PM Rashtriya Bal Puraskar (PMRBP): असाधारण उपलब्धि के लिए बच्चों को मिलता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, जानें इससे जुड़ी खास बातें

केंद्र सरकार ने साल 1996 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister's National Child Award) की शुरुआत की थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था। आइए जानते हैं इस पुरस्कार की खास बातें...

Update: 2024-07-18 10:30 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) असाधारण उपलब्धियों वाले बच्चों को दिया जाता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का आयोजन बच्चों की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प, क्षमता, जोश और उत्साह का जश्न मनाने के लिए किया जाता है। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से एक गाइडलाइन बनी हुई है, उसी के आधार पर बच्चों का चयन किया जाता है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की शुरुआत

केंद्र सरकार ने साल 1996 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Prime Minister's National Child Award) की शुरुआत की थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों को सम्मानित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल पुरस्कार को शुरू किया गया था। साल 1996 से पुरस्कार पाने वाले ये बच्चे राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड का भी हिस्सा बनते हैं।


बहादुर बच्चों को भी दिया जाता है पुरस्कार

  • ऐसे बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से ज्यादा और 18 साल से कम है, जो भारतीय नागरिक हैं और देश में ही रहते हैं, उन्हें ये पुरस्कार दिया जा सकता है। यह भारत सरकार द्वारा हर साल विभिन्न क्षेत्रों यानी नवाचार, शैक्षिक उपलब्धियों, सामाजिक सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल और बहादुरी में बच्चों की असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए दिया जाता है।
  • PMRBP के हर पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, सर्टिफिकेट और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
  • पुरस्कार विजेताओं का चयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति द्वारा किया जाता है।
  • यह पुरस्कार हर साल गणतंत्र दिवस से पहले के सप्ताह में भारत के राष्ट्रपति देते हैं।

  • बाल कल्याण के लिए पुरस्कार लोगों के साथ-साथ संस्थानों को भी दिए गए। ये पुरस्कार इन कैटेगरीज़ में दिए गए-
  • असाधारण उपलब्धियों के लिये राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- साल 1996 से।
  • राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार (व्यक्तिगत)- साल 1979 से।
  • राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार (संस्था)- साल 1979 से।
  • राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार- साल 1994 से।

साल 2017-18 से ये पुरस्कार इन कैटेगरीज़ में दिए गए-

  • बाल शक्ति पुरस्कार (पहले राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के रूप में जाना जाता था)।
  • बाल कल्याण पुरस्कार (व्यक्तिगत एवं संस्थान)- पहले राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार के रूप में जाना जाता था।
  • वर्ष 2022 से बाल कल्याण पुरस्कार (व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों) को बंद कर दिया गया है और बाल शक्ति पुरस्कार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार योजना के लिए पात्रता

  • बच्चों का भारतीय नागरिक होना और देश में रहना अनिवार्य।
  • बच्चों की उम्र कम से कम 5 साल हो, लेकिन 18 साल से ज्यादा न हो।

ऐसी उपलबधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिनसे समाज को लाभ होता है। इन क्षेत्रों में मिलता है पुरस्कार

  • नवाचार
  • शैक्षिक उपलब्धि
  • खेल
  • कला एवं संस्कृति
  • समाज सेवा
  • बहादुरी

बच्चे देश सेवा के लिए होते हैं प्रेरित

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार बच्चों के लिए ऐसा पुरस्कार है, जिससे वे देश सेवा के लिए प्रेरित होते हैं। इस पुरस्कार का बहुत महत्व होता है, क्योंकि इसे खुद देश के राष्ट्रपति देते हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार युवाओं को किसी घटना, खेल, कार्य, उपलब्धि के लिए भारत सरकार द्वारा दिया जाता है।‌ हर साल इस पुरस्कार को अधिकतम 25 बालकों को दिया जाता है, लेकिन यह सीमा निश्चित नहीं है। क्योंकि इस संख्या को जरूरत के मुताबिक घटाया-बढ़ाया भी जा सकता है। हालांकि इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले बालक की उपलब्धि या कार्य नामांकित होने से 2 वर्ष के भीतर ही होना चाहिए। अगर इससे अधिक समय-सीमा होती है, तो वह इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होता है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का उद्देश्य

