मशहूर संगीतकार की मौत: हिंदी सिनेमा जगत के संगीतकार ने घर पर ली अंतिम सांस , इन फिल्मों और सीरियल में दिया था संगीत

Update: 2021-05-07 04:00 GMT

मुंबई 7 मई 2021। हिंदुस्तानी और पाश्चात्य शास्त्रीय संगीत पर बराबर की पकड़ रखने वाले प्रसिद्ध संगीतकार वनराज भाटिया का शुक्रवार सुबह मुंबई में अपने आवास पर निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। भाटिया दिल्ली विश्वविद्यालय में संगीत के पांच साल तक रीडर भी रहे। श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत करने वाले वनराज भाटिया देश के पहले संगीतकार रहे जिन्होंने विज्ञापन फिल्मों के लिए अलग से संगीत रचने की शुरूआत की।


फिल्मों और सीरियल में दिया संगीत
वनराज भाटिया ने फिल्म ‘36 चौरंगी लेन’, ‘जाने भी दो यारो’, ‘तरंग’, ‘द्रोह काल’, ‘अजूबा’, ‘बेटा’, ‘दामिनी’, ‘घातक’, ‘परदेस’, ‘चमेली और ‘रुल्स: प्यार का सुपरहिट फॉर्मूला’ के लिए संगीत तैयार किया। उन्होंने टीवी शो ‘भारत एक खोज’, ‘खानदान’, ‘वागले की दुनिया’, ‘नकाब’ और ‘बनेगी अपनी बात’ सहित अन्य में संगीत दिया। वनराज भाटिया ने करीब सात हजार जिंगल्स बनाए जिनमें लिरिल और ड्यूलक्स जैसी कंपनियां हैं। फिल्म ‘तमस’ के लिए 1988 में उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इसके अलावा साल 2012 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।वनराज भाटिया का जन्म 31 मई 1927 को मुंबई में हुआ। उन्होंने लंदन के रॉयल एकेडमी ऑफ म्यूजिक से पढ़ाई की। 1959 में वो भारत लौटे थे। उन्होंने पहली बाहर श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ के लिए बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया था। वनराज भाटिया के निधन पर मनोरंजन उद्योग में शोक की लहर है।
कई बड़ी हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि

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