नाग पंचमी आज , ज्योतिषाचार्य से जानें कालसर्प दोष की शांति की पूजन विधि

Update: 2022-08-02 03:02 GMT

नई दिल्ली । आज श्रावण मास की शुक्ल पक्षकी पंचमी तिथि है। अंग्रेजी कैलंडर के अनुसार आज यानी 2 अगस्त, मंगलवार को नागपंचमी है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है और दूध से उनका अभिषेक किया जाता है। इस दिन शिव भक्त नागों की पूजा करते हैं, उन्हें दूध पिलाते हैं और आशीर्वाद लेते हैं। नाग को भगवान शिव शंकर ने अपने गले में धारण किया है, इसलिए इस दिन नाग देवता के साथ-साथ शिव जी की पूजा करनी चाहिए। पौराणिक काल से ही नागों को देवताओं की तरह पूजा जाता है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। साथ ही नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु-केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति शिव की पूजा करता है और सर्प देवता की पूजा के साथ रुद्राभिषेक करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

 सावन मास के तीसरे मंगलवार को अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। इस दिन नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त, मंगलवार को है। नाग पंचमी का दिन कालसर्प दोष की शांति के लिए पूजन करना लाभकारी माना जाता है। सावन मास के मंगलवार को नाग पंचमी का त्योहार पड़ने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है।

सुबह स्नान के बाद पूजा के स्थान पर कुश का आसन स्थापित करके हाथ में जल लेकर अपने ऊपर और पूजन सामग्री पर छिड़कना चाहिए। फिर संकल्प लेकर कि मैं कालसर्प दोष शांति हेतु यह पूजा कर रहा हूं। अत: मेरे सभी कष्टों का निवारण कर मुझे कालसर्प दोष से मुक्त करें। तत्पश्चात अपने सामने चौकी पर एक कलश स्थापित कर पूजा आरम्भ करें।

हिंदू धर्म में नाग देवता का विशेष महत्व है। नाग पंचमी के दिन सुख-समृद्धि, खेतों में फसलों की सुरक्षा के लिए नागों की पूजा व पूजा की जाती है। नाग शिव शंकर के गले का आभूषण भी है और भगवान विष्णु की शय्या भी। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन जो लोग रुद्राभिषेक के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं और रुद्राभिषेक करते हैं।नागपंचमी के दिन यदि घर के मुख्य द्वार पर सांप का चित्र बना दिया जाए तो उस घर से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और उस घर के सदस्यों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

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