गए आरोपीः-
पुलिस ने अस्पताल के सामने की सीसीटीवी फुटेज चेक की जिसमें आरोपी कार छोड़ने आते हुए दिख गए, जिसको अस्पताल के ही एक नर्स ने ही आइडेंटिफाई किया और बताया कि ये अस्पताल के ही पूर्व डॉक्टर हैं। तब तक शाम के 20 तारीख की शाम 4 बज गए थे और अपहरण को 24 घण्टे पूरे होने में कुछ ही घण्टे बाकी थे।
सूत्रों के अनुसार जैसे ही नर्स को पुलिस पूछताछ के लिए ले गयी और उसने आरोपियो को आइडेंटिफाई किया उसके बाद अचानक से मुरादाबाद में बैठे आरोपी भी आश्चर्यजनक ढंग से घबरा गए और उनका रवैया अपह््रत के प्रति बदल गया। सूत्रों के मुताबिक अपहरण कर्ताओ को कोई यहां से पुलिस की सक्रियता की जानकारी दे रहा था,जिससे घबराएं आरोपियो ने अस्पताल संचालक को रात को ही मुरादाबाद से दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ दिया,जहाँ संचालक ने अपने घर वालो से सम्पर्क किया और उनके भाई ने सुबह 6.30 कि टिकट दिल्ली से रायपुर की करवाई। लगभग 8.20 को रायपुर फ्लाइट पहुँचने पर बिलासपुर पुलिस ने उन्हें सकुशल अपने कब्जे में ले लिया हैं।
अस्पताल संचालक को बिलासपुर लाकर अपहरण और अपहर्ताओं के बारे में पूछताछ कर जानकारी जुटाई जा रही हैं, जिसके बाद एफआईआर दर्ज कर जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा।

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