Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan: युवाओं के लिए खास मौका, कार्यशाला में दिया जाएगा स्टार्टअप ट्रेनिंग, बिना ब्याज के मिलेगा ऋण
राज्य के युवाओं को स्वारोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan) चला रही है।
Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan: लखनऊ: राज्य के युवाओं को स्वारोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan) चला रही है। इसी कड़ी में युवाओं को योजना से जागरुक करने सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग (MSME) 16 जून से सभी जिलों में कार्यशालाओं का आयोजन करने जा रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाली इन कार्यशालाओं में सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग (MSME) की तरफ से युवाओं को अपना उद्यम शुरु करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, साथ ही युवाओं को उद्यम शुरु करने के लिए विशेषज्ञों की तरफ से 70 तरह के विचार दिए जाएंगे।
डेढ़ लाख का ऋण देने का लक्ष्य
जानकारी के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष में सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग (MSME) को डेढ़ लाख का ऋण देने का लक्ष्य दिया है। इसकी पूर्ति के लिए अब विभाग की ओर से जिलेवार रणनीति तैयार की गई है। इसके अनुसार किस-किस जिले में और कौन-कौन सा उद्यम शुरु किया जा सकता है उसे लेकर युवाओं को जागरुक किया जाएगा। पहले चरण में 16 जून से 31 जुलाई तक जिलावार कॉलेज, और विश्वविद्यालय में कार्यकाशाओं के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जागरुक किया जाएगा। इसी के साथ ही जो युवा ऋण लेने के लिए तैयार होंगे उन्हें मौके पर ही ऑनलाइन आवेदन कराने की सुविधा दी जाएगी।
क्या है मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (Mukhyamantri Yuva Udyami Vikas Abhiyan) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के मौके पर शुरु की गई थी। इस योजना के तहत युवाओं को बिना ब्याज और गारंटी के पांच लाख रुपए तक ऋण दिया जा रहा है। इस ऋण के भुगतान के बाद युवा दोबारा बिना ब्याज और गारंटी के 7.5 लाख रुपए ऋण ले सकते हैं। जानकारी के मुताबिक अभी तक 49,252 युवाओं को ऋण वितरित किया जा चुका है। अप्रैल-मई के बीच 20,428 युवाओं को 840 करोड़ रुपए ऋण वितरित किए जा चुके हैं, जबकि बैंकों को 1.10 लाख आवेदन भेजे गए हैं।