कोरोना का आतंक: इस राज्य में लगेगा सम्पूर्ण लॉकडाउन!… बैठक में बोले CM- थोड़ी तकलीफ सहनी होगी, अब कोई विकल्प नहीं बचा…

Update: 2021-04-10 10:31 GMT

मुंबई 10 अप्रैल 2021. महाराष्ट्र में लॉकडाउन लगेगा या नहीं इसका फैसला कल यानी रविवार को टास्क फोर्स की बैठक में होगा. राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई. राज्य में लॉकडाउन पर गहन चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में हर पहलू पर चर्चा हुई. बैठक में सीएम उद्धव ने कहा कि राज्य में अगर केस कम नहीं हुए तो 21 अप्रैल तक स्थिति बेहद खराब हो जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि ये वक्त लॉकडाउन का है, लॉकडाउन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. दुनिया ने लॉकडाउन को स्वीकार किया है. हालांकि अब अंतिम फैसला कल लिया जाएगा.

इस बैठक में सीएम उद्धव ने कहा कि अब कोई कड़ा निर्णय लेना ही होगा. 15 से 20 अप्रैल के बीच राज्य में कोरोना की स्थिति और भी भयावह हो जायेगी. संपूर्ण लॉकडाउन लगाना ही एक मात्र विकल्प नजर आ रहा है. जबकि भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संपूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं.

बता दें कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार हर दिन 50 हजार से ज्यादा नये मामले सामने आ रहे हैं. सरकार ने इससे निपटने के लिए राज्य में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन भी लगा रखा है. इस शनिवार और रविवार को पहला वीकेंड लॉकडाउन है. फडणवीस ने पहले भी कहा है कि सरकार को आम लोगों के बारे में सोचना चाहिए और गरीबों को आर्थिक मदद देने पर विचार करना चाहिए.

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी दल के नेताओं के साथ बात ही. उन्होंने कहा कि अब कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है. लॉकडाउन का वक्त नजदीक आ गया है. लॉकडाउन ही इस वायरस के संक्रमण को रोकने का बेहतर विकल्प होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. युवा पीढ़ी इस संक्रमण की चपेट में ज्यादा आ रही है.

संपूर्ण लॉकडाउन का विरोध करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार को एक बार और विचार करना चाहिए. मध्यम वर्ग और गरीबों के बारे में सोचना चाहिए. सरकार यह सुनिश्चित करे कि आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द जारी की जाए. इससे संक्रमण से लड़ने में मदद मिलेगा. उन्होंने कहा कि संपूर्ण लॉकडाउन के कारण लोग भयभीत हो जायेंगे और उनका गुस्सा फूट पड़ेगा. और भी कुछ कड़े प्रतिबंध लगाकर सरकार इसके प्रसार को रोक सकती है.

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