Chhattisgarh : 25 लाख किसानों से 1 करोड़ 7 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीदी

Update: 2023-03-03 09:21 GMT

Chhattisgarh रायपुर 24 फरवरी 2023। छत्तीसगढ़ में तीन महीने तक चले धान खरीदी के महाअभियान में राज्य सरकार ने 107 लाख 51 हजार 858 में मीट्रिक टन धान खरीदी की है. इसी के साथ बड़ा रिकॉर्ड भी राज्य के साथ जुड़ गया है. देश में सावधिक किसानों से धान खरीदने का रिकॉर्ड अब छत्तीसगढ़ के नाम हो गया है. इसके अलावा देश में सर्वाधिक धान खरीदी करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर आ गया है. इसमें पहले स्थान पर पंजाब है. राज्य बनने के बाद से अब तक की ये रिकार्ड धान खरीदी है। सिर्फ खरीदी ही नहीं, बल्कि कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स ने 90 लाख टन धान भी उठा लिया है। पिछले साल 98 लाख टन धान की खरीदी की गई थी। इसमें से 22 लाख टन संग्रहण केंद्रों में लाया गया था। जबकि इस बार केवल 3 लाख टन ही संग्रहण केंद्रों तक लाना पड़ा, यानी करीब 19 लाख टन की ट्रांसपोर्टिंग और लोडिंग-अनलोडिंग का खर्च बचा। राज्य सरकार ने इस साल 110 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था। सरकार ने जो 1 करोड़ 7 लाख टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की है, उसमें से 61 लाख टन धान केंद्र सरकार के हिस्से में जाएगा। इसमें से 45 लाख टन एफसीआई को भेजा जाएगा। 16 लाख टन राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना के लिए। 10-12 लाख टन राज्य शासन की खाद्य स्कीमों में। सरकार के पास 27 से 29 लाख टन धान बचेगा। धान बेचने के एवज में इस बार किसानों की जेब में 22 हजार करोड़ रुपए जाएंगे। पिछले साल 20 हजार करोड़ रुपए गए थे, जिससे इस बार की रकम 2 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। किसानों को धान खरीदी के बोनस की किस्तें देने का सिलसिला भी अब शुरू होगा। सरकार ने पिछले साल मोटा धान 1968 रुपए क्विंटल खरीदा था, जिसे इस बार 2040 रु में खरीदा गया। इसी तरह पतला धान भी पिछले साल 1988 रपए क्विंटल खरीदा था, जिसे इस साल 2060 रु में खरीदा गया।

2617 केंद्रों में हुई धान की खरीदी

छत्तीसगढ़ में खेती का रकबा भी बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो गया है। इस साल राज्य में 24.98 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 2.32 लाख नए किसान शामिल हैं। धान बेचने में किसानों को कोई परेशानी न हो, इसलिए इस साल राज्य में 135 नए खरीदी केन्द्र शुरू किए गए। इससे राज्य में धान खरीदी के लिए 2617 केन्द्र हो गए। सामान्य धान 2040 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा। इसी तरह राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी के चलते प्रदेश के किसानों ने धान विक्रय किया।

249 नए राइस मिलर्स

रिकार्ड धान खरीदी के साथ ही इस बार राइस मिलर्स ने भी पंजीयन में रिकार्ड बनाया है। एक ही सीजन में 249 नए मिलर्स ने पंजीयन कराया। ये रायपुर संभाग, दुर्ग, धमतरी, जांजगीर चांपा आदि जिलों के हैं। खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा के अनुसार मुनाफे की वजह से मिलर्स का इस ओर झुकाव बढ़ा है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ प्रदेश राईस मिलर्स एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार की बेहतर नीति के फलस्वरूप किसानों के साथ-साथ राईस मिलर्स भी खुशहाल हैं। यही वजह है कि राज्य में हर साल जहां एक ओर कृषि रकबा, उत्पादन सहित कृषकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर राईस मिलों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य में राईस मिलों के संचालन के लिए माहौल उपयुक्त होने के कारण इस साल 249 नई राईस मिले स्थापित हुई हैं। वहीं पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है। उन्होंने कहा कि राईस मिलरों के हित को ध्यान रखते हुए हमने कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए कर दी गई है। शासन के इस फैसले से राज्य के चावल उद्योग और राईस मिलर्स को नई ताकत मिल गई है।

किसानों को 22 हजार करोड़ रुपए का भुगतान

एक नवंबर से एमएसपी पर 2022-23 खरीफ सीजन में धान खरीदी की शुरुआत की गयी. यह प्रक्रिया 31 जनवरी को समाप्त हुई. इस बीच राज्य में 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा. राज्य सरकार ने किसानों से कुल 107 लाख 51 हजार 858 में मीट्रिक टन धान की खरीदी की. इसके एवज में सरकार ने किसानों को 22 हजार 37 करोड़ रुपए का ऑनलाइन भुगतान किया है. ये एमएसपी की राशि है. इसके अलावा राज्य सरकार प्रति एकड़ में इनपुट सब्सिडी के रूप नौ हजार रुपए अलग से देगी. इस सीजन में धान बेचने के लिए राज्य में 24 लाख 98 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया था. इनमें से 23 लाख 41 हजार 935 किसान धान बेच पाए हैं. करीब एक लाख 58 हजार ऐसे किसान हैं, जिन्होंने एमएसपी पर धान नहीं बेचा. इसके बाद भी राज्य सरकार ने देश में बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं. समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के हिसाब से यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि दूसरे राज्य इसके आसपास भी नहीं हैं.

साल दर साल बढ़ रही किसानों की संख्या

छत्तीसगढ़ में राज्य गठन के बाद पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में धान खरीदी की गयी है. पिछले साल 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गयी थी. पिछले साल के रिकॉर्ड को इस साल राज्य सरकार ने तोड़ दिया है. राज्यों में किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसके साथ खेती की जमीन भी बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार ने दावा किया है कि धान का रकबा 32.19 लाख हेक्टेयर हो गया गया है. हर साल किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस सीजन 2 लाख नए किसानों ने पंजीयन करवाया है. छत्तीसगढ़ में किसानों को धान का मूल्य देश में सबसे ज्यादा मिलता है. केंद्र सरकार की तरफ से तय एमएसपी के अनुसार किसानों को पेमेंट किया जाता है. इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ नौ हजार रुपए की सब्सिडी चार किस्तों में दी जाती है. इससे किसानों को धान का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य 2500 रुपए से अधिक हो जाता है. इसलिए राज्य में लगातार धान के किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. धान का रकबा भी बढ़ रहा है.

100 किलो धान में 67 किलो बनता है चावल

अरवा में 100 किलो धान में 67 किलो चावल बनता है। उसना में 100 किलो दान में 68 किलो चावल बनता है। चावल की पैरा व भूसी से दो दर्जन पावर प्लांट चलते हैं। भट्‌ठों में ईंटें पकाने के लिए पैरा-भूसे का उपयोग होता है। राइस ब्रान आइल बनता है। इसे कोलेस्ट्रॉल फ्री मानते हैं। टूटा चावल यानी कनकी भी अच्छी कीमत पर बिकती है। कनकी चीन तक जाती है। वहां मोमोस जैसी चीजें बनती हैं।

Tags:    

Similar News