धनतेरस: जानिए कब है ‘धनतेरस’ का त्योहार, जानें पूजा विधि,महत्व और शुभ मुहूर्त….

Update: 2020-11-09 03:44 GMT

नईदिल्ली 9 नवंबर 2020। धनतेरस का पर्व कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन खरीदारी करना बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खरीदारी से धन समृद्धि बढ़ती है। धनतेरस पर कुबेर देव की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर ही धनवन्तरि अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। तभी से धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है।

इस बार ये त्योहार ‘धनतेरस’ 13 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा, इस दिन लोग घरों के लिए बर्तन और सोना-चांदी खरीदते हैं। ‘धनतेरस’ के दिन कुबेर के अलावा देवता यम की भी पूजा का भी करते हैं,जिसके पीछे मान्यता है कि इनकी पूजा से घर में असमय मौत का भय नहीं रहता है।

‘धनतेरस’ की पूजा का शुभ मुहूर्त ( तीन समयकाल शुभ हैं) सुबह 5:59 से 10:06 बजे तक सुबह 11:08 से दोपहर 12:51 बजे तक दोपहर 3:38 मिनट से शाम 5:00 बजे तक ‘धनवंतरि’ की भी पूजा ‘धनतेरस’ सुख, धन और समृद्धि का त्योहार माना जाता है।

इस दिन ‘धनवंतरि’ की भी पूजा की जाती है। ‘धनवंतरि’ चिकित्सा के देवता भी हैं इसलिए उनसे अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती है। पुराणों के मुताबिक जब देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन हुआ तब समुद्र से चौदह रत्न निकले थे, जिसमें से एक रत्न अमृत था। भगवान विष्णु देवताओं को अमर करने के लिए ‘धनवंतरि’ के रूप में प्रकट होकर कलश में अमृत लेकर समुद्र से निकले थे, इसलिए कहा जाता है कि ‘धनवंतरि’ की पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

‘धनवंतरि’ ने ही सुश्रुत संहिता लिखी थी, ये ही सुश्रुत विश्व के पहले सर्जन (शल्य चिकित्सक) थे। कहते हैं कि शंकर ने विषपान किया, ‘धनवंतरि’ ने अमृत प्रदान किया और इस प्रकार काशी कालजयी नगरी बन गयी। ‘धनतेरस’ के दिन ‘धनवंतरि’ की पूजा करने के बाद इंसान की हर कामना पूरी होती है और उसे शुभ लाभ मिलता है।

‘धनतेरस’ के दिन लोग घरेलू बर्तन खरीदते हैं, वैसे इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चन्द्रमा शीतलता का मानक है, इसलिए चांदी खरीदने से मन में संतोष रूपी धन का वास होता है क्योंकि जिसके पास संतोष है वो ही सही मायने में स्वस्थ, सुखी और धनवान है।

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