करवा चौथ की थाल और मिट्टी का करवा: जानिए कैसे सजाएं करवा की थाल, क्यों लेते हैं मिट्टी का करवा

Update: 2022-10-11 00:30 GMT

करवा चौथ

NPG DESK I करवा चौथ का व्रत महिलाओं के लिए स्पेशल होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन अपने पति के लिए व्रत रखती हैं और दुल्हन की तरह सज कर चांद की पूजा करती हैं। दुल्हन की तरह सजी महिलाओं के हाथ में अगर बेरंग पूजा की थाली हो तो अच्छा नहीं लगेगा। इस बार करवा चौथ पर खुद तैयार होने से पहले अपनी पूजा की थाली की भी सजावट और मिट्टी के करवा के बारे में जान लें।


ऐसे सजाएं करवा चौथ का थाल:- आप करवा चौथ पर पूजा की थाल सजाते होंगे या फिर सजी-सजाई थाल बाजार से लाते होंगे तो इस बार बाजार से महंगी-महंगी पूजा थाल लाने की जरूरत नहीं है। बल्कि कुछ आसान तरीकों से अपनी पूजा की थाली, करवा और चलनी को सजाया जा सकता हैं। करवा चौथ की थाली सजाने के लिए मार्केट से कई वेराइटी के गोटे या लैस ले आएं। कुछ मोटे लैस, कुछ पतले और कुछ मोती वाले लैस से थाल सज जाएगी। लैस को चिपकाने के लिए ग्लू और थाल पर लगाने के लिए पेपर या रैपिंग शीट। स्टोन्स, शीशा या दूसरा कोई सजाने का सामान भी ले सकती हैं। अपनी इच्छानुसार लटकन भी ला सकती हैं।


लैस पर ग्लू लगाकर थाली के चारों तरफ चिपका लें। इसके बाद थाली में अंदर की तरफ पेंदी पर पेपर या रैपिंग शीट बराबर से काटकर चिपका दें।

अगर आप लटकन लगाना चाहती हैं तो थाल के किनारों पर छोटे-छोटे लटकन लटका सकती हैं।

इसी प्रकार पूजा में यूज होने वाले करवा और चलनी को भी लैस से सजा लीजिए। इसके बाद आपकी तरह आपकी पूजा थाल भी सुंदर लगने लगेगी।

अगर आप अपनी सजाई हुई थाल को खराब नहीं करना चाहती हैं तो उसके लिए पूजा के लिए स्टील की थाली की सजावट करने की बजाए दफ्ती की थाल बना लीजिए।


इसके लिए आप हार्ड बोर्ड को मनचाहे आकार (गोल, चौकोर, बर्फी शेप) में काट लें। इस पर रैपिंग शीट या पेपर लगा दें। इसके बाद पानी वाली पाइप पर गोटा लगा कर हार्ड बोर्ड के किनारों पर चिपका दें। इस तरह पूजा के लिए बनाई गई थाल आप हर साल यूज कर सकती हैं।


मिट्टी का करवा क्यों जरूरी:- करवा चौथ पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। और इससे खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है। चांद व छलनी की तरह ही करवा चौथ में मिट्टी के करवे की जरूरत होती है। महिलाएं मिट्टी से तैयार करवे से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं। ट्टी के करवे से ही महिलाएं पानीक्यों पीती है ।


ऐसा इसलिए कि करवा में पांच तत्व होते है जल, हवा , मिट्टी, अग्नि, व आकाश । इससे ही हमारा शरीर भी बना है। करवा में मिट्टी व पानी मिलाया जाता है। मिट्टी और पानी भूमि और जल का प्रतीक हैं। करवे का आकार दे देने के बाद इसे धूप और हवा में रखा जाता है ताकि ये जल्दी सूख जाए, ये आकाश और वायु का प्रतीक है। इसके बाद करवे को आग में तपा कर पक्का किया जाता है जो अग्नि का प्रतीक है। एक करवा तैयार करने में पांचों तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है।


सृष्टि भी इन्ही पांचों तत्वों से मिलकर बनी है और इसी वजह से मिट्टी के करवे का भी महत्व बढ़ जाता है चांद दर्शन हो जाने के बाद मिट्टी के करवे से पानी पिलाया जाता है और इस तरह पांचों तत्वों का समावेश शरीर में होता है। जो स्वस्थ वैवाहिक जीवन की खुशहाली का प्रतीक है।

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