Beautiful tourist places of Chhattisgarh: बारिश में निखर जाती है इन जगहों की खूबसूरती, नैसर्गिक सुंदरता देख खिल जाएगा आपका मन, मानसून में बनाएं यहां आने का प्लान

आज हम आपको छत्तीसगढ़ की उन चुनिंदा जगहों के बारे में बताएंगे, जिनकी सुंदरता बारिश के मौसम में और अधिक निखर जाती है। बारिश के मौसम में आप यहां परिवार के साथ आने का प्लान बना सकते हैं।

Update: 2024-06-18 09:58 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून हिट कर चुका है, वहीं राजधानी रायपुर में भी जल्द ही दस्तक देने वाला है। ऐसे में बारिश के मौसम में छत्तीसगढ़ में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जहां आकर आप यहां की नैसर्गिक खूबसूरती में खो जाएंगे। आज हम आपको बताएंगे प्रदेश की ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में, जिनकी सुंदरता बारिश के मौसम में और अधिक निखर जाती है।

दरअसल छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने प्राकृतिक सुंदरता खूब दी है। यहां के जंगल, पहाड़, नदियां देख किसी का भी मन खिल सकता है। प्रकृति से भरपूर ये राज्य विशाल वनों से घिरा हुआ है। छत्तीसगढ़ में ऐसी कई खूबसूरत जगहें मौजूद हैं, जहां हर हर साल हजारों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। खासतौर पर मानसून में यहां देश-विदेश से लोग प्राकृतिक नजारों का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं।

बस्तर का चित्रकोट जलप्रपात

बस्तर जिले में स्थित चित्रकोट जलप्रपात को देख किसी का भी मन यहां रह जाने को करेगा। ये वॉटरफॉल छोटे-बड़े पहाड़ और घने जंगल से घिरा हुआ है। मानसून में जलस्तर बढ़ जाने से यहां का नजारा और भी खूबसूरत लगने लगता है। आप वॉटरफॉल के आसपास ट्रैकिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं।


चित्रकोट जलप्रपात को कहा जाता है भारत का नियाग्रा 

घोडे़ की नाल के समान मुख के कारण इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। इस जलप्रपात की ऊंचाई 90 फुट है। इसका रंग पहर के हिसाब से बदलता रहता है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इंद्रावती नदी पर ये जलप्रपात है।

पानी की छोटी-छोटी बूंदें पैदा करती हैं आसपास कोहरे जैसा नजारा

गोदावरी की सहायक नदी इंद्रावती पर चित्रकोट नाम की जगह पर ये वॉटरफॉल भारत का विशालतम जलप्रपात है। बारिश के मौसम में इसका विस्तार अधिकतम होता है। उस समय इसके पाट की चौड़ाई डेढ़ सौ मीटर तक पहुंच जाती है। इस जगह पर इंद्रावती नदी की जलधारा 90 फीट की ऊंचाई से तेज आवाज के साथ गिरती है। इस विशाल जलराशि के नीचे गिरने से पैदा होने वाली जल की छोटी-छोटी बूंदें आसपास कोहरे जैसा नजारा पैदा करती हैं। सूर्योदय व सूर्यास्त के समय इसकी छटा और निराली लगती है, क्योंकि तब इस पर पड़ने वाली सूर्य की किरणें इंद्रधनुषी प्रभाव पैदा करती हैं।

चिरमिरी हिल स्टेशन

चिरमिरी हिल स्टेशन छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित है। ये जो प्राकृतिक रूप से बेहद समृद्ध है। यहां चारों ओर हरियाली और झरने आपको मिल जाएंगे। यह जगह समुद्र स्तर से 579 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चिरमिरी में घने जंगल होने के कारण यहां तरह-तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं। इस पहाड़ी स्टेशन को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाता है। इस प्राकृतिक रूप से समृद्ध स्थान पर कई कोयले की खदान भी हैं। यहां आपको अमृत धारा, अकूरी नाला, रामाधा जैसे झरने देखने को मिलेंगे।


ऐसे पहुंचे चिरमिरी हिल स्टेशन

अगर आप हवाई मार्ग से चिरमिरी पहुंचना चाहते हैं, तो आपको पहले रायपुर में स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे आना होगा। यहां से चिरमिरी करीब 318 किलोमीटर दूर है, जहां पहुंचने में आपको 7 से 8 घंटे लगेंगे। आप एयरपोर्ट से टैक्सी या बस से चिरमिरी पहुंच सकते हैं। अगर आप ट्रेन से यहां पहुंचना चाहते हैं, तो आपको अंबिकापुर रेलवे स्टेशन आना होगा। यहां से चिरमिरी करीब 99 किलोमीटर दूर है। अंबिकापुर आने के लिए आपको देश के सभी हिस्सों से ट्रेन मिलेंगी।


कांगेर घाटी नेशनल पार्क

भारत के सबसे घने जंगलों में छतीसगढ़ का कांगेर घाटी नेशनल पार्क भी शामिल है। यह पार्क समृद्ध जैव विविधता, लुभावने दृश्य और प्राकृतिक झरने के लिए मशहूर है। यह पार्क लगभग 200 किमी के दायरे में फैला हुआ है। मानसून के समय यहां काफी संख्या में सैलानी घूमने के लिए पहुंचते रहते हैं। यहां आप जीप सफारी का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

कोंडागांव के केशकाल घाट स्थित टाटामारी

कोंडागांव जिले में केशकाल घाट में स्थित है टाटामारी ईको पर्यटन क्षेत्र। ये जगह कैंपिंग और ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए बेस्ट है। इसे पर्यटन सर्किट में जोड़कर नई पहचान दी गई है। यहां ठहरने के लिए सरकारी कॉटेज भी हैं। कैम्पिंग, डोरमेट्री के अलावा वीआईपी कॉटेज बनाए गए हैं, जहां लग्जरी रूम की व्यवस्था है।


जगदलपुर मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूरी पर केशकाल की पहाड़ियों में बने टाटामारी ईको पर्यटन स्थल की खूबसूरती देखने लायक है। पूरे केशकाल में 17 से भी ज्यादा वाटरफॉल्स हैं। घने जंगलों के बीच स्थित कुएंमारी भी लोगों को आकर्षित करता है।

कांकेर का चर्रे-मर्रे झरना

कांकेर जिले का चर्रे-मर्रे झरना मानसून के मौसम में घूमने के लिए शानदार जगह है। यहां 16 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला साफ पानी देखने लायक होता है। यह पानी पहाड़ियों और हरे-भरे पेड़ों से होकर गुजरता है। आप यहां आकर बहुत सुकून महसूस करेंगे।


परसु टोला नौकायन और सर्फिंग के लिए मशहूर

कांकेर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित परसु टोला नौकायन और सर्फिंग के लिए मशहूर है। वहीं कांकेर स्थित शिवानी मंदिर इस क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी काली मां और देवी दुर्गा मां को समर्पित है। मान्यता है कि मंदिर में स्थापित प्रतिमा का आधा हिस्सा देवी काली मां और शेष आधा भाग दुर्गा मां का है।

Tags:    

Similar News