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का उद्देश्य बालकों को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे देश हित के लिए कामों को ‌‌करने में रुचि दिखा सकें। वहीं जिन लोगों को ये पुरस्कार मिलता है, उन्हें देखकर बाकी बच्चे भी प्रोत्साहित होते हैं। आपको बता दें कि यह आयोजन हर साल किया जाता है। इसमें बालकों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी पुरस्कृत किया जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बालक इस पुरस्कार का महत्व समझ पाते हैं कि उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है, वह कितनी बड़ी है। इसी के साथ बच्चों को इस पुरस्कार के माध्यम से देश-विदेश में बड़ी पहचान मिलती है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की खास बातें

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार बालकों को प्रोत्साहित करती है।
  • इसके माध्यम से बालकों को नवाचार, शैक्षणिक क्षेत्र, खेल, विज्ञान जैसे क्षेत्र में अच्छा करने के लिए पुरस्कृत किया जाता है।
  • इससे बालकों का हौसला, दृढ़ विश्वास और उत्साह बढ़ता है। वे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां उठाने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • देश-विदेश में बालकों का नाम होता है, उन्हें बड़ी पहचान मिलती है, साथ ही सम्मान मिलता है।
  • इस पुरस्कार के माध्यम से पुरस्कृत बालकों को देखकर दूसरे बच्चे भी प्रेरित होते हैं।
  • बाल पुरस्कार बालक का चयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय के द्वारा किया जाता है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लाभ

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार बालकों के लिए राष्ट्रीय स्तर का सम्मान होता है।
  • पुरस्कार पाने वाले बच्चों को सम्मानित नजर से देखा जाता है, क्योंकि उन्होंने देश हित में योगदान दिया है।
  • इस पुरस्कार को उपलब्धि एवं कार्यों के तौर पर दिया जाता है।
  • इसी के साथ विज्ञान क्षेत्र में कार्यों के लिए भी पुरस्कार दिया जाता है।
  • इन पुरस्कार विजेताओं का चयन महिला एवं बाल विकास कल्याण के द्वारा किया जाता है।
  • बालकों को उनकी उपलब्धि के लिए पदक, प्रशस्ति पत्र, सर्टिफिकेट और 1 लाख रुपए की धनराशि दी जाती है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह का दिल्ली में होता है आयोजन

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह का आयोजन हर साल राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। इस आयोजन के माध्यम से अधिकतम 25 बच्चों को बाल पुरस्कार के लिए चयनित किया जाता है। समारोह का आयोजन नई दिल्ली में किया जाता है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 में 19 बच्चों को इसी साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया था। इन 19 बच्‍चों में 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल थीं। दिल्‍ली स्‍थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में इन सभी बच्‍चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया। इसके अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बच्‍चों से मुलाकात की।

इन बच्चों में 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 9 लड़के और 10 लड़कियां शामिल थीं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 6 श्रेणियों कला और संस्कृति (7), वीरता (1), नवाचार (1), विज्ञान और प्रौद्योगिकी (1), सामाजिक सेवा (4) और खेल (5) में दिए गए। इनमें से एक बच्चे को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 में जिन बच्चों को पुरस्कार मिला, उनकी लिस्‍ट

वीरता श्रेणी- आदित्य विजय ब्रह्मणे (मरणोपरांत) महाराष्ट्र

कला और संस्कृतिक श्रेणी- अनुष्‍का पाठक यूपी, अरिजीत बनर्जी पश्चिम बंगाल, अर्मान उभराणी छत्तीसगढ़, हेतवी कंटिभाई खिमसुरिया गुजरात, इश्फाक हमीद जम्मू-कश्मीर, एमडी हुसैन बिहार, पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया तेलंगाना।

नवाचार श्रेणी- सुहानी चौहान, दिल्ली

विज्ञान और प्रौद्योगिकी- आर्यन सिंह राजस्थान

सामाजिक सेवा- अवनीश तिवारी मध्य प्रदेश, गरिमा हरियाणा, ज्योत्सना आक्तर त्रिपुरा, सैयम मजुमदार असम।

खेल- आदित्य यादव उत्‍तर प्रदेश, चार्वी ए कर्नाटक, जेसिका नेई सारिंग अरुणाचल प्रदेश, लिंथोई चनांबाम मणिपुर, आर सूर्य प्रसाद आंध्र प्रदेश।

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