Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana: गांवों से शहरों तक हर मौसम में शानदार रोड कनेक्टिविटी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का लाभ और खास बातें

केंद्र सरकार ने ग्रामीण इलाकों का विकास करने के लिए साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) की शुरुआत की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत देश के हर गांव में पक्की सड़क बनवाई गई।

Update: 2024-07-10 12:04 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। केंद्र सरकार ने ग्रामीण इलाकों का विकास करने के लिए साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) की शुरुआत की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत देश के हर गांव में पक्की सड़क बनवाई गई।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) भारत में असंबद्ध गांवों को अच्छी सड़क कनेक्टिविटी देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी योजना है। इस योजना ने कई ग्रामीणों की जीवनशैली को बदल दिया। इस योजना के तहत गांव की पक्की सड़कों को शहर की पक्की सड़कों के साथ जोड़ा गया।


साल 2019 में शुरू किया गया था तीसरा फेज

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रबंध ग्राम पंचायत और नगर पालिका के माध्यम से किया जाता है। भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज़ साल 2019 में शुरू किया गया था। इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की थी।

  • योजना- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
  • शुरुआत- भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2000 में शुरू की थी
  • मुख्य उद्देश्य- ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्र से जोड़ना
  • लाभार्थी- भारतीय नागरिक
  • आधिकारिक वेबसाइट- pmgsy.nic.इन

सड़कें बनाने के साथ ही इसकी कराई जाती है मरम्मत

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिन गांवों में पहले से सड़क बनी हुई है, उनकी मरम्मत करवाई जाएगी। सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का संचालन ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और नगर पालिका करती है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में काफी मददगार साबित हुई है।

पहले गांवों में कच्ची सड़क के चलते हो जाता था कीचड़

इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोग सशक्त और आत्मनिर्भर बन पाए हैं। दरअसल पहले गांव में कच्ची सड़कें होती थीं, इसकी वजह से बारिश के मौसम में इसमें पानी और कीचड़ हो जाता था। इसकी वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लोगों की कनेक्टिविटी जिला मुख्यालयों से कट जाती थी। साथ ही आना-जाना दूभर हो जाता था। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को शुरू किया गया था।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana का मकसद

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को शहरी क्षेत्र की सड़कों से जोड़ना है, ताकि ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को शहरों में जाने में किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।

योजना का लाभ और खास बातें

  • भारत सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का शुभारंभ वर्ष 2000 में किया था।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से सभी छोटे और बड़े गांव की सड़कों को शहर की पक्की सड़कों से जोड़ा जाएगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रबंध ग्राम पंचायत और नगर पालिका के जरिए करवाया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज़ वर्ष 2019 में शुरू किया गया था।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिन गांवों में पहले से ही सड़क बनी हुई है उन सड़कों की मरम्मत करवाई जाएगी।
  • यह योजना गांव में निवास कर रहे नागरिकों के जीवन स्तर को सुधारने में बहुत मददगार साबित हुई है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के संचालन से गांव में रह रहे लोगों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया गया है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत इस तरह से बनाई जाती है प्लानिंग

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिला पंचायत स्तर पर प्लान तैयार किया जाता है। इसमें इंटरमीडिएट पंचायत जिला पंचायत और स्टेट लेवल स्टैंडिंग कमेटी को शामिल कर जाता है। इस योजना का संचालन करने के लिए ब्लॉक लेवल पर भी प्लान कमेटी के माध्यम से प्लान बनाया जाता है। ब्लॉक द्वारा एक्जिस्टिंग रोड नेटवर्क को बनाया जाता है। पहचान की जाती है कि कौन से रोड नेटवर्क शहरों से जुड़े हुए हैं और कौन से रोड नेटवर्क शहरों से नहीं जुड़े हुए हैं। इसके बाद रोड नेटवर्क को शहरों से जोड़ने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाता है।

