वन-पर्यावरण पर बड़ी पहल

33 जिलों के 42 जगहों से शुरू हुई मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना 5 साल में एक लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य

Update: 2023-04-01 11:25 GMT

रायपुर 1 अप्रैल 2023।  छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की जैव विविधता छत्तीसगढ़ की पहचान है। यहां की कला, संस्कृति, परम्पराएं, दर्शन, चिंतन, आध्यात्म, इतिहास सब कुछ हमारे जंगलों से जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के वन पूरे देश की धरोहर है। इन वनों से पूरे देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ के जंगल बचे रहें, पर्यावरण बचा रहे, जंगल से जुड़ी गौरवशाली संस्कृति बची रहे और खूब फले-फूले इस दिशा में भूपेश बघेल की सरकार ने लगातार काम किया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना देश में एक अनूठी योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा कम्पनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन की दिशा में भी सहभागिता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से, पर्यावरण, सॉइल हेल्थ की दृष्टि से ये योजना महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि बस्तर और सरगुजा के लोगों ने जहां प्रदेश में सर्वाधिक वन हैं, वृक्षारोपण की इस योजना में गहरी रूचि दिखाई है। मैदानी इलाके के दुर्ग और रायपुर संभाग में हितग्राहियों ने कम रूचि दिखाई है। जबकि यहां वृक्षों की ज्यादा जरूरत है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि दुर्ग और रायपुर संभाग में इस योजना को व्यापक प्रचार-प्रसार कर योजना से होने वाले लाभों की जानकारी लोगों को दी जाए, ताकि इस क्षेत्र में भी वृक्षारोपण को बढ़ावा मिले। राज्य के सभी 33 जिलों के 42 स्थानों में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ किया गया।


प्रति एकड़ 15 से 20 हजार तक होगी आय

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में सभी वर्ग के इच्छुक किसानों की पड़त भूमि में वाणिज्यिक वृक्षारोपण होगा। योजना के तहत 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। योजना से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होगी। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में वृक्षारोपण किया जाएगा। यह योजना हितग्राहियों की आय में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण योजना है। योजना में 5 एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।

20 हजार किसानों ने कराया पंजीयन

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक उठा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में योजना के तहत इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा। इनमें क्लोनल यूकलिप्टस, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे। अब तक 19 हजार 653 हितग्राहियों के लगभग 30 हजार एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण हेतु पंजीयन किया जा चुका है।

60 हजार करोड़ रुपए की इमारती लकड़ी का आयात

भारत में प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ रुपए की इमारती लकड़ी का आयात विदेश से किया जाता है। जिस का 10 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ में आता है। सरकार ने काष्ठ आधारित उद्योगों की स्थापना पर भी इसके लिए काम शुरू किया है। राज्य के नागरिकों को अपनी निजी भूमि पर व्यवसायिक वृक्षारोपण करने के लिए एवं प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य के निवासियों को लकड़ी का उपयोग करने के लिए सरकार द्वारा प्रेरित किया जाएगा। जिससे किसानों को पेड़ों से ही आय प्राप्त हो सकेगी।

पांच साल में लगाए जाएंगे 15 करोड़ पौधे

मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। राज्य शासन द्वारा 1 वर्ष में 36 हजार एकड़ तथा 5 वर्ष में 1 लाख 80 हजार एकड़ क्षेत्रफल में कुल 15 करोड़ वृक्षारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा 5 एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी। चिन्हित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी हेतु न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण भी शासन द्वारा किया जाएगा। 5 वर्ष में रोपित सभी प्रजातियो के वृक्ष परिपक्व होने पर उनका मूल्य 10 हजार करोड़ रुपये होने की सम्भावना है। इस योजना से किसानों को प्रति एकड़ प्रतिवर्ष 15 हजार से 50 हजार तक आय सम्भावित है। इसके अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी।

30 हजार एकड़ में रोपे जाएंगे 12 प्रजाति के पौधे

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला के मुताबिक मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा। इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़ में, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ में, चंदन का 1 हजार 462 एकड़ में, मेलिया दुबिया का 8 सौ 34 एकड़ में, सामान्य बांस का 7 सौ 37 एकड़ में, टिश्यू कल्चर बम्बू का 6 सौ 7 एकड़ में, रक्त चंदन का 1 सौ 26 एकड़ में, आंवला का 43 एकड़ में, खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में तथा महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना का उद्देश्य

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का उद्देश्य निजी भूमि पर पौधारोपण को प्रोत्साहन देकर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना, किसानों की आय में वृद्धि करना, रोजगार के अवसर को बढ़ाना और जंगलों पर दबाव कम करना है। इस योजना के माध्यम से किसानों को वृक्षारोपण के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। किसानों द्वारा तैयार की गई पेड़ों की लकड़ी छाला दी बिकवाने व निर्यात के लिए राज्य सरकार द्वारा वन विभाग देश-विदेश की कंपनियों के साथ मिलकर किसानों से एमओयू करेगा। जिससे राज्य में वृक्षारोपण को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य में हरियाली से पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत राज्य के नागरिकों को टिश्यू कल्चर पद्धति के आधार पर सागौन, शीशम, बांस, ग्राफ्टेड, आंवला, चंदन जैसी इमरती व महंगी लकड़ियों वाले पेड़ों के पौधे लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा। इस योजना के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए फिलहाल सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा 50 फीसदी सब्सिडी किसानों को पौधों के रोपण के लिए दी जाएगी। इसके अलावा 3 वर्ष तक प्रति एकड़ 10 हजार रूपए बोनस भी देगी। अगर कोई किसान इस योजना के तहत अपनी एक एकड़ भूमि पर एक लाख रुपए खर्च करके पौधे लगाता है तो उसे सरकार द्वारा 1 लाख रुपए बतौर सब्सिडी दी जाएगी।

प्राकृतिक पेड़ों के काटने अनुमति की जरूरत नहीं

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत शासन द्वारा किसानों की निजी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित और प्राकृतिक रूप से उगे पेड़ों की कटाई के नियमों के अनुसार अब भूमि स्वामी अपनी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित पेड़ों की कटाई को खुद करवा सकेंगे। जिसके लिए उन्हें किसी की भी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। किसानों को केवल अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पेड़ काटने की सूचना देनी होगी। चाहे तो भूमि स्वामी वन विभाग से भी पेड़ कटवा सकते हैं। आवेदन प्राप्ति के 45 दिन के भीतर निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अनुमति देनी होगी।

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