PM Jan Aushadhi Kendra: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से करें अच्छी कमाई, केंद्र सरकार की योजना का लाभ लेकर ऐसे शुरू करें अपना बिजनेस

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलकर आप भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ आप कैसे ले सकते हैं, आपको किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और आप किस तरह से आवेदन कर सकते हैं?

Update: 2024-07-08 13:26 GMT

रायपुर, एनपीजी डेस्क। केंद्र सरकार लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसी ही एक योजना का नाम है- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलकर आप भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ आप कैसे ले सकते हैं, आपको किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और आप किस तरह से आवेदन कर सकते हैं?

बेहद कम दाम में मिलती हैं दवाईयां

भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत लोगों को बेहद कम दाम पर दवाईयां मिलती हैं। इतना ही नहीं केंद्र की इस योजना का लाभ लेकर अब आप भी पीएम जन औषधि केन्द्र खोल सकते हैं। इससे आप अच्छा मुनाफा भी कमा सकता है।


पीएम जन औषधि केंद्र खोलने के लिए डी फार्मा या बी फार्मा का सर्टिफिकेट जरूरी

पीएम जन औषधि केंद्र के लिए अप्लाई करने के लिए आपको कुछ पात्रता को पूरी करना होगा। अगर आपके पास डी फार्मा या बी फार्मा का सर्टिफिकेट होता है, तो आप पीएम जनौषधि केंद्र खोलने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके साथ ही आपके पास 120 वर्ग फुट की जगह भी होना जरूरी है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए 3 कैटेगरी तय की गई है। पहली कैटेगरी में डॉक्टर, फार्मासिस्ट या फिर रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर आते हैं। दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट प्राइवेट हॉस्पिटल और एनजीओ आते हैं। तीसरी कैटेगरी में ऐसे लोग होते हैं, जिन्हें राज्य सरकार नॉमिनेट करती है।

केवल 5 हजार रुपए में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लिए कर सकते हैं अप्लाई

PM Jan Aushadhi Kendra खोलने के लिए आपको एक आवेदन करना होगा, जिसकी फीस मात्र 5,000 रुपये है। इसके अलावा आपके पास सेंटर खोलने के लिए करीब 120 वर्गफुट की जगह होनी चाहिए। आवेदन प्रक्रिया के दौरान विशेष श्रेणी और विशेष क्षेत्र के आवेदनकर्ताओं को शुल्क में छूट का भी प्रावधान किया गया है।

केंद्र सरकार देती है आर्थिक मदद

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के बाद सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है। केंद्र में 5 लाख रुपये तक की दवाओं की मासिक खरीद पर 15 परसेंट या अधिकतम 15 हजार रुपये प्रति माह तक प्रोत्साहन देने का नियम बनाया गया है। विशेष श्रेणी या क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च के लिए सरकार की ओर से 2 लाख रुपये की एकमुश्त रकम एक्सट्रा प्रोत्साहन राशि के तौर पर दी जाती है।

ये दस्तावेज हैं जरूरी

भारत में रीब 11 हजार से भी ज्यादा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र हैं। सरकार ने ऐसे 25 हजार सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है, जिसे अगले साल में हासिल करने की कोशिश की जाएगी। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास कुछ दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी होता है, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, निवास प्रमाण पत्र और मोबाइल नंबर जरूरी है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर जाकर आवेदन देना होगा।

आवेदन करने का ऑनलाइन प्रोसेस

  • आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर जाएं।
  • होम पेज पर मेन्यू में Apply For Kendra के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • नए पेज पर Click Here To Apply ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • अब Sign in फॉर्म खुलेगा, जिसके नीचे Register now ऑप्शन को चुनें।
  • अब आपकी स्क्रीन पर रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।
  • आवेदन फॉर्म में मांगी गई जानकारियां भरें।
  • इसके बाद ड्रॉप बॉक्स में राज्य सेलेक्ट करें और के आईडी-पासवर्ड सेक्शन में कन्फर्म पासवर्ड दर्ज करें।
  • अब आपको टर्म्स एंड कंडीशंस (नियम और शर्तें) पर टिक करना होगा।
  • इसके बाद सबमिट ऑप्शन पर क्लिक कर दें।
  • इस तरह से आपकी पीएम जन औषधि केंद्र के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने की प्रोसेस पूरी हो जाएगी।
  • कम पूंजी में अपना बिजनेस

जो लोग कम पैसों में अपना रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो सरकार की प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना ऐसे लोगों के लिए है। ये उन लोगों के लिए अपना रोजगार शुरू करने में मदद करती है, जिनके पास ज्यादा पूंजी नहीं है।

जन औषधि केंद्र से आपको इतनी कमाई होगी

जन औषधि केंद्र में दवाओं की बिक्री पर आपको 20 फीसदी तक कमीशन मिलता है। साथ ही सरकार हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी तक का इंसेंटिव देती है। दुकान खोलने के लिए फर्नीचर और अन्य सामानों के लिए 1.5 लाख रुपये तक की मदद मिल जाएगी। बिलिंग के लिए कम्प्यूटर और प्रिंटर खरीदने में भी सरकार 50 हजार की सहायता करती है।

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का उद्देश्य

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का मकसद खासतौर पर गरीब और पिछड़े वर्ग के जरूरतमंदों को कम दाम पर अच्छी क्वालिटी वाली दवाएं उपलब्ध कराना है। यहां पर जेनेरिक दवाएं (Generic drug) मिलती हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए तीन कैटेगरी

  • कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर शुरू कर सकता है।
  • कोई भी ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी सेल्फ हेल्प ग्रुप प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोल सकता है।
  • राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेटेड एजेंसी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोल सकती है।

जेनेरिक दवाओं को लेकर किया जा रहा है लोगों को जागरूक

जेनेरिक दवाएं असल में ब्रांडेड दवाओं जितनी ही असरदार होती हैं, लेकिन इनका किसी के पास पेटेंट नहीं होता, तो इन पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगता और ये कम दाम में मिल जाती हैं। 26 जनवरी को लाल किले से अपने संबोधन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डायबिटीज के इलाज पर हर महीने 3 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। उसकी एक दिन की दवाई 100 रुपये की आती है, मगर जन औषधि केंद्र पर यह आपको 10 से 15 रुपये में मिल जाती है।

पूरी लागत हो जाती है वापस

अगर नॉर्मल इंसेंटिव के जरिए मिलने वाली राहत की बात करें, तो इसमें सरकार दवा की दुकान खोलने में आने वाले खर्च को लौटा देती है। इसमें फर्नीचर पर आने वाले 1.5 लाख रुपए और कम्प्यूटर और फ्रिज रखने में आने वाला 50 हजार रुपए तक का खर्च शामिल है। सरकार इसके लिए 2 लाख रुपए की पूरी लागत लौटाने तक हर महीने अधिकतम 15 हजार रुपए लौटाती रहेगी। यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15% या 15 हजार रुपए में जो ज्यादा हो उसे ही दिया जाता है।

Tags:    

Similar News