8 दिसंबर 2021 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कुल 6 लाख 8० हजार 040 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है। इस योजना को केंद्र द्वारा केवल 2015-16 तक वित्त पोषित किया गया था। तब से केंद्र और राज्य के बीच धन का बंटवारा किया जाता रहा है। पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों (जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश) के लिए एक परियोजना का 90% केंद्र सरकार का धन है और इस लागत का 10% राज्य सरकार का धन है।

अन्य राज्यों के लिए केंद्र सरकार परियोजना का लगभग 60% वित्त पोषित करती है, जबकि बाकी 40% राज्य सरकार के पैसों से होता है।

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का फायदा

  • हर मौसम में हर जगह रोड कनेक्टिविटी बेहतर हो।
  • देश में माल और वाहनों की आसान आवाजाही, इससे व्यापार में भी सुविधा होती है।
  • सड़क संपर्क के कारण गांवों के लोगों के लिए रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हैं।

योजना के लिए पात्रता

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के लिए पात्र होने के लिए क्षेत्र का एक बस्ती होना जरूरी है।
  • केंद्र सरकार निवास को एक ऐसे क्षेत्र में रहने वाले जनसंख्या समूह के रूप में परिभाषित करती है, जो समय के साथ स्थिर रहती है।
  • सड़क कनेक्शन के लिए पात्र होने के लिए बस्ती की आबादी अधिक होनी चाहिए।
  • मैदानी क्षेत्रों में पात्र बस्तियों की आबादी 500 से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 250 या उससे अधिक होनी चाहिए।

प्रस्ताव की प्रक्रिया

  • मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट ने नेशनल रूरल रोड्स डेवलपमेंट एजेंसी की स्थापना की।
  • इस एजेंसी के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को संचालित करने में ऑपरेशनल और मैनेजमेंट सपोर्ट दिया गया।
  • नेशनल रूरल रोड्स डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा जमा किए गए प्रोजेक्ट प्रपोजल का रिव्यू एंपावर्ड कमेटी के द्वारा किया जाएगा।
  • सभी रिकमेंड प्रपोजल मंत्री को अनुमति के लिए भेजे जाएंगे।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया

  • मिनिस्ट्री की मंजूरी के बाद प्रोजेक्ट प्रपोजल राज्य सरकार को भेज दिया जाता है।
  • राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत राशि आवंटित की जाती है।
  • इस पूरी प्रक्रिया के होने के बाद एक्सक्लूजन कमेटी के माध्यम से टेंडर को आमंत्रित किया जाता है।
  • टेंडर को आमंत्रित करने के बाद इसकी स्वीकृति मांगी जाती है।
  • टेंडर की स्वीकृति के 15 दिन के बाद इस योजना पर काम शुरू कर दिया जाता है।
  • इसके बाद 9 माह के अंदर रोड बनाने का काम पूर्ण रूप से खत्म कर दिया जाता है।
  • एक्सेप्शनल केस में 12 महीने तक यह काम जारी रखा जा सकता है।
  • इसके अलावा पहाड़ी इलाकों में 18 से 24 महीने के बीच में निर्माण करवाया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत दो किस्त में फंड रिलीज किया जाता है।
  • इंस्टॉलमेंट में प्रोजेक्ट वैल्यू की लगभग 50% राशि प्रदान की जाती है।
  • दूसरे इंस्टॉलमेंट में बकाया की 50% राशि प्रदान की जाती है।
  • पहली इन्स्टॉलमेंट के फंड का 60% उपयोग होने के पक्ष और 80% काम होने के बाद राशि दी जाती है।
  • दूसरा इन्स्टॉलमेंट प्राप्त करने के लिए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट ऑडिट स्टेटमेंट का अकाउंट सर्टिफिकेट जैसी चीजों की जरूरत होती है।

Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana के तहत ऐसे होता है आवेदन

  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • आवेदन करें कि विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • आपके सामने एक आवेदन फॉर्म खुलकर आ जाएगा।
  • इस आवेदन फॉर्म में पूछी गई पूरी जानकारी को ध्यान से पढ़कर भरना होगा।
  • इसके बाद आप मांगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड करें।
  • फिर सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • आप भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
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