कोरोंना वाइरस पर कलेक्टर रानू साहू की अपील, कहा- व्यक्तिगत और सामूहिक ज़िम्मेदारी से इस वाइरस के प्रभाव से निपटा जा सकता है…

Update: 2020-03-19 15:29 GMT

रायपुर 19 मार्च 2020। जैसा कि हम सभी को विदित है की कोरोंनावाइरस का फैलाव पूरे विश्व में हो रहा है । WHO ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है। भारत में भी इसका प्रभाव आ चुका है । हाल ही में छत्तीसगढ़ में भी कोरोंना का एक प्रकरण सामने आया है।

आप सभी ज़िलावसियों से मेरी अपील है की संकट की इस घड़ी में घबराने की नहीं बल्कि सतर्क होने की आवश्यकता है। सतर्कता और सावधानी तथा व्यक्तिगत और सामूहिक ज़िम्मेदारी से इस वाइरस के प्रभाव से निपटा जा सकता है।

सबसे पहले तो में यह बताना चाहूँगी की कोरोंना वाइरस फैलता कैसे है।जब कोई कोरोना से इंफ़ेक्टेड व्यक्ति के सम्पर्क में अन्य व्यक्ति आते है तो उसके लार/ छींक से इस बीमारी के वाइरस अन्य व्यक्ति के शरीर/कपड़े/ मुँह में या किसी वस्तु के सतह में जाते है और जब उस स्थान /वस्तु को कोई स्वस्थ व्यक्ति छूता है एवं छू कर अपने नाक या मुख में स्पर्श करता है तो यह वाइरस उस व्यक्ति के शरीर में भीप्रवेश कर जाता है।

वाइरस के प्रवेश करने के अधिकतम१४ दिन तक किसी भी प्रकार का लक्षण नहीं दिखाई देता, अर्थात् वह व्यक्ति बाहर से पूरी तरह से स्वस्थ दिखता है किंतु उसके अंदर कोरोंना के वाइरस होते है। इन १४ दिनो को “इंक्युबेशन पिरीयड” कहते है।यह १४ दिवस की अवधिअन्य लोगों के लिए सर्वाधिक घातक होता है, क्योंकि प्रभावित व्यक्ति इस दौरान सैकड़ों लोगों से मिलेगा बाज़ार, माल, मंदिर, रिश्तेदार दोस्तों के घर, पार्क , होटेल और ना जाने कहा जावेगा, क्योंकि उसको खुद को ही नहीं पता होगा की वह इस बीमारी से पीड़ित है।और १४ दिन बाद इस बीमारी के लक्षण स्पष्ट रूप से बुख़ार, सर्दी , कफ , साँस लेने में परेशानी के रूप में दिखाई देगा, शायद तब तक काफ़ी लोगों को वह अनजाने में ही बीमारी दे जावेगा।

अतः आप सभी बालोद ज़िलावासीयों से मेरा विनम्र आग्रह है की यथा सम्भव सार्वजनिक स्थान एवं कार्यक्रम में जाना कम करे। अत्यंत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले, क्योंकि आप नहीं जानते जिनसे आप मिल रहे है वह इस बीमारी से पीड़ित भी हो सकता है।घर से निकलना आवश्यक हो तो अन्य व्यक्ति से १ मीटर की पर्याप्त दूरी बना कर रखे। हर १-२ घंटे में हाथ साबुन से धोए। छींकते खांसते समय रूमाल का प्रयोग करे।बच्चों और बुजुर्गों का ख़ास ध्यान रखे।अपने मुँह को हाथ से ना छुये। हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर अभिवादन करे।सर्दी ,छींक और बुख़ार होने पर तत्काल निकट के स्वास्थ्य केंद्र में ज़ावे
आपकी सतर्कता और सावधानी से ही इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।

आप ये ना सोंचे की मात्र मेरे सावधानी से क्या हो जाएगा, समाज के हर एक व्यक्ति महिला, पुरुष, वृद्ध, युवा, बच्चे सभी की सावधानी और सतर्कता ज़रूरी है।

मैं आशा करती हूँ की हम सब के सामूहिक ज़िम्मेदारी प्रयास और सावधानी से हम छत्तीसगढ़वासी इस बीमारी को फैलने से रोक पाएँगे।
जय जोहार
रानू साहू
कलेक्टर बालोद

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